- पुलिस ने गोदाम किया सील, आरोपियों का सुराग नहींं
जनवाणी संवाददाता|
मेरठ: एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबें छापने के मामले में पुलिस ने गजरौला स्थित गोदाम को सील कर दिया है। पुलिस ने गजरौला स्थित गोदाम से छह लाख किताबें और साढ़े पांच लाख किताबों के रेपर बरामद किये हैं।
वहीं, आरोपी संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता फरार चल रहे हैं और उनके घरों पर पुलिस दबिश डाल रही है।एनसीईआरटी प्रकरण में पुलिस ने प्रारंभिक कार्रवाई पूरी कर ली है। परतापुर पुलिस ने अच्छरौंडा और गजरौला स्थित गोदामों और प्रिंटिंग प्रेस पर कार्रवाई पूरी कर ली है।
पुलिस की टीम गजरौला स्थित गोदाम पर गई और किताबों की गिनती करवाई। पुलिस ने बताया कि गोदाम से छह लाख पूरी तरह तैयार किताबें बरामद की गई।
इसके अलावा साढ़े पांच लाख रेपर भी बरामद किये गए हैं। संपूर्ण बरामदगी के बाद गोदाम को सील कर दिया गया। इसके बाद मोहकमपुर और परतापुर के गोदाम और प्रिंटिंग प्रेस को लेकर मौके से मिले कागजातों का मिलान कराया जा रहा है।
वहीं, परतापुर इंस्पेक्टर आनंद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिये दबिशें दी जा रही है। वहीं, मुख्य आरोपी संजीव गुप्ता के भाजपा से जुड़े होने के कारण ये मामला हाइप्रोफाइल हो गया है और पुलिस को दिन भर राजनीतिक लोगों से जूझना पड़ रहा है।वहीं, पुलिस ने देर रात फरार चल रहे दो अन्य आरोपियों के घरों में दबिशें दी, लेकिन कोई भी घर पर नहीं मिला।
एनसीईआरटी के बहाने कैंट विधायक की घेराबंदी!
एनसीईआरटी की नकली किताबों के मामले में पुलिस भले काम कर रही है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के अंदर भी घमासान तेज हो गई है। भाजपा का एक गुट कैंट विधायक की घेराबंदी करने में लगा हुआ और इस पूरे घोटाले के तार जोड़ कर चर्चाओं का बाजार गरम करने में लगा हुआ है।
वही एक अन्य गुट महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल को घेरने में लग गया है। हालांकि परदे के पीछे से हमले हो रहे हैं, लेकिन कोई भी खुलकर सामने आने को तैयार नहीं है। भाजपा में इस घोटाले के बाद से तूफान मचा हुआ है।
छोटे से लेकर बड़ा नेता यह कह रहा है कि भाजपा की महानगर कार्यकारिणी में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी मौजूद है। हर कोई यही बात कह रहा है कि अगर महानगर अध्यक्ष को कैसे नहीं पता कि उनका उपाध्यक्ष इतने बड़े कारोबार को संभाल रहा है। अब बचाव के लिये कार्रवाई की जा रही है।
पार्टी का एक गुट कैंट विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल को घेरने की कोशिश कर रहा है। इसके लिये उनके बेटे नितिन अग्रवाल का नाम इस घोटाले से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। जबकि खुद कैंट विधायक कह चुके हैं कि दो साल से उनका बेटा यह काम नहीं कर रहा है।
50 से अधिक दुकानदार बेच रहे थे नकली किताबें !
60 करोड़ के एनसीईआरटी घोटाले में प्रकाशकों के अलावा उन दुकानदारों का भी बड़ा रोल है, जो कमीशन के कारण इसको वर्षों से बेचते आ रहे हैं। ऐसे में करीब 50 दुकानों को पुलिस टारगेट पर ले सकती है। जिनका ट्रैक रिकॉर्ड भी इस मामले में खराब है।
परतापुर के अच्छरौंडा और गजरौला में स्थित गोदामों में एसटीएफ को मिली 60 करोड़ की एनसीईआरटी की नकली किताबों की जब पड़ताल शुरू हुई तो पता चल रहा है कि अकेले मेरठ में ही 50 से अधिक दुकानदार इन किताबों को बखूबी खपाते आ रहे हैं।
अभी इन दुकानदारों की लिस्ट तैयार नहीं हुई है, लेकिन पुलिस की जांच का एक एंगल यह भी बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि बिना पुस्तक विक्रेताओं की मदद के इतना बड़ा गोरखधंधा चल ही नहीं सकता है।
एसटीएफ के सीओ ब्रजेश सिंह ने बताया कि एनसीईआरटी घोटाले में पूरा नेटवर्क काम कर रहा है। इसमें प्रकाशकों के अलावा तमाम शहरों के बुकसेलर भी है जो मोटे कमीशन के चक्कर में पड़कर इन किताबों को बेच रहे हैं।
बताया जा रहा है मुख्य आरोपी संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता स्थानीय होने के कारण पुस्तक विक्रेताओं से सीधे संपर्क में थे।
हालांकि मेरठ बुक सेलर एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष धस्माना और महामंत्री संजय अग्रवाल का साफतौर पर कहना है कि उनकी एसोसिएशन पायरेसी के सख्त खिलाफ है और जो दुकानदार ऐसा काम कर रहे है उनके साथ नहीं खड़ी होगी। उसे एसोसिएशन से निकाल दिया जाएगा।
वहीं पुलिस अभी इस मामले की गहराई में जाने के लिये हर संभव जानकारियां बटोर रही है, क्योंकि जनपद के इतिहास में इतनी बड़ी रिकवरी पहले कभी नहीं हुई है।