Tuesday, July 15, 2025
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Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर करें शिव षडाक्षर स्तोत्र का पाठ, महादेव होंगे प्रसन्न

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। महाशिवरात्रि के पर्व का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व होता है। यह दिन महादेव को समर्पित होता है। यह पूजा रात के चार प्रहरों में की जाती है, इसमें विधिपूर्वक महादेव का रूद्राभिषेक भी किया जाता है। इस पूजा में कई मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। इनमें से ही एक है शिव षडाक्षर स्तोत्र का पाठ। महाशिवरात्रि के पर्व पर इस स्तोत्र का पाठ किया जाए, तो साधक महादेव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

कब है महाशिवरात्रि 2025?

इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे शुरू होकर 27 फरवरी को सुबह 08:54 बजे तक रहेगी। व्रत और पूजा 26 फरवरी को उदयातिथि के अनुसार की जाएगी।

पूजा का शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि पर निशिता काल में पूजा का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष निशिता पूजा का शुभ समय देर रात 12:09 बजे से 12:59 बजे तक रहेगा। यह समय तंत्र, मंत्र और सिद्धि के दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ माना जाता है।

                                       श्रीशिवषडाक्षरस्तोत्रम्

ॐकारं बिन्दुसंयुक्तं नित्यं ध्यानन्ति योगिनः।
                               कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः॥ 1 ॥

                              नमंति ऋषयो देवा नामन्त्यपसरसां गणः।
                              नरा नमंति देवेशं निश्चयाय नमो नमः॥ 2॥

                              महादेवं महतनं महाध्यानं परायणम्।
                              महापापहरं देवं मकराय नमो नमः॥ 3॥

                              शिवं शांतं जगन्नाथं लोकानुग्रहकारकम्।
                              शिवमेकपदं नित्यं शिकाराय नमो नमः॥ 4॥

                              वाहनं वृषभो यस्य वासुकिः कंठभूषणम्।
                              वामे शक्तिधरं वेदं वक्राय नमो नमः॥ 5॥ वर. देवं

                              यत्र यत्र स्थितो देवः सर्वबन्ध महेश्वरः।
                              यो गुरुः सर्वदेवानां यकाराय नमो नमः ॥ 6॥

                              षडक्षरमिदं स्तोत्रं यः पथेच्छिवसंनिधौ।
                              शिवलोकमाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥ 7॥

                             ॥ इति श्री रुद्रायामले उमामहेश्वरसंवादे षडक्षरस्तोत्रं संपूर्णम् ॥

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