नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। ‘Made In India’ iPhone की बढ़ती लोकप्रियता और उत्पादन विस्तार को एक झटका लग सकता है। फॉक्सकॉन ने दक्षिण भारत स्थित अपने iPhone प्लांट्स से सैकड़ों चीनी इंजीनियरों और तकनीशियनों को अचानक वापस बुला लिया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब Apple भारत को चीन के विकल्प के रूप में तेजी से विकसित कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, फॉक्सकॉन के दक्षिण भारत में स्थित प्लांट्स में तैनात अधिकांश चीनी कर्मचारियों को दो महीने पहले ही भारत छोड़ने के निर्देश दे दिए गए थे। अब तक 300 से अधिक चीनी इंजीनियर भारत से लौट चुके हैं। वर्तमान में वहां का संचालन ताइवानी सपोर्ट स्टाफ द्वारा किया जा रहा है।
भारत में iPhone निर्माण की मौजूदा स्थिति कैसी है?
फॉक्सकॉन का प्लांट भारत में बने अधिकांश iPhone असेंबल करता है। इसके अलावा, टाटा ग्रुप, जिसने विस्ट्रॉन (Wistron) का अधिग्रहण किया है और पेगाट्रॉन (Pegatron) का संचालन भी करता है, अब Apple की एक और प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन चुका है। भारत में सालाना लगभग 4 करोड़ यूनिट iPhone बनाए जाते हैं, जो Apple के वैश्विक उत्पादन का करीब 15% है।
चीन-भारत तनाव और तकनीकी ट्रांसफर पर असर
सूत्रों के मुताबिक, यह बदलाव चीन की रणनीतिक प्रतिक्रिया हो सकता है। इस साल की शुरुआत में चीनी अधिकारियों ने स्थानीय कंपनियों और नियामकों को भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया को तकनीकी उपकरण और ट्रांसफर सीमित करने का निर्देश दिया था। इसका उद्देश्य संभवतः उत्पादन के चीन से बाहर शिफ्ट को रोकना है। Apple के CEO टिम कुक पहले ही चीनी असेंबली वर्कर्स की दक्षता और अनुभव की तारीफ कर चुके हैं, जो लंबे समय से चीन में उत्पादन का प्रमुख कारण रही है।
भारत पर संभावित असर?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी कर्मचारियों की वापसी से भारत में स्थानीय कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने और तकनीकी दक्षता ट्रांसफर में देरी हो सकती है। इससे उत्पादन लागत भी बढ़ सकती है। हालांकि, एक अधिकारी ने कहा “इस बदलाव से उत्पादन की गुणवत्ता पर असर नहीं पड़ेगा, लेकिन असेंबली लाइन की गति और दक्षता जरूर प्रभावित हो सकती है।”
Apple की बड़ी योजना पर असर?
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब Apple ने अगले साल से अमेरिका में बिकने वाले सभी iPhone भारत में असेंबल करने की योजना बनाई है। फिलहाल Apple के किसी भी स्मार्टफोन का निर्माण अमेरिका में नहीं होता। चीन इसका मुख्य उत्पादन केंद्र रहा है, लेकिन भारत अब वैकल्पिक हब के रूप में उभर रहा है।
बता दें कि, फॉक्सकॉन द्वारा चीनी इंजीनियरों को भारत से वापस बुलाना भारत की iPhone निर्माण रणनीति के लिए एक अस्थायी बाधा हो सकता है। हालांकि, दीर्घकालिक रूप से यह भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जरूरी मोड़ साबित हो सकता है। हालांकि, एप्पल और फॉक्सकॉन की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान फिलहाल नहीं आया है, लेकिन उद्योग विशेषज्ञों की नजर इस घटनाक्रम पर बनी हुई है।