- ऐतिहासिक चर्च में विशेष प्रार्थना का आयोजन
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: शुक्रवार को गुड फ्राइडे के अवसर पर सरधना के ऐतिहासिक चर्च में विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया। इस दौरान ईसाई धर्मालंबियों ने प्रभु यीशु के दुखों को याद कर उपवास रखा। इस दौरान चर्च परिसर में स्थित प्रभु यीशु के दुखों को दर्शाते चौदह मुकामों पर विशेष प्रार्थना कराई गई। साथ ही पवित्र कू्रस की उपासना कर विश्वासियों को परम प्रसाद का वितरण किया गया। प्रार्थना में काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे।
शुक्रवार को ऐतिाहासिक कैथोलिक चर्च में गुड फ्राइडे मनाया गया। इस दौरान दोपहर डेढ बजे चर्च में फादर पाकीय नाथन व फादर ससिन बाबू द्वारा प्रार्थना कराते हुए प्रभु यीशु पर मृत्यु के दौरान किए गए अत्याचार के चौदहे मुकामों पर रोशनी डालते हुए प्रार्थना कराई गई। बताया कि इस दिन प्रभु ने अपने प्राण को क्रूस पर बलि चढ़ा दिया था और मानव मुक्ति के द्वार फिर से खोल दिए थे। इस प्रकार उन्होंने घृणा को प्रेम से जीता था। प्रभु ने लोगों के पापों के क्षमा की खातिर अपनी कुर्बानी दी थी।
विशेष प्रार्थना में सभी दुखी, बीमार, लाचार व गरीबों के लिए प्रार्थना की गई। इस दौरान मृत्यु के पूर्व क्रू स के रास्ते में अंतिम सात वाक्य हे पिता उन्हें क्षमा कर क्योंकि ये नहीं जानते ये क्या कर रहे हैं को याद किया गया। इसके बाद पवित्र कू्रस की उपासना की गई। तत्पश्चात विश्वासीगण को परम प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान चर्च में सैंकड़ों श्रद्धालू मौजूद रहे। प्रार्थना फादर पाकिय नाथन व फादर ससिन बाबू ने संपन्न कराई।
चर्च में गुड फ्राइडे पर गूंजे प्रभु यीशु के अनमोल वचन
मेरठ: उद्धार का दिन कहे जाने वाले गुड फ्राइडे के पावन पर्व पर शहर के विभिन्न चर्च में बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रार्थना करने पहुंचे। सुबह से ही चर्च में सफाई कर सजाया गया। दोपहर में प्रार्थना के दौरान चर्च में प्रभु यीशू मसीह द्वारा सलीब पर बोले गए सात व का वर्णन किया गया। बता दें कि गुड फ्राइडे के दिन शहर के गिरिजाघरों में कार्यक्रमों का आयोजन किया।
इस अवसर पर रुड़की रोड स्थित सेंट पॉल मैथोडिस्ट चर्च, कैंट स्थित सेंट जोजफ चर्च, सिविल लाइन स्थित सिटी मैथोडिस्ट चर्च में प्रार्थना की गई। सेंट पॉल मैथोडिस्ट चर्च में रेव डेविड मसीह ने गुड फ्राइडे की प्रार्थना कराई गई साथ ही श्रद्धालुओं ने सात कलमे जो क्रूस से खुद प्रभु यीशु मसीह ने बोले उनके बारे में सभी को बताया। वहीं इस दौरा विलाप गीत भी गाए गए।
प्रभु यीशु के सात वचन ‘हे पिता इनको माफ कर, आज ही तू मेरे साथ फिरदौस में होगा, ऐ औरत देख तेरा बेटा, ऐ मेरे खुदा, मैं प्यासा हूं, पूरा हुआ, हे पिता मैं अपनी रूह’ सभी को बताए गए। प्रभु यीशु ने मानव जाति के पापो को माफ कराने के लिए क्रूस पर अपना लहू बहाया। उन्होंने अपने बलिदान व त्याग का दुनिया में बेमिसाल व अनूठा उदाहरण दिया। प्रेम, त्याग व दूसरों के गुनाह को माफ करना अनुकरणीय है। प्रार्थना के पश्चात सभी लोगों ने अपना उपवास खोला।