नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। आज रविवार 15 अक्टूबर है। आज ही से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है। सनातन धर्म के हिंदू पंचाग के अनुसार हर एक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर देवी आराधना का महापर्व आरंभ हो जाती है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना होती है और मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री का पूजा की जाती है।
इस मुहूर्त में करें कलश स्थापना
हिंदू धर्म में अभिजीत मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। अभिजीत मुहूर्त में किया गया कार्य और पूजा बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में हिंदू पंचांग के अनुसार 15 अक्तूबर को अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना की जा सकती है। आज सुबह अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 44 मिनट से शुरू हो जाएगा।
हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व होता है। एक साल में चार नवरात्रि आते हैं जिसमें शारदीय और चैत्र नवरात्रि होते है जबकि दो गुप्त नवरात्रि होते हैं। नवरात्रि पर 9 दिनों तक देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-आराधना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि पर देवी दुर्गा की आराधना पर सभी तरह की मनोकामनाएं अवश्य ही पूरी होती हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान कुछ कार्यों को नहीं करना चाहिए नहीं तो देवी दुर्गा रुष्ट हो जाएंगी और पूजा का संपूर्ण फल नहीं प्राप्त हो सकेगा।
दिन | नवरात्रि दिन | तिथि | पूजा-अनुष्ठान |
15 अक्तूबर 2023 | नवरात्रि दिन 1 | प्रतिपदा | देवी शैलपुत्री की पूजा से चंद्र दोष समाप्त होता है। |
16 अक्तूबर 2023 | नवरात्रि दिन 2 | द्वितीया | देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा से मंगल दोष खत्म होता है। |
17 अक्तूबर 2023 | नवरात्रि दिन 3 | तृतीया | देवी चंद्रघण्टा पूजा से शुक्र ग्रह का प्रभाव बढ़ता है। |
18 अक्तूबर 2023 | नवरात्रि दिन 4 | चतुर्थी | माँ कूष्माण्डा की पूजा से कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है। |
19 अक्तूबर 2023 | नवरात्रि दिन 5 | पंचमी | देवी स्कंदमाता की पूजा से बुध ग्रह का दोष कम होता है। |
20 अक्तूबर 2023 | नवरात्रि दिन 6 | षष्ठी | देवी कात्यायनी की पूजा से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है। |
21 अक्तूबर 2023 | नवरात्रि दिन 7 | सप्तमी | देवी कालरात्रि की पूजा से शनिदोष खत्म होता है। |
22 अक्तूबर 2023 | नवरात्रि दिन 8 | अष्टमी | देवी महागौरी की पूजा से राहु का बुरा प्रभाव खत्म होता है। |
23 अक्तूबर 2023 | नवरात्रि दिन 9 | नवमी | देवी सिद्धिदात्री की पूजा से केतु का असर कम होता है। |
- नवरात्रि के दिनों में शराब और अन्य तरह के नशे का सेवन नहीं करना चाहिए।
- नवरात्रि पर बाल और नाखून नहीं कटवाना चाहिए।
- तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए।
- महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए।
- लेदर से बनी चीजों का इस्तेमाल न करें।
- किसी को परेशान नहीं करना चाहिए।
नवरात्रि में नौ दुर्गा की पूजा से मिलता है लाभ
नवरात्रि पर देवी दुर्गा की आराधना करने पर सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवरात्रि के 9 दिनों तक देवी के नौ स्वरूप देवी शैलपुत्री, देवी ब्रह्मचारिणी, देवी चंद्रघण्टा, मां कूष्माण्डा, देवी स्कंदमाता, देवी कात्यायनी, देवी कालरात्रि, देवी महागौरी, देवी महागौरी और देवी सिद्धिदात्री की पूजा-आराधना होती है। इन नौ दिनों देवी की उपासना करने पर कई तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है।
घट स्थापना पर इन पूजा सामग्री का करें प्रयोग
जौ, मिट्टी, जल का कलश, लौंग, कपूर, मौली, रोली, चावल, सिक्के, अशोक, आम के पत्ते, नारियल, चुनरी, फल, फूल
नवरात्रि पर आज इस उपाय से करें मां शैलपुत्री को प्रसन्न
नवरात्रि के पहले दिन देवी आदि शक्ति दुर्गा के पहले स्वरूप की पूजा होती है। मां शैलपुत्री देवी पार्वती का ही स्वरूप हैं जो सहज भाव से पूजन करने से शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं।माँ की कृपा पाने के लिए इस दिन मंदिर में त्रिशूल अर्पित करें।
आज कैसे करें घटस्थापना, जानें पूरी पूजा विधि
- सबसे पहले सुबह स्नान करते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- फिर इसके बाद पूजा स्थल पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।
- फिर मिट्टी के बर्तन में मिट्टी डाले और उसमें जौ मिला दें।
- भगवान गणेश का नाम लें और मां दुर्गा का स्मरण करते हुए अखंड ज्योति जलाएं।
- तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं और मौली बांध दें।
- लोटे में गंगाजल मिलाकर पानी भर दें।
- फिर इस पात्र में सिक्के, सुपारी, अक्षत और फूल डालें।
- कलश में अशोक और आम के पत्ते लगाएं।
- इसके बाद सभी तरह की पूजन सामग्री को एकत्रित करते हुए पूजा आरंभ करें।
शारदीय नवरात्रि बना शुभ योग
आज से शुभ नवरात्रि का महापर्व प्रारंभ हो गया है। आज से आने वाले 9 दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा-आराधना की जाएगी। इस बार शारदीय नवरात्रि बहुत ही शुभ योग में शुरू हुआ है। आपको बता दें कि 15 अक्तूबर, सोमवार को बुधादित्य योग, सुनफा योग, वेशी योग और लक्ष्मी योग का संयोग बना हुआ है। इसके अलावा देवी दुर्गा का आगमन हाथी की सवारी के साथ हुआ है जिसे भी बहुत शुभ माना गया है।
शारदीय नवरात्रि के दिन | देवी | बीज मंत्र |
पहला दिन | शैलपुत्री | ह्रीं शिवायै नम:। |
दूसरा दिन | ब्रह्मचारिणी | ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:। |
तीसरा दिन | चन्द्रघण्टा | ऐं श्रीं शक्तयै नम:। |
चौथा दिन | कूष्मांडा | ऐं ह्री देव्यै नम:। |
पांचवा दिन | स्कंदमाता | ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:। |
छठा दिन | कात्यायनी | क्लीं श्री त्रिनेत्राय नम:। |
सातवाँ दिन | कालरात्रि | क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:। |
आठवां दिन | महागौरी | श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:। |
नौवां दिन | सिद्धिदात्री | ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:। |
नवरात्रि के पहले दिन मां को लगाएं ये भोग
कलश स्थापना के साथ आज से देवी शक्ति की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्रि का पर्व आरंभ हो गया है। नवरात्रि के पहले देवी के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की उपासना का महत्व होता है। माता शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं, इसीलिए इनको सफेद रंग बेहद प्रिय है।इस दिन मां को गाय के घी का भोग लगाना शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां शैलपुत्री को घी का भोग अर्पित करने पर आरोग्य की प्राप्ति होती है और देवी मां अपने भक्तों को हर संकट से मुक्ति देती है।
नवरात्रि के 9 दिन के अनुसार भोग
शारदीय नवरात्रि 2023 | नवरात्रि के दिन | माता का भोग |
पहला दिन | माँ शैलपुत्री देवी | देसी घी |
दूसरा दिन | ब्रह्मचारिणी देवी | शक्कर,सफेद मिठाई,मिश्री और फल |
तीसरा दिन | चंद्रघंटा देवी | मिठाई और खीर |
चौथा दिन | कुष्मांडा देवी | मालपुआ |
पांचवां दिन | स्कंदमाता देवी | केला |
छठा दिन | कात्यायनी देवी | शहद |
सातवां दिन | कालरात्रि देवी | गुड़ |
आठवां दिन | महागौरी देवी | नारियल |
नौवां दिन | सिद्धिदात्री देवी | अनार और तिल |
नवरात्रि कलश स्थापना की पूजन सामग्री
नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा करने का विधान होता है। कलश स्थापना के साथ ही पूजा आरंभ हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार मां दुर्गा की पूजा में कई तरह की पूजन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है। मां दुर्गा लाल रंग बहुत ही प्रिय होता है। कलश स्थापना के लिए मिट्टी का पात्र, कलश, चुनरी, जौ, मिट्टी, मौली, कपूर, रौली, पान-सुपारी, साबुत चावल, आम के पत्ते, फल-फूल और श्रृंगार की सभी चीजें।