Friday, December 27, 2024
- Advertisement -

राजा की केबिनेट में मंत्री का चयन

RAVIWANI


anupmaniराजा ने मन बना लिया था। वह किसी की भी सिफारिश मानने को तैयार न था। उसने तय कर लिया था कि कैबिनेट में योग्य, प्रतिभावान, ईमानदार, कर्मठ कैंडिडेट का ही चयन होगा। भाई-भतीजावाद, क्षेत्रवाद, परिवारवाद कुछ नहीं। ये सब अब इतिहास की बातें हैं।n आज जब राजा शिकार को जा रहा था, तभी मंत्री ने उसकी कैबिनेट के लिए एक उम्मीदवार को प्रस्तुत किया। चूंकि मामला राज्य के विकास से जुड़ा था और उसमें विलंब करना राजा को उचित न जान पड़ा। सो, राजा उम्मीदवार को अपने साथ शिकार पर ले गया। सोचा कि शिकार करते-करते उसका साक्षात्कार भी हो जाएगा। वैसे भी जमाना मल्टी टास्किंग का है।

राजा उम्मीदवार को लेकर जंगल पहुंचा। जंगल पहुंचते ही एक हिरण दिखा। राजा ने तीर छोड़ा। हिरण का बाल भी बांका न हुआ।
‘बस पांच गज की दूरी रह गई महाराज!’ उम्मीदवार बोला।
राजा ने फिर तीर चलाया।
‘अरे उछलता नहीं,तो पक्का लगता महाराज!’ उम्मीदवार उछलते हुए बोला।
राजा ने एक बार फिर तीर छोड़ा।
‘हिरण बहुत चंचल होते हैं महाराज! एक पल को भी अगर ठहरता, तो तीर जिगर के आर-पार होता!’ उम्मीदवार दांत पीसते हुए बोला।
राजा ने धनुष की प्रत्यंचा खींची और झन्न से छोड़ दिया।
‘ओहो! हिरण अगर ऐन वक्त पर मुड़ा न होता, तो ढेर होता महाराज! ये बहुत चालाक होते हैं महाराज!’ उम्मीदवार हिरण को कोसते हुए बोला।
हिरण का पीछा करते-करते राजा हिरण के बहुत पास आ चुका था। हिरण को भी न जाने क्या सूझा, वह वहीं अविचल खड़ा हो गया।
सुनहरा मौका देख राजा ने फौरन तीर मारा। तीर आगे निकल गया और हिरण अविचल का अविचल खड़ा रहा।
‘मानना पड़ेगा महाराज! आज इस हिरण का भाग्य बहुत प्रबल है!’ उम्मीदवार हाथ मलते हुए बोला।
‘भाग्य के आगे फिर किसका जोर चला है! चलो वापस चलते हैं!’ राजा सांस छोड़ते हुए बोला।
‘पुरुषार्थ के आगे भाग्य की क्या बिसात महाराज! चलाइए तीर इस बार तय है इसका मरना!’ उम्मीदवार ने राजा का उत्साह बढ़ाया।
‘मेरे सारे तीर तो खतम हो गए! चलो अब लौट चलें!’ राजा ने सूचना के साथ आदेश दिया।
लौटते वक्त राजा बोला,‘कल से कैबिनेट ज्वाइन कर लेना!’
‘तो क्या मैं सलेक्शन पक्का समझूं!‘ उम्मीदवार अपनी खुशी छुपाते हुए बोला।
‘बिलकुल!’
‘महाराज!आज्ञा हो तो एक बात पूछूं!‘
‘पूछो!’
‘आपने नियुक्ति तो दे दी,परंतु आपने मेरा साक्षात्कार नहीं लिया!’ उम्मीदवार कुछ शंकित हुआ।
‘लेकिन मैंने तुम्हारी प्रतिभा देख ली!’ राजा ने आश्वस्त किया।
अगले दिन ‘राजा की विकासातुर कैबिनेट का विस्तार’ हैडिंग के साथ प्रजा को एक नया चेहरा नजर आया।


janwani address 218

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

करुणाहीन ममता: बच्ची को ईख के खेत में छोड़ गई बेरहम मां

जन्म देते ही कलियुगी मां दिल पर पत्थर...

भाजपा नेता के रिश्तेदार की अपहरण के बाद निर्मम हत्या

धारदार हथियारों से काटने के बाद शव गंगनहर...

उम्रकैद कराने में बुलंदशहर से मेरठ पीछे

एक साल में मेरठ में 38 मामलों में...

मोबाइल लेने से मना करने पर छात्र ने की आत्महत्या

चलती ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, परिवार...
spot_imgspot_img