- मेरठ के रेलवे स्टेशनों को रैपिड रेल से कनेक्ट करने की तैयारी, सिटी स्टेशन तक जाएगी नमो भारत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: महानगर के विकास के लिए लगातार कोशिशें हो रही हैं। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री ने शहर का प्रयागराज की तर्ज पर विकास करने की बात कही है, वहीं कैंट विधायक अमित अग्रवाल के रेल मंत्री को दिये गए कई प्रस्तावों पर भी अमल शुरू हो गया है। इनमें सबसे बड़ी बात सिटी स्टेशन से रैपिड रेल की कनेक्टिविटी होना है। यह कनेक्टिविटी केसरगंज रेलवे स्टेशन के जरिये की जाएगी। इसके अलावा कैंट विधायक के कई अन्य प्रस्तावों पर भी अमल होने की पूरी उम्मीद है।
कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने सिटी रेलवे स्टेशन, मेरठ कैंट, पाबलीखास स्टेशन, नूरनगर हाल्ट एवं केसरगंज मेरठ सिटी मंडी साइडिंग माल गोदाम का विस्तारीकरण किये जाने एवं अंडरपासों के निर्माण के लिए रेलमंत्री, भारत सरकार को वर्ष 2022 में कई प्रस्ताव प्रेषित किये गये थे। इनमें कई प्रस्ताव बेहद महत्वपूर्ण थे और इनके पूर्ण होने से तमाम दिक्कतें लोगों की दूर होने की उम्मीद है।
बता दें कि इस मामले में बीते सोमवार को सहायक डिवीजनल रेल प्रबन्धक, एडीआरएम द्वारा दिल्ली से आये एनसीआरटीसी के अधिकारियों के साथ मेरठ स्थित रेलवे स्टेशनों को आरआरटीएस (रैपिड रेल) से कनेक्टीविटी बनाये जाने के लिए मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन, केसरगंज स्थित मेरठ सिटी मंडी साइडिंग माल गोदाम, मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन, पावलीखास तथा दौराला तक स्टेशनों का निरीक्षण किया था। कैंट विधायक द्वारा उनके प्रस्तावों पर कार्यवाही किए जाने की पहल पर स्वागत करते हुए एवं कंकरखेड़ा फ्लाईओवर-रोहटा रोड फ्लाईओवर के बीच फाटक संख्या 27,28 तथा 29 पर अंडरपास की स्वीकृति किए जाने पर आभार व्यक्त किया था।
मेरठ से हवाई उड़ान के लिए राज्यसभा सांसद ने नागरिक उड्डयन मंत्री से मांगा सहमति पत्र
शहर में हवाई अड्डे का शुभारंभ जल्द हो सकता है। हवाई उड़ान शुरू कराने के लिए राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेई ने नागरिक उड्डयन मंत्री से आवश्यक सहमति पत्र मांगा है। उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्री को सहमति पत्र के लिए एक लेटर लिया। उन्होंने कहा कि डीजीसीए के अनुसार यदि 210 मीटर चौड़ी तथा 2280 मीटर लंबी पट्टी है तो एटीआर 72 सीटर उड़ सकता है। मेरठ की वर्तमान हवाई पट्टी 80 मीटर गुणा 1800 मीटर है। इसको लंबाई चौड़ाई में बढ़ाकर 210 मीटर गुणा 2280 मीटर करने की भूमि उपलब्ध है। प्रस्तावित उपलब्ध भूमि में छह लोगों की जमीन थोड़ी है। जिसका मूल्य 23 करोड़ है।
इसका भुगतान कर उड़ान विभाग के नाम कागज पर दर्ज हो जाने से यह हवाई पट्टी एयरपोर्ट अथारिटी आॅफ इंडिया बना देगा। उन्होंने कहा कि यह उल्लेख वर्ष 2014 में राज्य सरकार व एयरपोर्ट अथारिटी आॅफ इंडिया के बीच हुए समझौते में हुआ था। तत्काल आधार पर एक पत्र की आवश्यकता है। यदि 2280 मीटर गुणा 200 मीटर (वर्तमान पट्टी) को मिलाकर भूमि उपलब्धता हो जाए तो एयरपोर्ट अथारिटी अॅफ इंडिया हवाई पट्टी को विकसित कर एटीआर 72 उड़ाने की व्यवस्था कर देगा। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष एयरपोर्ट अथारिटी आॅफ इंडिया का 11 अक्टूबर, 2023 का पत्र लेटर के साथ सलंग्नक है। उन्होंने कहा कि इस पत्र पर विचार करके यथाशीघ्र स्पष्ट पत्र दिलाने का कष्ट करें।