जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध के बीच ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक एक हजार भारतीयाें की स्वदेश वापसी हुई है। विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा व वापसी के लिए रविवार को रूस और यूक्रेन के राजदूतों के अलावा यूक्रेेन के सभी पड़ोसी देशों से बात की है। वहीं, छात्रों समेत हजार नागरिकों को सड़क मार्ग से रोमानिया, हंगरी पहुंचाने के बाद स्वदेश पहुंचाया गया है। यह अभियान सभी नागरिकों की सकुशल वापसी तक जारी रहेगा।
विदेश सचिव ने कहा कि कीव में अब भी करीब दो हजार भारतीय फंसे हैं। सचिव ने रविवार को भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए रूस और यूक्रेन के भारत स्थित राजदूत से बात की है। वहां फंसे भारतीयों के संदर्भ में सभी सूचना दोनों देशों को मुहैया करा दी गई है। सभी देशों ने हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।
इंडिगो बुडापेस्ट से चलाएगी दो उड़ानें : एयरलाइंस कंपनी इंडिगो ने बुडापेस्ट से दो उड़ानें चलाने की जानकारी दी है ताकि वहां से भारतीयों को वापस लाया जा सके। इंडिगो सोमवार व मंगलवार को इस्तांबुल होते हुए यहां विमान भेजेगी।
विदेश सचिव बोले, नागरिकों की सुरक्षा के लिए यूक्रेन-रूस समेत सभी पड़ोसी देशों से की बातचीत
ऐसे चलाया ऑपरेशन गंगा…
- सड़क मार्ग से : यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने पर नागरिकों को सड़क मार्ग से हंगरी, पोलैंड, रोमानिया और स्लोवाकिया पहुंचाने की योजना बनाई गई।
- सीमा क्षेत्र पर विदेश मंत्रालय की टीम : इन देशों की सीमा पार करने वाले बिंदुओं पर विदेश मंत्रालय ने टीम तैनात गई। टीम में रूसी भाषा बोलने वाले अधिकारी भी थे।
- दूतावासों से समन्वय कराया जा रहा : कीव स्थित दूतावास को पूरे समय चलने वाला कंट्रोल रूम बनाने को कहा गया। दिल्ली में भी कंट्रोल रूम बनाया।
- …और विमानों से वापसी : पड़ोसी देश पहुंच रहे नागरिकों को विमानों से निकाला जा रहा है। अगले 48 घंटे में भेजे जा रहे विमानों की एक सारणी भी जल्द जारी होगी।
चुनौतियां
पोलैंड सीमा पर लाखों लोग जमा होने से बाधा : हर्षवर्धन ने बताया कि हंगरी, रोमानिया की सीमा पार करने में विद्यार्थियों को दिक्कत नहीं आ रही। लेकिन पोलैंड की सीमा पर लाखों लोग जमा हैं। इससे ऑपरेशन चलाने में बाधा आ रही है।
दूतावास ने भारतीयों को तनावग्रस्त क्षेत्रों से दूर रहने को कहा : कीव स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों के लिए जारी अपने ताजा परामर्श में उन्हें तनावग्रस्त इलाकों से दूर रहने को कहा है। परामर्श के अनुसार खारकिव, सूमी और कीव में भीषण संघर्ष जारी है।