Friday, January 24, 2025
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स्कूल बदहाल, कटेगा बीईओ का वेतन

  • शहरी क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों की बदतर हालत पर महानिदेशक बेसिक शिक्षा सख्त
  • स्कूलों में शिक्षा का स्तर समेत विद्यालयों की बिल्डिंगों का है बुरा हाल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हर तरह की शिक्षण सुविधाएं मिलनी चाहिए, लेकिन आज भी इन स्कूलों में सुविधाओं का आभाव है। बड़ी संख्या में शहरी क्षेत्र के विद्यालयों की बिल्डिंग जर्जर हालत में हैं, जबकि कई स्कूलों में पढ़ाई का स्तर भी अच्छा नहीं है। इसी को लेकर महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद ने खंड शिक्षा अधिकारियों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए है।

मेरठ नगर क्षेत्र में कुल चार खंड है, जिनमें खंड शिक्षा अधिकारी बैठते है, जबकि दो बीआरसी(ब्लॉक संसाधन केन्द्र) हैं जो बंद है, इनका कार्य नगर मुख्यालय से किया जा रहा है। इनमें नगर क्षेत्र में खण्ड शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र पाल सिंह, नरेंद्र सिंह, कुसुम सैनी व नीलम तोमर शामिल है, जबकि श्रवण कुमार शर्मा व संदीप जैन लिपिक के पद पर कार्यरत है।

श्रवण कुमार मेरठ नगर के साथ नगर कार्यालय में बैठकर तीन ग्रामीण ब्लॉकों रोहटा, परीक्षितगढ़ व हस्तिनापुर का भी कार्य देखते है। इतना स्टाफ होनें के बाद भी शहरी क्षेत्र में बेसिक शिक्षा विभाग के आधीन आनें वाले विद्यालयों में शिक्षा का स्तर ठीक नहीं है। विद्यालयों में बच्चों के लिए कमरों की कमी है, बड़ी संख्या में स्कूलों की बिल्डिंगे जर्जर हालत में है, कई जगह शिक्षकों का भी आभाव है वहीं स्कूलों में बच्चों को मिलने वाली शिक्षा को लेकर भी अध्यापक उदासीन नजर आते है।

शहरी क्षेत्र में करीब 165 सरकारी विद्यालय

नगरीय क्षेत्र में करीब 165 सरकारी विद्यालय है जिनमें से 120 प्राइमरी, 15 जूनियर व 30 कंपोजिट विद्यालय बताए जा रहें है। इन विद्यालयों में सरकारी योजनाओं का लाभ छात्रों को देने के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी नगर की नियुक्तियां है। लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही कायाकल्प योजना का असर शहरी क्षेत्र में नजर नहीं आ रहा है। इस योजना में विद्यालयों की दशा सुधारनें के साथ स्कूलों की बिल्डिंग का रख रखाव, सौंदर्यकरण व सुविधाओं को लेकर कार्य किया जाना है। लेकिन आज भी बड़ी संख्या में विद्यालयों की स्थिति खराब है।

हर माह योजना को लेकर शसन को भेजी जाती है रिपोर्ट

कायाकल्प योजना को लेकर जिला स्तर पर विभाग क्या कदम उठा रहा है इसकी रिपोर्ट हर माह महानिदेशक बेसिक शिक्षा को भेजने का प्रावधान है लेकिन पिछले कुछ महिनों से कोई अपडेट शासन को नहीं मिला। जिसको लेकर शसन स्तर पर सख्ती की जा रही है। प्रदेश के करीब 50 खण्ड शिक्षा अधिकारियों का वेतन रोका जा रहा है। इनमें खण्ड शिक्षा अधिकारी नगर सतेन्द्र पाल सिंह भी शामिल है। अब सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नही पहुंचने पर सख्त कार्रवाई होने जा रही है।

शहरी क्षेत्र में आनें वाले विद्यालयों को लेकर शासन स्तर पर सख्ती की जा रही है। मेरठ में नगरीय क्षेत्रों में आनें वाले ज्यादातर विद्यालयों की बिल्डिंगे किराए की है। ऐसे में किस तरह से उनका कायाकल्प किया जाए यह समस्या है। महानिदेशक बेसिक शिक्षा का आदेश खण्ड शिक्षा अधिकारी सतेन्द्र पाल सिंह के लिए है जिसमें उनका वेतन रोके जाने की बात कही गई है। -सुदर्शन लाल, प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी, मेरठ

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