- मृतक के परिजनों ने पुलिस और किशोरी पर लगाया झूठा फंसाने का आरोप
जनवाणी ब्यूरो |
गाजियाबाद: मसूरी थाना क्षेत्र में स्थित जिला कारागार में दुष्कर्म के आरोप में बंद आरोपी ने मंगलवार की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह चोरी छुपे जेल के विद्युत रूम में पहुंचा और वहां बिजली के तार के सहारे पंखे से लटक गया। जेल में हुई इस आत्महत्या के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मृतक के परिजनों ने पिलखुवा पुलिस और किशोरी पर झूठा फंसाने का आरोप लगाया है।
मिली जानकारी के अनुसार बुलंदशहर के ग्राम स्याना का रहने वाला 10 सितंबर से जिला जेल में बंद था। उस पर पिलखुवा के ग्राम छिजारसी में रहने वाली किशोरी के साथ दुष्कर्म करने का आरोप था। बताया गया है कि ग्राम छिजारसी में 19 वर्षीय शिवम के पिता सुंदर मदर डेरी पर काम करते हैं। एक महीने के लिए शिवम भी पिता के पास काम करने के लिए पहुंचा था। तभी उस पर एक किशोरी ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की। जिसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल मुकदमा दर्ज करके आरोपी को जेल भेज दिया।
10 सितंबर से शिवम जेल में बंद था। मंगलवार की रात वह चोरी छुपे जेल के विद्युत रूम में पहुंचा और बिजली के तार के सहारे पंखे से लटक गया। कैदियों की गिनती के दौरान शिवम नहीं मिला तो जेल प्रशासन के होश उड़ गए और उसकी तलाश की गई। जिसके बाद वह फांसी पर लटका हुआ मिला। इससे एकाएक पुलिस प्रशासन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया और वह मौके पर पहुंचे।
उधर, मृतक के परिजनों का आरोप है कि शिवम को बलात्कार के मामले में झूठा फंसाया गया था। किशोरी रकम की डिमांड कर रही थी, जबकि पुलिस भी पैसा मांग रही थी। मांग पूरी न होने पर शिवम को जेल भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की जांच पड़ताल कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।