- शॉप्रिक्स मॉल के पास हुई घटना की जांच रिपोर्ट आज तक भी नहीं हुई सार्वजनिक
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रैपिड ट्रेन की विभिन्न निर्माणाधीन साइट्स पर आए दिन होने वाले हादसों पर भले ही एनसीआरटीसी अपना बयान जारी कर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेता हो, लेकिन एनसीआरटीसी को अपनी जिम्मेदारियों से मूंह नहीं मोड़ना चाहिए। पिछले कुछ समय में रैपिड कंस्ट्रक्शन साइट्स पर हुए हादसों पर एनसीआरटीसी को गंभीरता दिखानी होगी। एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार सिंह को भी इस संबध में संज्ञान लेना होगा। बुधवार को जिस प्रकार मोदीपुरम में दुल्हैड़ा चुंगी के पास रैपिड के एलिवेटेड स्टेशन पर आग लगी, यह घटना अपने आप में कई सवालों को जन्म देर रही है।
लापरवाही की हद देखिए कि रैपिड कंस्ट्रक्शन साइट्स पर कई घटनाएं हुर्इं, लेकिन कार्रवाई के स्थान पर सभी में लीपापोती की कोशिशें की गर्इं। पिछले साल जुलाई में शॉप्रिक्स मॉल के पास कंस्ट्रक्शन साइट पर निर्माणाधीन ढांचा गिर गया। इस दौरान मलबे में आधा दर्जन से अधिक मजदूर दब गए। घटना बेहद गंभीर थी। इस घटना की जांच की बात तो हुई, लेकिन रिपोर्ट सार्वजनिक आज तक नहीं हुई। क्यों नहीं हुई, इस पर एनसीआरटीसी चुप है। पिछले साल ही अक्टूबर में डौरली (मोदीपुरम क्षेत्र) में एक गर्डर कार के ऊपर गिर गया।
इसमें भी कार चालक घायल हुआ, लेकिन एनसीआरटीसी ने संबंधित कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इससे पूर्व भी घटनाएं हुई हैं। एक बार तो परतापुर के पास कई टन वजनी सरिये का जाल ही सड़क पर आ गिरा। इस तरह की कई घटनाएं हुर्इं लेकिन जिम्मेदार कंपनी के खिलाफ आज तक भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। शॉप्रिक्स मॉल के पास हुई घटना की जांच रिपोर्ट एमडी विनय कुमार सिंह की टेबल पर ही अटक गई। सार्वजनिक नहीं की गई। हालांकि विभागीय अधिकारी यह दलील दे रहे हैं कि संबधित कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।