नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत पवित्र और विशेष माना जाता है। यह पूरा महीना शिवभक्तों के लिए आस्था, भक्ति और तपस्या का प्रतीक होता है। सावन में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे यह महीना और भी शुभ बन जाता है। इस वर्ष सावन 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा। मान्यता है कि भगवान शिव को सावन का महीना बेहद प्रिय होता है। जिसके कारण हर रोज शिवभक्त उनकी सेवा और भक्ति में लीन रहते हैं। सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने और उनकी प्रिय चीजों को अर्पित करने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू होगा और यह 9 अगस्त 2025 तक चलेगा। इस तरह से शिवभक्तों को सावन के महीने में शिवजी की आराधना करने के लिए पूरे 30 दिनों का समय मिलेगा। सावन माह में पड़ने वाले हर एक सोमवार का विशेष महत्व होता है। सावन सोमवार के दिन व्रत रखने और शिवजी की आराधना करने से सभी तरह की कामनाएं पूरी होती हैं। इस बार सावन के महीने में कुल 4 सोमवार व्रत रखे जाएंगे।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू होगा और यह 9 अगस्त 2025 तक चलेगा। इस तरह से शिवभक्तों को सावन के महीने में शिवजी की आराधना करने के लिए पूरे 30 दिनों का समय मिलेगा। सावन माह में पड़ने वाले हर एक सोमवार का विशेष महत्व होता है। सावन सोमवार के दिन व्रत रखने और शिवजी की आराधना करने से सभी तरह की कामनाएं पूरी होती हैं। इस बार सावन के महीने में कुल 4 सोमवार व्रत रखे जाएंगे।
भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है यह महीना
श्रावण मास अर्थात सावन का महीना भगवान शंकर को प्रसन्न करने और अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने का पर्व है। सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि इसी मास में देवी पार्वती ने कठोर तपस्या और व्रत करके भगवान शिव को प्रसन्न किया और उन्हें पति रूप में प्राप्त किया। वहीं एक अन्य मान्यता के अनुसार सावन के महीने में शिवजी ने समुद्र मंथन से निकला विष पीकर सृष्टि की रक्षा की थी। इसी कारण इस महीने में शिव पूजा का महत्त्व और भी बढ़ जाता है।
इस माह में व्रत करने से वात और पित्त भी कुपित नहीं होते, त्रिदोष भी सम हो जाते हैं। सावन में सोमवार का व्रत करने से पूरे परिवार को सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। जिनको क्रोध अधिक आता हो,तनाव में रहते हों,मानसिक रोग हों और स्वास्थ्य से भी कमज़ोर हों उन्हें इस समय शिव आराधना शुभ फलदायक होती है।
धार्मिक मान्यता यह है कि इस मास में प्रातः जल्दी उठकर स्नान के बाद भक्ति भाव और विधि-विधान से भगवान शिव का पूजन एवं अभिषेक करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं,उन्हें किसी तरह का कोई भय नहीं रहता। विवाहित महिलाओं को अपने सौभाग्य में वृद्धि के लिए तथा अविवाहित कन्याओं को शीघ्र विवाह तथा गुणवान पति पाने की अभिलाषा के साथ इस माह में व्रत रखना तथा भगवान शिव का अभिषेक करना विशेष रूप से लाभदायक होता है।
कामनानुसार करें अभिषेक
शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को अर्पित किए जाने वाले द्रव्यों के लाभ भी अलग-अलग होते हैं। आइए जानते हैं कामनानुसार कैसे करें भगवान भोलेनाथ का अभिषेक
विवाह के लिए- विवाह की इच्छा रखने वालों को दूध, बेलपत्र, गंगाजल, शमीपत्र, नारियल पानी, भांग, खोये की मिठाई तथा गुलाबी रंग के गुलाल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।
सुख-सौभाग्य के लिए- जल से अभिषेक करने पर सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
संतान की प्राप्ति के लिए –दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने से उत्तम संतान की प्राप्ति होती है।
यश की प्राप्ति और रोगों से मुक्ति के लिए- गन्ने के रस से यश,शहद से कर्जमुक्ति, कुश के जल से रोगमुक्ति, पंचामृत से अष्टलक्ष्मी व तीर्थों के जल से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मन के विकार दूर करने और मोक्ष के लिए – चन्दन मिश्रित जल चढाने से व्यक्तित्व आकर्षक होता है। भांग चढाने से बुराइयां और मन के विकार दूर होते हैं। कुशाग्र बुद्धि के लिए विद्यार्थियों को शर्करा मिश्रित दुग्ध की धारा चढ़ानी चाहिए। गंगाजल से अभिषेक करने पर भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।