- शास्त्रीनगर में सीलिंग के आदेश होने के बाद भी चल रहा है कार्य
- एमडीए अधिकारियों को करनी है सीलिंग की कार्रवाई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आवास विकास क्षेत्र में अवैध निर्माणों पर सीलिंग के आदेश होने के बाद भी निर्माण कार्य बदस्तूर जारी है। कई निर्माण ऐसे हैं। जिनकी फाइलें आवास विकास सीलिंग के लिये पहुंच चुकी है। वहां अधिकारियों ने कार्य तक रोक दिया था, लेकिन अधिकारियों की आंखों में धूल झोंककर वहां निर्माण कार्य किया जा रहा है।
आवास विकास की शास्त्रीनगर योजना में डी-1 में आवासीय में कमर्शियल निर्माण किया गया है। यहां डिलीसियस स्वीट्स के नाम से प्रतिष्ठान तक खुल गया। आवास विकास ने यहां नोटिस जारी किये बावजूद इसके कार्य बंद नहीं हुआ। अंत में इसकी फाइल एमडीए भेजी गई और सीलिंग के आदेश हो गये। जिसके बाद एक्सईएन नीरज कुमार ने खुद मौके पर पहुंचकर यहां हो रहे कार्य को रुकवा दिया था। अब अधिकारियों को यहां सीलिंग की कार्रवाई किये जाने का इंतजार था।
यहां सीलींग की कार्रवाई का अधिकारी एमडीए को है एमडीए अधिकारियों को ही यहां सीलिंग करनी है।
बता दें कि आदेश की फाइल एमडीए में है और अब एक बार फिर से यहां निर्माणकर्ता ने छज्जा डालकर कार्य करना शुरू कर दिया है। सोमवार को भी डिलीसियस स्वीट्स पर निर्माण कार्य चलता रहा। अधिकारियों का कहना है कि एक या दो दिनों में यहां सीलिंग की कार्रवाई की जानी है जो निर्माण हो रहा है। उसे मंगलवार में जाकर रुकवाया जायेगा।
आवास विकास बनायेगा डिफाल्टरों की सूची
आवास विकास परिषद ने विभाग के डिफाल्टरों की सूची बनाने की योजना बनाई है। इनकी सूची बनाने के बाद ऐसे लोगों को नोटिस भेजे जाएंगे। उसके बाद भी अगर लोग बकाया जमा नहीं कराते हैं तो उनकी आरसी जारी की जायेगी। जिसके बाद तहसील के माध्यम से ऐसे लोगों से रिकवरी की जायेगी।
बता दें कि आवास विकास परिषद की शहर में माधवपुरम, शास्त्रीनगर, जागृति विहार, मंगलपांडेनगर समेत कई योजनाएं हैं। इन योजनाओं में कई ऐसे लोग भी हैं जो अलॉट हुए मकानों में तो रह रहे हैं, लेकिन अभी तक वह उनकी किस्त पूरी नहीं जमा करा पाएं हैं। ऐसे लोगों को विभाग की ओर से कई बार नोटिस भी भेजा जाता रहा है, लेकिन बावजूद इसके लोग बकाया राशि जमा नहीं कराते हैं।
आवास विकास के संपत्ति विभाग के माधवपुरम इंचार्ज राकेश कुमार ने बताया कि उनकी माधवपुरम योजना में ही काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जो बकाया जमा नहीं करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी क्षेत्रों में बकायदारों की विभाग की ओर से सूची बनवाई जा रही है। उनकी सूची बनाने के बाद विभाग की ओर से उन्हें नोटिस भेजा जायेगा और बकाया जमा कराने के लिये कहा जायेगा।
उन्होंने बताया कि अकेले माधवपुरम की बात करें तो 300 से अधिक छोटे-बड़े बकायेदार हैं। जिनकी सूची बनाई जा रही है। विभाग की सभी योजनाओं में यह संख्या एक हजार से ऊपर है। सभी की सूची बनाकर सभी को नोटिस भेजा जायेगा। उसके बावजूद अगर वह बकाया जमा नहीं कराते हैं तो विभाग की ओर से उनकी आरसी जारी की जायेगी। उसके बाद तहसील की ओर से उनकी रिकवरी की जायेगी।