- स्मार्ट मीटर की जांच से जगी उपभोक्ताओं की उम्मीदें
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: वर्तमान समय में स्मार्ट मीटर में मिल रही शिकायतों के प्रदेश सरकार ने जांच रिपोर्ट आने तक स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगा दी है। जिससे जिन लोगों ने नए कनेक्शन के लिए आवेदन किया है।
उन आवेदकों के यहां पर अगले आदेश तक स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जाएगा। प्रदेश सरकार के इस आदेश के बाद जहां नए उपभोक्ताओं को राहत मिली है। वहीं जिन उपभोक्ताओं के पहले से स्मार्ट मीटर लगे हुए हैं। उन्हें भी उम्मीदों के किरण जगी है, कि प्रदेश सरकार के जांच के फैसले से हर महीने बिजली का अतिरिक्त बोझ कम होगा।
उपभोक्ताओं के अनुसार जो स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, उनका बिल पहले की मुकाबले दोगुना आ रहा है। जबकि घरों में बिजली के उपकरण व उनका उपयोग पूर्व में निर्धारित क्रम में ही चल रहा है। उसके बाद भी बिल में बढ़ोत्तरी हो रही है।
जन्माष्टमी पर लाइट जाने के बाद मामले ने पकड़ा था तूल
जन्माष्टमी पर अचानक से हजारों उपभोक्ताओं के घर की लाइट चली गई थी। जब इस संबध में उपभोक्ताओं ने बिजली विभाग में पता किया तो विभाग की तरफ से बिजली जमा न होने के कारण लाइट जाने का कारण बताया।
जिसके बाद काफी संख्या में उपभोक्ता बिजली विभाग पहुंच गए और हर महीने जमा होने वाले बिजली के बिल की रसीद दिखाई। इस तरह का नजारा सिर्फ मेरठ ही नहीं वरन पूरे प्रदेश में देखा गया था। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने इस मामले का संज्ञान लिया।
सही से हो जांच तभी मिल पाएगा उपभोक्ताओं को न्याय
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने स्मार्ट मीटर में आ रही खामियों की जांच करने के आदेश के साथ ही 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है।
जनपद में भी बिजली विभाग द्वारा टीम बनाई है, जो मामले की जांच कर रही हैं। अगर समय पर और मानकों के अनुरूप जांच की जाएं तो उपभोक्ताओं को न्याय मिल सकता है। इस तरह की शिकायतों की जांच कर कमेटी को फरवरी 2020 में सरकार को रिपोर्ट देनी थी, लेकिन अब तक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं हुई है।
कमेटी के सदस्यों का कहना है कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान प्रयोगशाला बंद होने से मीटरों की जांच नहीं हो पाई है।
बता दें कि ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के निर्देश पर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक एम देवराज ने बृहस्पतिवार को एनर्जी एफिसिएंशी सर्विसेज लि. ईईएसएल को पत्र भेजकर मीटर लगाने का काम 15 दिन के लिए रोकने को कहा है। साथ ही ऊर्जा मंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा कि पहले यह जांच की जाएगी कि आटो डिस्कनेक्ट कैसे हुआ सर्वर खराब था या मीटर में खराबी हुई है।
साथ ही बताया कि पावर कापोर्रेशन को जांच रिपोर्ट के साथ समस्या के समाधान और आगे की कार्ययोजना बनाकर भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद विशेषज्ञों की समिति के समक्ष स्मार्ट मीटर का प्रजेंटेशन कराया जाएगा।
इस संबंध में चीफ इंजीनियर एसबी यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार के आदेश अनुसार जनपद में भी जांच के लिए कमेटी गठित पूर्व में कर दी। साथ ही अगले आदेश तक स्मार्ट मीटर भी नहीं लगाए जाएंगे।