Friday, April 26, 2024
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आइए जानते हैं कौन थे राजा महेंद्र प्रताप सिंह ?

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह के लिए अलीगढ़ पहुंचे हैं। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए लाखों की संख्या में लोग इकट्ठे हुए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2019 में जब राज्य स्तरीय इस विश्वविद्यालय की घोषणा की थी तब से ही यह चर्चा में है। लेकिन क्या आप जानते हैं कौन थे राजा महेंद्र प्रताप सिंह जिनके नाम पर बन रहे विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में पीएम मोदी आज अलीगढ़ पहुंचे हैं?

कौन थे राजा महेंद्र प्रताप सिंह

राजा महेंद्र प्रताप सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के मुरसान रियासत के राजा थे। जाट परिवार से निकले राजा महेंद्र प्रताप सिंह की गिनती अपने क्षेत्र के पढ़े-लिखे लोगों में होती थी। उन्हें उनकी लेखनी और पत्रकारिता के लिए भी याद किया जाता है। उन्होंने पहले विश्वयुद्ध के दौरान अफगानिस्तान जाकर भारत की पहली निर्वासित सरकार बनाई थी और इसके राष्ट्रपति बने थे।

अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ लड़ा था चुनाव

1957 के आम चुनाव में तो राजा महेंद्र प्रताप ने अटल बिहारी वाजपेयी को करारी शिकस्त दी थी। इन चुनावों में मथुरा लोकसभा सीट से राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने चुनाव लड़ा था।

इस चुनाव में लगभग 4 लाख 23 हजार 432 वोटर थे। जिसमें 55 फीसदी यानि लगभग 2 लाख 34 हजार 190 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। 55 फीसदी वोट उस वक्त पड़ना बड़ी बात होती थी।

इस चुनाव में जीते निर्दलीय प्रत्याशी राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने भारतीय जन संघ पार्टी के उम्मीदवार अटल बिहारी वाजपेयी की जमानत तक जब्त करा दी थी।

क्योंकि नियमानुसार कुल वोटों का 1/6 वोट नहीं मिलने पर जमानत राशि जब्त हो जाती है। अटल बिहारी को इस चुनाव में 1/6 से भी कम वोट मिले थे।

जबकि राजा महेंद्र प्रताप को सर्वाधिक वोट मिले और वह विजयी हुए थे। इसके बाद राजा ने अलीगढ़ संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा जिसमें उन्हें जनता का जबरदस्त विरोध सहना पड़ा था।

कांग्रेस के साथ शुरूआत से ही नहीं बनती थी बात

जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उनकी विदेश नीति में जर्मनी और जापान मित्र देश नहीं रहे थे और राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने इन देशों से मदद मांगकर आजादी की लड़ाई शुरू की थी। ऐसे में राजा महेंद्र प्रताप सिंह को शुरू से ही कांग्रेस में बहुत ज्यादा तरजीह नहीं मिली।

राजा महेंद्र प्रताप को लेकर क्या थे गांधी जी के विचार

भले ही राजा महेंद्र प्रताप कांग्रेस में शामिल न हुए हों लेकिन उनके काम की धमक जरूर कांग्रेस तक पहुंच गई थी। उन पर लिखी एक किताब ‘अभिनंदन ग्रंथ’ लिखी गई है जिसमें महात्मा गांधी के विचारों को भी जगह मिली है।

उसमें कहा गया है कि गांधी ने राजा महेंद्र प्रताप के बारे में कहा था कि, राजा महेंद्र प्रताप के लिए 1915 में ही मेरे हृदय में आदर पैदा हो गया था।

उससे पहले भी उनकी ख्याति का हाल अफ्रीका में मेरे पास आ गया था। उनका पत्र व्यवहार मुझसे होता रहा है जिससे मैं उन्हें अच्छी तरह से जान सका हूं। उनका त्याग और देशभक्ति सराहनीय है।

एएमयू के लिए जमीन देने को लेकर क्या कहती है यूनिवर्सिटी

राजा महेंद्र प्रताप सिंह के एएमयू के निर्माण में उनके योगदान के बारे में पूछे जाने पर यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता उमर पीरजादा ने कहा, राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को 1929 में 3.8 एकड़ की जमीन लीज पर दी थी।

यह जमीन मुख्य कैंपस से अलग शहर की ओर है जहां आज आधे हिस्से में सिटी स्कूल चल रहा है और आधा हिस्सा अभी खाली है।

राजा महेंद्र प्रताप सिंह के योगदान को यूनिवर्सिटी कैंपस में किस तरह से संजोया गया है, इस बारे में पूछने पर उमर पीरजादा ने बताया, हम लोगों की सेंट्रल लाइब्रेरी, मौलाना आजाद लाइब्रेरी में उनकी बड़ी तस्वीर लगी है, उन पर कई किताबें हम लोगों ने खास तौर पर रखी हैं और समय-समय पर उनके सम्मान में सेमिनार और संगोष्ठियां होती रही हैं।

वृंदावन में भी बनवाया था प्रेम महाविद्यालय

अलीगढ़ के पड़ोसी जिले मथुरा के वृंदावन में स्थित राजा महेंद्र प्रताप सिंह की समाधि अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान देने वाले राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने वृंदावन में अपनी जमीन पर प्रेम नाम से महाविद्यालय व इंटर कॉलेज बनवाया था।

यह महाविद्यालय स्वतंत्रता संग्राम का साक्षी रहा है। इसके सामने यमुना किनारे स्थित उनकी समाधि है, जो अब बदहाल स्थिति में है।

यहां के लोगों ने उनके समाधि स्थल को विश्व घाट के रूप में विकसित करने की मांग उठाई है। प्रेम महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. देव प्रकाश शर्मा ने वृंदावन स्थित राजा महेंद्र प्रताप की समाधि की दुर्दशा पर चिंता जताई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप के नाम से बनने जा रहे राजकीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने के लिए आ रहे हैं।

लेकिन वृंदावन स्थित राजा साहब की समाधि स्थल की ओर किसी का ध्यान नहीं है। उन्होंने राजा साहब को भारत रत्न की मांग भी उठाई है।

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