Sunday, July 7, 2024
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डोर-टू-डोर वसूली में घोटाले की आहट

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  • नगरायुक्त को दी मामले की जानकारी, बीवीजी को निगम दे अपनी रसीद बुक

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की एवज में घर-घर से रिकवरी में करोड़ों के घोटाले की आहट सुनाई दे रहे हैं। इसको लेकर कुछ पार्षदों ने मौखिक रूप से नगरायुक्त से बात करने की जानकारी दी है, लेकिन नगर निगम कार्यकारिणी के एक पूर्व पार्षद अब्दुल गफ्फार ने तो बुधवार को बाकायदा एक पत्र थमा कर नगरायुक्त से मामले का संज्ञान लेने तथा डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की एवज में की प्रत्येक घर से हर माल लिए जाने वाले शुल्क के लिए नगर निगम से रसीद बुक जाने करने को कहा।

दरअसल, हाउस टैक्स, दुकानों से लिए जाने वाले किराए, वाटर टैक्स तथा अन्य इसी प्रकार के शुल्क नगर निगम की रसीद बुक पर लिए जाते हैं। ये रसीद बुक निगम के स्टोर कीपर इंचार्ज जारी करते हैं, लेकिन डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली बीवीजी कंपनी के द्वारा घर-घर से किए जाने वाले कलेक्शन में नगर निगम की रसीद बुक क्यों नहीं जारी की गयी हैं, यह भी जांच का विषय है। दरअसल, इस पर आपत्ति की ठोस वजह भी बतायी जा रही है। आपत्ति करने वाले पार्षदों खासतौर से निगम कार्यकारिणी के पूर्व पार्षद का तर्क है कि निगम अफसर क्या इस बात की गारंटी ले सकते हैं कि घर-घर से किए जाने वाले कलेक्शन जो कंपनी अपनी रसीद बुक पर कर रही है,

उसकी सही जानकारी या फिर पूरा कलेक्शन कंपनी व निगम के ज्वाइंट एकाउंट में जमा कराया जाएगा। क्या इस बात की आशंका नहीं कि कंपनी की ओर से जितना बताया जाएगा उससे कई गुना कलेक्शन कर लिया जाएगा। इसके चलते निगम की रसीद बुक पर कलेक्शन कराया जाना मुनासिब होगा। अब्दुल गफ्फार ने पत्र नगरायुक्त को भेजा है उसमें साफ कहा है कि यह करोड़ों रुपये का घोटाला है, इसको यदि अभी नहीं रोका गया तो जैसा कि ऐसे मामलों में होता है रातोंरात बोरिया बिस्तर समेट कर कंपनी गायब हो जाएगी। ऐसे तमाम उदाहरण मौजूद हैं। इसलिए बेहतर तो यही होगा कि निगम की रसीद बुक पर घर-घर से कलेक्शन जमा किया जाना चाहिए।

वहीं, दूसरी ओर जानकारी मिली है कि नगर निगम क्षेत्र में आने वाली कुल आबादी में से करीब ढाई लाख घरों को अब तक बीवीजी कंपनी जोड़ चुकी है। प्रति मकान से हर माह 80 रुपये वसूले जा रहे हैं। पहले 30 रुपये लिए जा रहे थे। वहीं, इस संबंध में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरपाल सिंह को जब सवाल किया गया कि कितना कलेक्शन होता है। इस बात की क्या गारंटी कि उसकी सही जानकारी निगम को दी जाएगी और पूरा कलेक्शन ज्वाइंट एकाउंट में जमा कराया जाएगा तो उन्होंने माना कि सवाल तो ठीक है, लेकिन ऐसा शायद नहीं होगा। ज्वाइंट एकाउंट में पूरा पैसा जमा करना शर्त में शामिल हैं।

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