Monday, September 9, 2024
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आरटीओ साहब का खेल!, ट्रैफिक नियम हो रहे फेल!, अब किसको होगी जेल?

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नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर बीते मंगलवार की सुबह एक ही परिवार के छह सदस्यों के लिए मनहूस साबित हो गई। बस एक ही बात मन रह रहकर टीसती रही कि काश! थोड़ी रफ्तार कम होती तो शायद जिंदगी सुखद होती।

जिस बस का चालान 15 बार कट चुका हो और उनमें तीन बार उल्टी दिशा में बस चलाने का है तो फिर आरटीओ साहब ने बस को सीज क्यों नहीं किए, यहीं से सेटिंग गेटिंग का सवाल उठना लाजि​मी है। जिस परिवार की जिंदगियां चलीं गईं क्या आरटीओ साहब! लौटाएंगे। सच तो ये है कि आरटीओ साहब पर भी मुकदमा करना चाहिए क्योंकि जिम्मेदारी उनकी भी है।

सवाल, उन पर भी उठ रहे हैं जिनकी जिम्मेदारी है कानून का पालन करवाना। गुरुग्राम से बस गाजियाबाद तक आ गई लेकिन, कहीं चेकिंग नहीं हुई। इस दौरान बस दो राज्यों (यूपी और हरियाणा) और चार थाना क्षेत्रों से होकर गुजरी। इससे तो यही जाहिर होता है कि भारी भरकम टोल वसूली वाले एक्सप्रेसवे पर भी व्यवस्था भगवान के भरोसे छोड़ दी गई है।

बीते दिवस यानि कल मंगलवार के दिन अल सुबह एक अमंगलकारी खबर मिली कि गाजियाबाद में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर एक बड़ा हादसा होगया। इस हादसे में कार सवार छह लोगों की मौत हो गई और दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि मेरठ जिले के धनपुर गांव निवासी दो सगे भाइयों के परिवार के सदस्य खाटू श्याम दर्शन के लिए राजस्थान जा रहे थे। क्रासिंग रिपब्लिक क्षेत्र के बहरामपुर राहुल विहार पुल के पास उल्टी दिशा में आ रही तेज रफ्तार बस से तेज रफ्तार कार की आमने-सामने की टक्कर हो गई और फिर कार में सवार 6 लोग मौत के मुंह में समा गए।

बताया जा रहा है कि शराब के नशे में धुत ड्राइवर बस को 70 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ा रहा था। वह गाजीपुर से करीब आठ किमी. उल्टी दिशा में चलाकर लाया था। चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इतना ही नहीं इस बस के पहले ही 16 चालान कट चुके हैं। इनमें चार उल्टी दिशा में बस दौड़ाने के हैं।

100 की रफ्तार से चल रही महिंद्रा टीयूवी के हादसे में परखच्चे उड़ गए। शव निकालने के लिए गाड़ी को काटना पड़ा। हादसे में नरेंद्र (45), उनकी पत्नी अनीता (40), दो बेटे हिमांशु (12), दिपांशु (15), धर्मेंद्र की पत्नी बबीता (35) और बेटी वंशिका (सात) की मौत हो गई। धर्मेंद्र (40) और उनका बेटा कार्तिक (आठ) गंभीर रूप से घायल हैं। उन्हें नोएडा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

चंद सेकेंड में हो गया बड़ा हादसा

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर हुआ दर्दनाक हादसा एक्सप्रेसवे पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। चार सेकंड के फुटेज में नजर आ रहा है कि डिवाइडर के बिल्कुल बराबर चल रही बस और कार आमने सामने आईं। कार चालक ने कार को बस के सामने से हटाने का प्रयास किया लेकिन अगले ही पल टक्कर हो गई। टक्कर के बाद दोनों वाहन घिसटते हुए सड़क के बीच में आ गए। दिल्ली-एक्सप्रेसवे पर हुए दर्दनाक हादसे में छह लोगों की मौत के लिए पुलिस ने तो सिर्फ बस चालक प्रदीप को जिम्मेदार माना है।

कंट्रोल रूम में बैठे लोगों पर भी सवाल

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर सीसीटीवी फुटेज लगे हैं। इनका कंट्रोल रूम भी बना है। इसमें एनएचएआई के कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगी है। उनकी जिम्मेदारी है कि अगर कोई वाहन यातायात नियमों को तोड़ता नजर आए तो तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी जाए। लेकिन, इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। बस सीसीटीवी कैमरे में नजर तो आ रही है लेकिन पुलिस का कहना है कि एनएचएआई की तरफ से इसका कोई संदेश नहीं दिया गया। हादसा हो जाने के बाद एनएचएआई ने सूचना दी। बस चालक को हिरासत में लिए जाने पर उसने ही बताया कि वह आठ किमी. बस को उल्टी दिशा में दौड़ाकर लाया है।

पुलिस की गस्ती टीम कहां रहती है गायब

गाजीपुर से क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र में घटनास्थल तक पड़े खोड़ा, नोएडा सेक्टर-58, सेक्टर-63 और क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना पुलिस के गश्ती दल क्या कर रहे थे? किसी ने भी उल्टी दिशा में मौत बनकर दौड़ती बस को क्यों नहीं रोका। पुलिस की जिम्मेदारी है कि अगर कोई वाहन उल्टी दिशा में चल रहा हो तो इसका चालान किया जाए। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। जब कभी बड़ा हादसा हो जाता है तो पुलिस तीन चार दिन के लिए उल्टी दिशा में चलने वाले वाहनों के चालान काटती है। मामला ठंडा होते ही अभियान दम तोड़ देता है। अगर पुलिस ने बस को रुकवा लिया होता तो हादसा नहीं होता और छह लोगों की जान नहीं जाती।

आरटीओ साहब ने 15 चालान के बस सीज क्यों नहीं किया?

जिस बस से हादसा हुआ, वह वर्ष 2015 में नोएडा में पंजीकृत हुई। 2018 से अब तक बस के 15 चालान कट चुके हैं। इनमें तीन उल्टी दिशा में बस दौड़ाने के हैं।पांच बार नो पार्किंग में खड़ी की है। इसके अलावा चालक ने बस को तेज रफ्तार से भी दौड़ाया और बिना सीट बेल्ट लगाकर भी। इसके बावजूद आरटीओ ने बस को सीज नहीं किया। बस का ड्राइवर प्रदीप पहले भी यातायात नियम तोड़ चुका है लेकिन उसका ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित तक नहीं किया गया। सितंबर 2018 में इस बस का पहला चालान ही उल्टी दिशा में ही दौड़ाने का नोएडा पुलिस ने काटा था। इसके बाद अक्तूबर 2018 और नवंबर 2019 में उल्टी दिशा में बस दौड़ाने के चालान कटे।

एनएचएआई भेजती है रिपोर्ट, पुलिस क्यों नहीं करती कार्रवाई?

एनएचएआई के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार का कहना है कि पुलिस को नियमित तौर पर फुटेज भेजी जा रही है। इसके आधार पर पुलिस चालान की कार्रवाई कर रही है। इसी वजह से हादसों में कमी भी आई है। एनएचएआई की ओर से पुलिस को पूरा सहयोग किया जा रहा है।

एनएचएआई से नहीं मिल रही फुटेज

पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा का कहना है कि गाजियाबाद की सीमा से एक्सप्रेसवे पर जाने वाले प्वाइंट पर 38 यातायात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई है। चालक तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं। ऐसे में नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को बीच में रोकना संभव नहीं है। एनएचएआई को कई बार पत्र लिखा जा चुका लेकिन, कोई फुटेज नहीं दी गई।

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