नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के दौरान बवालियों ने पुलिस पर पथराव के साथ ही अवैध हथियारों से फायरिंग भी की थी। आरोपियों ने हथियारों में पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूसों का इस्तेमाल किया था। मंगलवार को पुलिस को पांच खोखा और एक कारतूस मिलने पर इसकी पुष्टि
हो गई।
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है कि उपद्रवियों ने जामा मस्जिद पर पहुंचने से पहले ही सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए थे। इसके बाद पुलिस पर पत्थरबाजी के साथ गोली भी चलाई। उसके ही प्रमाण मिले हैं। अब पुलिस के सामने 9 एमएम पिस्टल को बरामद करना किसी चुनौती से कम नहीं है।
एसपी का कहना है कि हमारी जांच इस बिंदु पर भी शुरू हो गई है। जल्द ही उन हथियारों को भी बरामद किया जाएगा जिनका इस्तेमाल बवाल के दौरान उपद्रवियों ने किया है। एसपी ने बताया कि उपद्रवियों ने पूरी साजिश के साथ घटना को अंजाम दिया है। पहले सीसीटीवी कैमरे तोड़े फिर गोली चलाई। बताया कि जहां सीसीटीवी कैमरे तोड़े गए हैं वहां से मिली डीवीआर को रिकवर किया जा रहा है। जिससे कोई अहम सबूत उपद्रवियों के खिलाफ मिल सके।
स्थानीय खुफिया इकाई एलआईयू की टीम के साथ पुलिस की जांच टीम को सर्च अभियान के लिए लगाया गया था। एलआईयू की टीम ने बवाल वाले इलाकों में मेटल डिटेक्टर से तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान एलआईयू की टीम ने पाकिस्तान निर्मित एमएम का खोखा और कारतूस बरामद किया। कुछ दूरी पर अमेरिकन निर्मित 312 के दो खोखे मिले। मेटल डिटेक्टर से ही सर्च अभियान आगे बढ़ाया जाएगा।
एसपी ने बताया कि जांच टीम ने छानबीन के दौरान पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस के खोले और एक कारतूस बरामद किया है। इसी सड़क पर बुधवार को फिर से सर्च अभियान चलाया जाएगा। क्योंकि 24 नवंबर को बवाल के दौरान उपद्रवी इसी सड़क से जामा मस्जिद के नजदीक पहुंचे थे और इसी सड़क से पथराव और फायरिंग करते हुए लौट आए थे। इसलिए पालिका की टीम का सहयोग लिया जाएगा। जिससे सफाई में खोखे और करतूत व अन्य सबूत मिल सके। मंगलवार को अंधेरा होने के कारण सर्च अभियान रोक दिया था।
अभी इस सवाल का जवाब पुलिस मिलना बाकी
बवाल साजिश से हुआ या किसी ने मौके पर भड़काया। इसकी जांच तो चल रही है लेकिन यह भीड़ मस्जिद के नजदीक अचानक कैसे पहुंची? इस सवाल का जवाब मिलना बाकी है। सुबह के समय जब आधा शहर सोया हुआ था उस समय सेकड़ों की संख्या में लोग एकत्र होना और फिर उपद्रव करना। ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब मिलना बाकी है। हालांकि कई बिंदुओं पर पुलिस की तहकीकात चल रही है। एसपी का कहना है कि हमारी छानबीन साजिशकर्ताओं तक पहुंचने की है। अलग-अलग बिंदु पर जांच के लिए टीमों को लगाया हुआ है। जल्द साजिशकर्ताओं का भी राजफाश करेंगे।
एसआईटी की दो टीमें कर रही हैं जांच
संभल में हुए बवाल की जांच दो एसआईटी कर रही हैं। एक टीम का नेतृत्व एएसपी दक्षिणी अनुकृति शर्मा कर रही हैं। जबकि दूसरी टीम का नेतृत्व एएसपी उत्तरी श्रीश्चंद्र कर रहे हैं। दोनों एसआईटी की छानबीन लगातार जारी है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि एक टीम की ओर से नालों की सफाई और कूड़े की छानबीन मेटल डिटेक्टर से कराने के लिए कहा गया था। इसी छानबीन में कारतूस और खोखे मिले हैं। अब आगे भी यही छानबीन बढ़ेगी।
एजेंसियों का भी सहयोग लिया जा सकता है
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि विदेश में बने कारतूस संभल बवाल में इस्तेमाल हुए हैं। इसके लिए देश की अलग-अलग एजेंसियों से संपर्क किया जाएगा। जिससे इस हकीकत की तह तक पहुंचा जाए। एसपी ने बताया कि संभल में आतंकी गतिविधियों की जांच एनआईए भी कर चुकी है। कई अन्य एजेंसियों ने भी जांच की है। अब विदेशी कारतूस का इस्तेमाल होना भी चौंकाने वाला तथ्य है। इसलिए एजेंसियों का सहयोग लिया जाएगा।
दो बवाली गिरफ्तार, पूछताछ के बाद जेल भेजा
संभल पुलिस ने मंगलवार को संभल में बवाल में शामिल दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी बवाल के दौरान घायल हो गए थे और दोनों का उपचार चल रहा था। सेहत में सुधार होने पर पुलिस ने पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया। जहां से जेल भेज दिया है। जबकि अभी एक और आरोपी का उपचार चल रहा है। उसकी हालत में सुधार होने पर न्यायालय में पेश किया जाएगा।
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि संभल कोतवाली पुलिस ने नखासा थाना क्षेत्र के शहबाजपुरा निवासी अजीम और बड़ा बाजार निवासी हसन 24 नवंबर को बवाल में शामिल थे। बताया कि दोनों को पुलिस ने घायल अवस्था में गिरफ्तार कर किया था। जिसके बाद से उनका अस्पताल में उपचार चल रहा था। मंगलवार को सेहत में सुधार होने पर पुलिस ने दोनों को न्यायालय में पेश किया। जहां से दोनों को जेल भेज दिया है। जबकि एक अन्य आरोपी का अभी अस्पताल में उपचार चल रहा है। साथ ही अन्य की तलाश की जा रही है।
बता दें कि बवाल में पांच एफआईआर संभल कोतवाली में दर्ज की गई और दो एफआईआर नखासा थाने में दर्ज हुईं। इसमें 40 नामजद और 2750 अज्ञात आरोपी बनाए गए हैं। इसमें 32 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। इन आरोपियों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
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