- चांदी के पांच मुख वाले शिव का होता है विशेष पूजन
- पहले सोमवार को लेकर औघड़नाथ मंदिर में की गई है विशेष व्यवस्था
- श्रद्धालुओं को नंदी द्वार से मिलेगा प्रवेश, अतिरिक्त लोटों की भी की गई व्यवस्था
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सावन महीने के पहले सोमवार का विशेष महत्व होता है। सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई यानि आज मनाया जाएगा। जिसको लेकर शहर के सभी शिव मंदिर सजकर तैयार हो चुके हैं। औघड़नाथ मंदिर में भक्तों को गंगाजल की सुविधा भी दी जाएगी और बैरिकेडिंग व अन्य व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है। 30 अगस्त को सावन का समापन होगा। वहीं 15 जुलाई को शिवरात्रि का पर्व हैं, जिसको लेकर शहर के सभी शिवालयों में जलाभिषेक की तैयारी के साथ सजावट की जा रही है।
सावन में महादेव की पूजा करने से मनवांछित फल मिलता है। सावन के पहले सोमवार को औघड़नाथ मंदिर में दो किलो चांदी के पांच मुख वाले शिव का विशेष पूजन किया जाएगा। बता दें कि बोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सावन में लोग सोमवार का व्रत रखते है और रुद्राभिषेक करते हैं। सावन के पहले सोमवार के दिन पंचक भी रहेगा साथ ही इस दिन रेवती नक्षत्र का प्रभाव भी है।
ज्योतिषाचार्य अमित गुप्ता के अनुसार सावन में पंचक व भद्रा काल का कोई असर नहीं होता है। इस दौरान पूजा अर्चना की जा सकती है। पूरे 19 साल बाद सावन में ऐसा योग बना है कि सावन 59 दिनों का होगा। इसलिए दो माह तक भक्तों पर शिवजी और भगवान विष्णु की जमकर कृपा बरसेगी।
14 व 15 जुलाई को पूरी रात खुलेगा औघड़नाथ मंदिर
औघड़नाथ मंदिर में शिवरात्रि पर करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालु जलाभिषेक करेंगे। सावन माह के लिए मंदिर समिति की ओर से विशेष व्यवस्था की जा रही है। 15 हजार तांबे के लोटे मंदिर में रखे जा रहे है ताकि भक्तों को जलाभिषेक करने में परेशानी न हो। सावन सोमवार व शिवरात्रि को लेकर रविवार को मंदिर परिसर में एक बैठक का आयोजन किया गया। मंदिर अध्यक्ष सतीश सिंघल ने बताया कि शिवरात्रि को लेकर मंदिर में तैयारी पूरी कर ली गई है। वहीं सोमवार को मंदिर में अधिक भीड़ होने की वजह से श्रद्धालुओं को नंदी द्वार से प्रवेश कराया जाएगा।
शिवरात्रि पर मंदिर में अधिक भीड़ रहेगी जिसके लिए सभी से व्यवस्था बनाने के लिए कहा गया है। शिवरात्रि पर्व पर प्रवेश गरुड़ द्वारा से होगा और 14 व 15 जुलाई को मंदिर पूरी रात खुला रहेगा। आरती सुबह 4 बजे की जाएगी। उसके बाद सभी भक्त भोले बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे। मंदिर में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए है। बैरीकैटिंग का काम भी लगभग पूरा होने जा रहा है।
सावन में क्यों की जाती है शिव की पूजा
औघड़नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी श्रीधर त्रिपाठी ने बताया कि सावन माह में महादेव का पूजन विशेष फलदायी होता है। सावन में अन्य देवी-देवताओं के मुकाबले शिव की पूजा अधिक की जाती है। यह पूरा महीना शिव को समर्पित है। ऐसा कहते है कि सावन महीने में ही देवी पार्वती ने शिवजी को पति के रुप में पाने के लिए तपस्या शुरु की थी। तप से प्रसन्न होकर शिवजी प्रकट हुए और देवी की इच्छा पूरी करने का वरदान दिया। यही कारण है कि सावन में शिव पूजा करने से जल्द ही मनोकामना पूरी होती है।