Friday, August 1, 2025
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बेगम समरु के शासन का बेजोड़ नमूना है सरधना चर्च

  • ऐतिहासिक चर्च के 200 साल पूरे, हुआ अभिनंदन समारोह
  • बेगम समरु ने 1822 में कराया था चर्च का निर्माण

जनवाणी संवाददाता |

सरधना: सरधना को विश्वभर में पहचान दिलाने वाले ऐतिहासिक कैथोलिक चर्च की स्थापना को 200 साल पूरे हो चुके हैं। इस अवसर पर मंगलवार को चर्च प्रबंधन द्वारा द्विशताब्दी अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें बेगम समरु और उनके द्वारा बनवाए गए विश्व प्रसिद्ध चर्च का गुणगान किया गया।

साथ ही गोल्डन जुबली पर स्थापित किए गए ध्वज स्तंभ का उद्घाटन किया गया। इस भव्य समारोह में देशभर से बिशप फादर शामिल होने पहुंचे। जिसमें विशेष प्रार्थना कराने के साथ ही चर्च व बेगम समरु के इतिहास को संजोय रखने वाले हर एक व्यक्ति का अभिनंदन किया गया। इस भव्य कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

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सरधना कैथोलिक चर्च का निर्माण देश की पहले कैथोलिक महिला शासक योहान्ना समरु ने वर्ष 1822 में कराया था। समय के साथ इस चर्च की ख्याति बढ़ी और इसे छोटी बसिलिका का दर्जा मिला। जिसके बाद से विश्वभर से लोग यहां आते हैं। बेगम समरु और चर्च का इतिहास सरधना को खास बनाता है। इस चर्च की स्थापना को 200 साल हो चुके हैं। इस अवसर पर ही चर्च प्रबंधन द्वारा मंगलवार के द्विशताब्दी अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया।

जिसमें मुख्य रूप से पोडुच्चेरी के बिशप फ्रांसिस कलिस्ट मुख्य रूप से शामिल होने पहुंचे। इसके अलावा देशभर से तमाम फादर यहां आए। सर्वप्रथम चर्च परिसर में बनाए गए ध्वज स्तंभ का उद्घाटन किया गया। इसके बाद सामूहिक विशेष प्रार्थना कराई गई। जिसमें श्रद्धालुओं ने फादर्स को उपहार भेंट किए। तत्पश्चात लोगों को बेगम समरु के शासन व उनके द्वारा बनाए गए चर्च के इतिहास के बारे में विस्तार से बताया गया।

कार्यक्रम में छात्राओं ने सुंदर सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। समारोह में मुख्य रूप से मिस्सा बलिदान कराया गया। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। चर्च प्रबंधन ने चर्च व उसके इतिहास को संजोय रखने वाले सभी लोगों का अभिनंदन किया। इस अवसर पर फादर गे्रगोरी डीसोजा, फादर मार्टिन रावत, फादर एल. थरसिस, फादर थॉमस मसीह, फादर क्लेस्टोन, फादर मुकेश रावत आदि देशभर के विभिन्न राज्यों से आए फादर्स शामिल हुए।

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अंत में चर्च प्रबंधक फादर ससिन बाबू व फादर पाकिय नाथन ने सभी को आभार व्यक्त किया। नगर के गमणान्य लोगों में प्रीतीश कुमार ठाकुर, ऐनुद्दीन शाह, पंकज जैन, सूर्यदेव त्यागी, मलखान सैनी आदि मौजूद रहे।

मिनी मेले जैसा रहा माहौल

द्विशताब्दी के अवसर पर चर्च में विशाल अभिनंदन समारोह हुआ। जिसके चलते यहां मेले जैसा माहौल रहा। कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल हुए। वहीं बाहर बड़ी संख्या में दुकानें सजी रही।

चर्च को खास बनाता है उसका इतिहास

सरधना चर्च को उसका इतिहास खास बनाता है। दरअसल, बुढ़ाना के कोताना गांव निवासी फरजाना ने धर्म परिवर्तन करके ईसाई धर्म अपनाया गया। जिसके बाद उनका नाम बेगम योहान्ना समरु पड़ा था। शाह आलम द्वितीय ने बेगम समरु के साहस को देखते हुए उन्हें सरधना सल्तनत का प्रशासक बनाया था।

यह देश की पहले कैथोलिक महिला शासक थी। बेगम समरु ने वर्ष 1822 में सरधना चर्च का निर्माण कराया था। जिसमें तमाम मूर्ति, चर्च में लगा पत्थर, चर्च की बनावट सभी इसको खास बनाती है। इसके अलावा बेगम समरु ने सरधना में अपने लिए दो महल भी बनवाए थे। जो वर्तमान में कॉलेज के रूप में इस्तेमाल होते हैं। चर्च वर्तमान में पुरातत्व विभाग की देखरेख में है।

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