- अब साहिबाबाद से दिल्ली की ओर भी बढ़ेगा रेला संचालन
- एनसीआरटीसी के अनुसार 15 माह में शुरू होगा पूरा कॉरिडोर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दिल्ली से मेरठ तक के बीच चलने वाली देश की पहली रैपिड रेल का काम पूरे कॉरिडोर पर तेजी के साथ जारी है। वहीं, दूसरी ओर रैपिड भले ही मोदीनगर तक पहुंच गई हो, लेकिन शहर के लोगों के हिस्से में अभी थोड़ा और इंतजार बाकी है। उधर एनसीआरटीसी ने फिर दोहराया कि पूरे 82 किमी के हिस्से को संचालित करने के लिए अभी लगभग 15 माह और इंतजार करना होगा
क्योंकि पूरे कॉरिडोर को संचालित करने के लिए हमारी टाइम लाइन जून 2025 है। जिस समय मोदीनगर तक रैपिड का संचालन शुरू हुआ था उसी समय इस ट्रेन को मेरठ साउथ तक संचालित किया जाना था, लेकिन किन्ही कारणों वश इसका संचालन मोदीनगर तक ही संभव हो पाया। मेरठ साउथ स्टेशन पर काम वैसे तो लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन अभी यहां ट्रेन कब पहुंचेगी इसकी तिथि का ऐलान होना बाकी है।
एनसीआरटीसी सूत्रों के अनुसार 82 किमी में से 34 किमी (जहां संचालन जारी है) को छोड़कर बाकी के हिस्से में काम तेजी के साथ जारी है। अधिकतर स्टेशन तैयार हैं। उधर, रैपिड से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि चूंकि साहिबाबाद से दुहाई एवं मोदीनगर तक के 34 किमी के हिस्से में संचालन शुरू हो चुका है। लिहाजा अब साहिबाबाद से ट्रेन का संचालन दिल्ली की ओर भी किए जाने पर काम तेजी से चल रहा है।
भैंसाली और बेगमपुल को फाइनल टच
उधर, भैंसाली और बेगमपुल स्टेशनों पर काम अपने अंतिम चरणों में पंहुच चुका है। दोनों ही स्टेशनों पर बचे हुए काम को फाइनल टच की ओर ले जाया जा रहा है। भैंसाली स्टेशन की ऊंची इमारत लगभग तैयार है। बताते चलें कि फुटबॉल चौराहे के पास से टैंक चौराहे तक रैपिड एवं मेट्रो अंडरग्राउंड चलाई जाएंगी जबकि फुटबॉल चौराहे से पहले और टैंक चौराहे के बाद यह ट्रेनें एलिवेटेड होंगी।
जिला पंचायत ने शुरू की नौचंदी मेले की तैयारियां
मेरठ: प्रांतीय मेला घोषित होने के बाद जिला पंचायत को दूसरी बार नौचंदी मेला लगाने का अवसर मिलने जा रहा है। इसको लेकर जिला पंचायत प्रशासन ने अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। मेले का उद्घाटन अप्रैल के दूसरे सप्ताह में कराए जाने की योजना बनाई जा रही है। करीब 350 साल से ज्यादा पुराने नौचंदी मेले को वर्ष 2022 में प्रांतीय मेला घोषित किया गया है। जिसके बाद से जिला पंचायत और नगर निगम के माध्यम से एक-एक साल मेले का आयोजन कराया जा चुका है। इस बार भी जिला प्रशासन ने जिला पंचायत को मेले का आयोजन करने के लिए अधीकृत किया है।
अपर मुख्य अधिकारी भारती धामा ने बताया कि मेले के आयोजन की अनुमति मिलने के साथ ही जिला पंचायत की ओर से इसको लेकर तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया है। शीघ्र ही नोडल अधिकारी सीडीओ नूपुर गोयल और जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी के साथ विचार विमर्श करके तैयारियों को परवान चढ़ाया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अप्रैल माह के मध्य तक मेले का विधिवत उद्घाटन हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि मेला परंपरागत होने के कारण इस पर आचार संहिता का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
गौरतलब है कि हन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक मेले के दौरान यहां स्थित नव चंडी मंदिर में पूजा-अर्चना और बाले मियां की मजार पर चादर चढ़ाकर मेले का शुभारंभ करने की परंपरा रही है। यह भी उल्लेखनीय है कि प्रांतीय मेला घोषित होने के बाद आयोजन में जिला पंचायत के साथ-साथ मेरठ जिला प्रशासन भीो मेले की बागडोर संभालने लगा है। जिसमें जिला स्तरीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाकर अधिकारियों को आयोजन में सहयोग के लिए सम्मिलित किया जाने लगा है।
बताते चलें कि पहले ये मेला चैत्र नवरात्र के नौवें दिन लगाया जाता था। फिर धीरे-धीरे परंपरा बदली और फिर होली के बाद आने वाले दूसरे रविवार से मेले का उद्घाटन किया जाने लगा। अब पिछले कुछ सालों से मेला और आगे बढ़ने लगा है। नौचंदी मेला पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े मेलों में से एक है। यहां अपनी दुकानें लगाने के लिए दूर-दूर से व्यापारी आते हैं।