नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। बॉलीवुड अभिनेता आर माधवन ने एक बार फिर सामाजिक और शैक्षणिक विषयों पर अपनी बेबाक राय रखी है। इस बार उनका ध्यान गया है एनसीईआरटी की इतिहास की किताबों की ओर, जहां उन्होंने भारतीय इतिहास में संतुलन की कमी पर सवाल खड़े किए हैं। आर माधवन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए कहा, “इतिहास की किताबों में मुगलों पर आठ चैप्टर और दक्षिण भारत के महान चोल वंश पर सिर्फ एक चैप्टर क्यों? यह फैसला किसने लिया?”
मुगलों पर ज्यादा चैप्टर क्यों हैं?
आर माधवन ने हाल ही में बातचीत के दौरान कहा, ‘जब मैंने स्कूल में इतिहास की किताब पढ़ी थी तो मुगल वंश पर आठ चैप्टर थे, वहीं दक्षिण के चोल वंश पर बस एक चैप्टर था। अंग्रेजों के शासन और आजादी के संघर्ष पर भी चार चैप्टर है। सोचिए, अंग्रेजों और मुगलों ने मिलाकर 800 साल राज किया। जब चोल वंश का शासन 2400 साल का था, वह एक महान विरासत थी। रोम, कंबोडिया तक उनका शासन फैला हुआ था। मगर किताबों में एक चैप्टर में ही चोल वंश को सीमि कर दिया गया।
आर माधवन ने कहा
आगे आर माधवन कहते हैं, ‘ जिस चोल वंश ने जैन, बौद्ध और हिंदू धर्म को चीन तक पहुंचाया। कोरिया में आज भी तमिल भाषा के शब्द बोले जाते हैं, क्योंकि चोल वंश के संबंध वहां तक थे। इसके बावजूद इतिहास की किताबों में चोल वंश पर एक चैप्टर है। ये इतिहास की किताबें, सेलेब्स किसने तैयार किया है? आज लोग तमिल भाषा को नहीं जानते हैं, जबकि यह सबसे पुरानी भाषा है।’
आर माधवन की फिल्में
हाल ही में आर माधवन फिल्म ‘केसरी 2’ में नजर आए थे। इस साल वह फिल्म ‘धुरंधर’ और ‘आप जैसा कोई’ जैसी फिल्मों का हिस्सा भी बनेंगे।