Thursday, May 22, 2025
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साहब! एक नजर इधर भी इनायत करें

  • नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार चरम पर, निगम के सड़क निर्माण में एक और बड़ा घोटाला हुआ उजागर
  • 30 मीटर सड़क निर्माण कराया, 54.2 मीटर सड़क निर्माण का पेमेंट पाया
  • 30 मीटर सड़क निर्माण कर निकाले 2.98 लाख

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: नगर निगम में निर्माण विभाग द्वारा वार्ड-85 में 30 मीटर सड़क का निर्माण कराया गया, जिसमें 30 मीटर सड़क निर्माण कर उसी निर्माण को 54.2 मीटर दर्शाते हुये निगम से ठेकेदार के द्वारा भुगतान भी ले लिया गया। जब मानक गुणवत्ता के परीक्षण के लिए जांच टीम पहुंची तब जाकर इस बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। निगम में ऐसे एक दो नहीं, बल्कि न जाने कितने भ्रष्टाचार के ऐसे मामले हैं, जिनके खुलासे के बाद जांच तो बैठी, लेकिन जांच का कोई परिणाम निकलकर सामने नहीं आया।

केवल फाइलों में जांच पड़ताल दबकर रह गई। यहां तक की सत्ताधारी पार्टी के सांसद के द्वारा जो पूर्व में वार्ड-35 में सड़क निर्माण में बड़े घोटाले की शिकायत की थी, वह भी फाइलों में दब गई। प्रदेश सरकार के तमाम आलाधिकारियोें के सामने निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले पहुंचे, लेकिन वह भी निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा सके। 10 मई को क्रांति दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री का महानगर में दौरा प्रस्तावित है। लोगों की नजरें देश के प्रधानमंत्री पर टिकी हैं कि प्रधानमंत्री निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामलों में आप ही नजरें इनायत कर लो ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके।

नगर निगम में निर्माण विभाग में पत्र संख्या 47/पीए नआ/2021 दिनांक 12/07/2022 के द्वारा महानगर में विभिन्न विकास कार्य कराये गये। इसमें अन्य मदों में कार्यों के लिये मानक गुणवत्ता के परीक्षण के लिये अपर आयुक्त प्रमोद कुमार, सहायक अभियंता राजबीर सिंह एवं अन्य तीन सदस्यों की टीम जांच समिति निर्माण संबंधी मामलों की जांच के लिये गठित की गई थी। टीम स्थलीय जांच के लिये पहुंची तो वह वार्ड-85 की जाकिर कॉलोनी में पहुंची।

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इसी वार्ड में जाकिर हुसैन कॉलोनी तारा गार्डन के बराबर वाली गली में रउफ के मकान से मुरसलीम चौहान के मकान तक नाली एवं सीसी टायल्स द्वारा निर्माण कार्य मैमर्स एसवी इंटरप्राइजेज के द्वारा कराया गया था। उसी जांच को 23 मार्च 2023 को जांच टीम मौके पर पहुंची। जांच पड़ताल की तो एक बडेÞ भ्रष्टाचार का खुलासा टीम के सामने आया। जांच टीम ने पाया कि माप पुस्तिका में जिस सड़क की लंबाई 54.2 मीटर दर्शाकर पेमेंट रुपये 2 लाख 98 हजार 537 रुपये का भुगतान दर्शाया गया है।

उसकी धरातल पर वास्तविक लंबाई 30 मीटर है। जिसमें करीब दो गुणा लंबाई बढ़ाकर रुपया निकाला जाना पाया गया। जिसके बाद निर्माण ठेकेदार एवं जिन अधिकारियों ने माप पुस्तिका में निर्माण की लंबाई दो गुणा तक बढ़ाकर दर्शा दी गई, उनमें भी हड़कंप मच गया। वहीं, तमाम अधिकारी वही मजबूत सेटिंग के बल पर मामले को दबाये रखे। ये मामला ‘जनवाणी’ तक पहुंचा तो इसकी पड़ताल शुरू की। मुख्य निर्माण अधिकारी टीएन वर्मा से बातचीत के बाद संवाददाता वार्ड-85 की जाकिर कॉलोनी तारा गार्डन के पास रउफ के मकान पर पहुंचा, जहां पर गली निर्माण होना बताया गया था।

वहां पर रउफ मिला व अन्य कुछ मजदूर निर्माण कर रहे थे। उनसे सड़क निर्माण की जानकारी ली गई तो उन्होंने अपने आसपास के क्षेत्र में मात्र एक ही सड़क वह भी 100 फीट से कम बनी होना बताया कि लगभग 30 मीटर सड़क निर्माण होना धरातल पर पाया गया। जिसके बाद मुख्य निर्माण अधिकारी टीएन वर्मा से सच्चाई जानने के लिये संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उन्हे ठेकेदार व संबंधित जेई ने पहले वहीं जानकारी दी थी, लेकिन बाद में बताया कि 30 मीटर के अतिरिक्त उस वार्ड में दो अन्य पुलिया का निर्माण उसी बजट में कराया गया है।

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यानि अब मामला सड़क से घूमकर पुलिया निर्माण तक जा पहुंचा। वहीं, टीएन वर्मा ने निगम के एक अवर अभियंता को मौके पर भेजा तो उसने संवाददाता को रउफ के मकान से करीब 500 मीटर दूरी पर एक पुलिया बनी होना दिखाया। जिसमें केवल पुलिया के नाम पर स्लैब डाला हुआ पाया गया। वह उस बजट में शामिल होना बताया तो संवाददाता का सवाल करना वाजिब बनता था कि वह निर्माण संबंधी फाइल के कागज दिखाए कि सड़क निर्माण के साथ जो पुलिया निर्माण कराया जाना बता रहा है,

वह रिकॉर्ड में अंकित है या फिर गुमराह किया जा रहा है, जिसके बाद निगम के अवर अभियंता के द्वारा कोई कागज इस संबंध में नहीं दिखाया जा सका। इस दौरान वहां पर आसपास के लोग भी एकत्रित हो गये। उन्होंने कहा कि निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले हर रोज सामने आ रहे हैं। चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 मई को क्रांतिधरा पर आ रहे हैं। हम चाहते हैं कि वह नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामलों पर भी नजरें इनायत कर लें, ताकि निगम भ्रष्टाचार मुक्त हो सके।

भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सांसद और विधायक की आवाज भी फाइलों में दबी

वार्ड-35 में भाजपा सांसद राजेंद्र अगवाल के द्वारा की गई थी बडेÞ घोटाले की शिकायत महानगर में कभी भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल तो कभी भाजपा के अन्य बड़े अधिकारियों के द्वारा तमाम घोटालों की शिकायत की, जब उनकी शिकायत पर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी एवं कर्मचारियों पर संज्ञान नहीं लिया गया तो विपक्षी नेताओं व आम जनता के द्वारा की जाने वाली शिकायतों पर क्या संज्ञान लिया जा सकता है।

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जब सांसद की शिकायत पर सुनवाई नहीं तो अब नगरवासियों की निगाहें प्रधानमंत्री के 10 मई के दौरे पर टिकी है कि प्रधानमंत्री को ही मेरठ आगमन पर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अपनी नजरें इनायत करनी चाहिए नहीं तो निगम में भ्रष्टाचार कम होने की जगह बढ़वा ही मिलेगा। वार्ड-35 में भी ठीक इसी तरह का मामला सामने आया था कि उसमें सड़क की दो गुणा लंबाई बढ़ाकर दर्शाई गई थी, जोकि जांच में मामला पकड़ में आया, लेकिन वह फाइल भी कार्रवाई के नाम पर फाइलों में दबकर रह गई।

वार्ड-85 में जो निर्माण कराया गया है, जिस पर भ्रष्टाचार के सवाल खडेÞ किये जा रहे हैं। उस संबंध में निगम की जांच टीम के द्वारा पूरी रिपोर्ट सही तरह से तैयार करके नहीं भेजी गई। -टीएन वर्मा, मुख्य निर्माण अधिकारी, नगर निगम मेरठ

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