- मुख्य सचिव ने निर्माणाधीन गंगनहर पटरी मार्ग का किया निरीक्षण
- कुछ गड्ढों में नए पेड़ों को रखकर घोटाला छिपाने की हुई कोशिश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बुधवार को मुरादनगर से लेकर मुजफ्फरनगर तक चौधरी चरण सिंह गंग नहर के पुराने पटरी मार्ग और दूसरी पटरी पर निर्माणाधीन सड़क का निरीक्षण किया। मोदीनगर तहसील क्षेत्र के गांव पतला निवाड़ी में चारों ओर पेड़ों का कटान देखकर मुख्य सचिव भड़क गए। उन्होंने ठेकेदार से पूछा कि किसी ने नहीं बताया कि पेड़ शिफ्ट नहीं जाएंगे। ठेकेदार का जवाब नहीं में मिलने पर गुस्से में लाल हो गए। उन्होंने अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा, सजा मिलेगी।
मुख्य सचिव ने नोएडा में सन 2025 में होने वाले कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर मंत्रिमंडलीय सचिव भारत सरकार के साथ बैठक करने के बाद गंगनहर किनारे गाजियाबाद के कस्बा मुरादनगर से हरिद्वार के मंगलौर कस्बे तक जाने वाले 122 किलोमीटर लंबे के पुराने रोड और दूसरी ओर निर्माणाधीन पटरी मार्ग का निरीक्षण किया। मुरादनगर से मुख्य सचिव का काफिला निर्माणाधीन पटरी मार्ग पर कच्चे रोड से चला। मुरादनगर पार करते ही मुख्य सचिव ने कार से उतर कर स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से जानकारी ली कि रोड को कितना चौड़ा बनाया जाएगा?
मोदीनगर के गांव पतला निवाड़ी में उन्होंने चारों ओर पेड़ों का कटान देखा। दूर-दूर तक पेड़ों को निकालने के बाद गड्ढे नजर आए। कुछ गड्ढों में नए पेड़ रखकर घोटाला छिपाने की कोशिश की गई। यह सब देखकर उन्होंने वहां काम कर रहे ठेकेदार से पूछा कि उन्हें किसी ने नहीं बताया कि पेड़ शिफ्ट नहीं किए जाएंगे? तो ठेकेदार ने कहा कि किसी ने नहीं बताया। इस पर मुख्य सचिव भड़क गए। उन्होंने इस पर नाराजगी जताई।
उन्होंने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को बुलवाया तो सहारनपुर के चीफ इंजीनियर उनके सामने पेश हुए। मुख्य सचिव बोले, इसकी सजा मिलेगी। इसके बाद उनका काफिला आगे बढ़ गया। मुरादनगर से सिवालखास तक उन्होेंने कच्चे मार्ग का निरीक्षण किया। इसके बाद जानी तक उन्होंने पुराने कांवड़ पटरी मार्ग का निरीक्षण किया। जानी से उनका काफिला कच्चे मार्ग से सरधना के अटेरना पुल तक पहुंचा। इसके बाद उन्होंने पुराने पटरी मार्ग का मुजफ्फरनगर तक निरीक्षण किया।
वहीं, इस संबंध में डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि मुख्य सचिव ने गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर जिले में गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग की दांयी पटरी पर हो रहे सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान एक स्थान पर पेड़ों की शिफ्टिंग मिली जिसकी जानकारी ठेकेदार ने ना तो उन्हें भी और न ही डीएम को दी।
अफसरों को छूटते रहे पसीने
मुख्य सचिव के निरीक्षण के दौरान मौसम सुहाना होने के बावजूद अधिकारियों के चेहरों पर पसीने नजर आए। जब मुख्य सचिव की गाड़ी रुकी और वह गाड़ी से उतरे तो अधिकारियों ने उनकी ओर तेजी से कदम बढ़ाए। निरीक्षण के दौरान डीएम मेरठ, डीएम गाजियाबाद, डीएम मुजफ्फरनगर, डीएफओ, पीडब्लूडी के चीफ इंजीनियर आदि मौजूद रहे।
रास्ता बंद होने पर वापस लौटी फ्लीट
मुख्य सचिव के साथ दो दर्जन गाड़ियों की फ्लीट चल रही थी। इसमें मेरठ के साथ-साथ सहारनपुर मंडल के अनेक जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस पीडब्ल्यूडी, वन विभाग और सिंचाई विभाग के अधिकारी चल रहे थे। कच्चे रास्ते पर सिवालखास के पास कच्चा रास्ता बंद मिला। वहां से फ्लीट को वापस लौटना पड़ा। बहुत मुश्किलों से गाड़ियां झाड़ियों में मुड़ पार्इं।
खेल विश्वविद्यालय पर भी डाली नजर
मुख्य सचिव ने गंग नहर के पास निर्माणाधीन मेजर ध्यान चंद खेल विश्वविद्यालय को देख गाड़ी रुकवाकर उसपर नजर डाली और अधिकारियों से इसके निर्माण के बारे में जानकारी ली। मुश्किल से आधे मिनट के बाद उनकी गाड़ी मुजफ्फरनगर की ओर रवाना हो गई।
मुख्य सचिव के तेवर ने बयां की पेड़ों के अत्याधिक कटान की टीस
सही कहा जाता है कि प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह तेज तर्रार अधिकारी हैं, इसकी एक बानगी यहां चौधरी चरण सिंह कांवड़ पटरी मार्ग की निर्माणाधीन सड़क के निरीक्षण के दौरान देखने को मिली। सड़क निर्माण के नाम पर अत्याधिक पेड़ों के कटान को वह एक नजर में भांप गए। उनके तेवरों ने पेड़ों के कटान की टीस साफ नजर आई। उनके तल्ख लहजे ने बता दिया कि वह पेड़ों के कटान को लेकर आहत हैं।
दरअसल सरधना विधायक अतुल प्रधान ने गाजियाबाद के मुरादनगर से लेकर हरिद्वार के मंगलौर तक चौधरी चरण सिंह गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग पर की बाई ओर यानी दूसरी ओर सात मीटर चौड़ी सड़क निर्माण की आड़ में पेड़ों का अंधाधुंध कटान का मुद्दा विधानसभा में उठाया था। यह मामला विधानसभा में गूंजने के बाद प्रदेश सरकार से लेकर शासन तक हरकत में आया। प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बुधवार की शाम मुरादनगर से लेकर मुजफ्फरनगर तक चौधरी चरण सिंह गंग नहर कांवड़ पटरी मार्ग का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में उन्होंने पेड़ों के कटान को भी गंभीरता से लेते हुए। इसे निरीक्षण का हिस्सा बनाया।
उन्होंने गाजियाबाद जिले के मोदीनगर के गांव पतला निवाड़ी में पेड़ों का कटान पाया। यहां पेड़ों के कटान को छुपाने के लिए कुछ गड्ढों में नए पेड़ रखे देखे। ठेकेदार ने उन्हें बताया कि पेड़ों को शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने पूछा कि किसी ने शिफ्टिंग करने से मना नहीं किया तो ठेकेदार ने इससे इंकार किया। इस दौरान उनके तेवरों ने पेड़ों के कटान की टीस को बयां किया। उन्होंने जिस तरीके से अधिकारियों से पेड़ों के कटान जारी होने के बारे में पूछा? उससे स्पष्ट हो गया कि वह अत्याधिक पेड़ों के कटान के खिलाफ हैं। अफसर जब कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए तो उनके मुंह से बरबस आवाज आई कि इसकी सजा मिलेगी।
विधानसभा में पेड़ों के कटान का मुद्दा उठाने वाले अतुल नहीं पहुंचे मौके पर
विधानसभा में पेड़ों के अंधाधुंध कटान का मुद्दा उठाने वाले सरधना विधायक अतुल प्रधान मुख्य सचिव के निरीक्षण की सूचना मिलने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचे। दरअसल, चौधरी चरण सिंह गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग की दूसरी पटरी पर सड़क निर्माण के लिए पेड़ों के अंधाधुंध कटान का आरोप लगाते हुए सरधना विधायक अतुल प्रधान ने वन विभाग के अधिकारियों से लेकर कमिश्नर, मुख्य सचिव तक ज्ञापन भेजकर आवाज उठाई थी। अतुल प्रधान ने वन विभाग के दफ्तर पर धरना भी दिया। उन्होंने अत्याधिक पेड़ों के कटान को लेकर एनजीटी का दरवाजा भी खटखटाया था।
इसके बाद उन्होंने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया। बुधवार को प्रदेश के मुख्य सचिव के चौधरी चरण सिंह गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग पर निरीक्षण का कार्यक्रम तय था। इसकी सूचना अतुल प्रधान को भी थी, लेकिन वह मौके पर नहीं पहुंचे। जब उनसे मौके पर न जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव निरीक्षण करने आए हैं। उन्हें स्वयं दिख जाएगा कि सड़क निर्माण की आड़ में पेड़ों का किस कदर कटान किया गया है। उन्हें उम्मीद है कि मुख्य सचिव स्वयं इसे गंभीरता से लेंगे।