- 27 सितंबर तक मनाया जाएगा राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह
वरिष्ठ संवाददाता |
सहारनपुर: बुढ़ापे में भूलने की आदतें खतरनाक सिग्नल है। दरअसल यह (अल्जाइमर्स -डिमेशिया) के संकेत हैं। इस बीमारी की जद में अधिकतर बुजुर्ग आते हैं। इसे बचाने के लिए हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर्स-डिमेंशिया दिवस मनाया जाता है । इसका उद्देश्य जागरूकता लाना है। कल से शुरू हुए इस दिवस को 27 सितंबर तक चलाया जाएगा।
जनपद के गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉक्टर महेश कुमार का कहना है कि बुजुर्गों को डिमेंशिया से बचाने के लिए जरूरी है कि परिवार के सभी सदस्य उनके प्रति अपनापन रखें। अकेलापन न महसूस होने दें। समय निकाल कर उनसे बातें करें। उनकी बातों को नजरंदाज कदापि न करें बल्कि उनको ध्यान से सुनें।
ऐसे कुछ उपाय करें कि उनका मन व्यस्त रहे, उनकी मनपसंद की चीजों का ख्याल रखें। निर्धारित समय पर उनके सोने-जागने, नाश्ता व भोजन की व्यवस्था का ध्यान रखें। अमूमन 65 साल की उम्र के बाद लोगों में यह बीमारी देखने को मिलती है या यूं कहें कि नौकरी-पेशा से सेवानिवृत्ति के बाद यह समस्या पैदा होती है।
इसके लिए जरूरी है कि जैसे ही इसके लक्षण नजर आएं तो जल्दी से जल्दी चिकित्सक से परामर्श करें ताकि समय रहते उनको उस समस्या से छुटकारा दिलाया जा सके। इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में से एक है कि जीवन शैली में एकदम से बदलाव आना जैसे- शरीर में आलसपन का आना, लोगों से बात करने से कतराना, बीमारियों को नजरंदाज करना, भरपूर नींद का न आना, किसी पर भी शक करना आदि।
जागरूकता सप्ताह के तहत होंगे विविध आयोजन
महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश द्वारा सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इस बारे में पत्र भेजकर 21 से 27 सितंबर तक चलने वाले डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह के दौरान विविध आयोजन करने को कहा गया है। इसकी पुष्टि करते हुए सीएमओ डाक्टर बीएस सोढ़ी ने बताया कि इसके तहत कोविड-19 के सभी दिशा-निदेर्शों का पालन करते हुए रैली, संगोष्ठी, अर्बन स्लैम कैम्प, मंद बुध्धि प्रमाण पत्र प्रदान करने के सम्बन्ध में शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं ।
डिमेंशिया के लक्षण
रोजमर्रा की चीजों को भूल जाना, व्यवहार में परिवर्तन आना, रोज घटने वाली घटनाओं को भूल जाना, दैनिक कार्य न कर पाना आदि इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं । इसके चलते बातचीत करने में दिक्कत आती है या किसी भी विषय में प्रतिक्रिया देने में विलम्ब होता है । डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रोल, सिर की चोट, ब्रेन स्ट्रोक, एनीमिया और कुपोषण के अलावा नशे की लत होने के चलते भी इस बीमारी के चपेट में आने की सम्भावना रहती है ।