- दुहाई डिपो में पहले ओवर हेड इक्विपमेंट सेक्शन को 25 हजार वोल्ट पर किया चार्ज
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रैपिड रेल जिस रफ्तार से दौड़ेगी उसी रफ्तार से रैपिड का काम भी जारी है। शनिवार को रैपिड को तेजी से दौड़ाने की कड़ी में रैपिड अधिकारियों ने एक और सफलता हासिल कर ली। शनिवार को दिल्ली-मेरठ के 82 किमी लम्बे कॉरिडोर के लिए पहले ओवर हेड इक्विपमेंट (ओएचई) के ऊर्जाकरण का कार्य पूरा कर लिया गया।
इसके लिए दुहाई डिपो में बने इंस्पेक्शन बे लाइन (आईबीएल) पर पहले ओवर हेड इक्विपमेंट सेक्शन को 25 हजार वोल्ट पर चार्ज किया गया, यह कार्य फिलहाल टेस्टिंग के लिए है, ताकि रैपिड को करंट मिले और वो तेजी से दौड़े। इसे आरआरटीएस प्रोजेक्ट में एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।
रैपिड टेÑेन की जो डिजाइन गति है वो 180 किमी प्रतिघंटा है और उसी हिसाब से रैपिड के सभी तकनीकी पहलुओं को पूरा किया जा रहा है। रैपिड अधिकारियों के अनुसार 25 हजार वोल्ट की जो विद्युत आपूर्ति की गई है वो इसे एक उच्च ऊर्जा जोखिम क्षेत्र में तब्दील करेगी और इसके चलते एनसीआरटीसी ने डिपो में काम करने वाले और उसके आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कई उपाए किए हैं।
इसके तहत चार्ज हो चुकी लाइनों के पास संभावित जोखिमों को देखते हुए सूचना बोर्ड लगा दिए गए हैं। रैपिड अधिकारियों के अनुसार दुहाई डिपो के आस पास जो गांव हैं। वहां के लोगों को इन करंट वाली लाइनों के बारे में सूचित और जागरूक करने के लिए लगातार घोषणाएं कराई जा रही हैं। आरआरटीएस प्रशासन के अनुसार मेन लाइन पर ट्रेनों के ट्रायल से पूर्व इन आईबीएल पर आरआरटीएस टेÑनों का परीक्षण किया जाएगा।
इंस्पेक्शन बे लाइन (आईबीएल) का उपयोग रोलिंग स्टॉक के निरीक्षण और आरआरटीएस ट्रेनों के लिए जरुरी परीक्षण के लिए किया जाता है। आरआरटीएस अधिकारियों के अनुसार आईबीएल के ऊर्जाकरण से ट्रेनों की डायनेमिक टेस्टिंग में तेजी आएगी और मेन लाइन टेस्टिंग के लिए इसे तैयार किया जाएगा। उन्होंने फिर दोहराया कि प्राथमिक खंड पर ट्रायल रन इस वर्ष के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है और अगले वर्ष तक इसको आम जनता के लिए शुरू किया जाएगा।