Monday, March 17, 2025
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… तो ये है आतंकी यासीन मलिक की बीबी मुशाल हुसैन ‘अमरनाथ टेरर प्लान’

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमरनाथ यात्रा से पहले ही पीओके के मुजफ्फराबाद में बैठे आतंकी संगठनों के आकाओं ने माहौल बिगाड़ने की पूरी तैयारियां शुरू कर दी थीं।

दरअसल पीओके के मुजफ्फराबाद में आतंकी संगठनों के लिए अमरनाथ यात्रा में आतंकी हमले और साइबर अटैक के माध्यम से माहौल बिगाड़ने की साजिश थी। खुफिया सूचना के आधार पर ही कश्मीर घाटी के चार जिले श्रीनगर, अनंतनाग, पुलवामा और कुपवाड़ा में छह स्थानों पर एसआईए ने तलाशी ली थी।

जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि छापेमारी के दौरान उनको जो दस्तावेज मिले हैं उसमें आईएसआई, पीओके में बैठे कुछ आतंकी संगठन और यासीन मलिक की पत्नी मुशाल मलिक के घाटी में आतंक फैलाने में संलिप्त होने के पुख्ता सबूत
मिले हैं।

आतंकी यासीन मलिक की बीबी मुशाल हुसैन ने एक बार फिर घाटी में आतंकी साजिश को अंजाम देने की बड़ी रणनीति बनाई है। इस बार मुशाल ने इस्लामाबाद से घाटी में शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा में आतंकी साजिश को बढ़ावा देने के लिए पीओके के मुजफ्फराबाद से सीधा कनेक्ट किया है।

मुशाल और आईएसआई की पहल पर मुजफ्फराबाद में घाटी में आतंकियों के ‘हाइब्रिड मॉडल स्लीपर सेल’ को बड़ी घटना के लिए तैयार भी कर दिया था। लेकिन एसआईए की बड़ी छापेमारी में मुशाल मलिक और आईएसआई के नापाक इरादों का भंडाफोड़ हो गया। फिलहाल इस मामले में जांच एजेंसियों को छापेमारी में और भी कई अहम सबूत हाथ लगे हैं।

माहौल खराब करने का ग्राउंड…

बीते एक सप्ताह के भीतर घाटी में एनआईए और एसआईए की छापेमारी के दौरान पता चला कि घाटी में कितने आतंकी संगठनों को स्लीपर सेल की तौर पर सक्रिय किया जा रहा है।

पाकिस्तान की शह पर घाटी में कुछ नए आतंकी संगठनों को खड़ा करके और उनके स्लीपर सेल को भी अंदर ही अंदर नए आतंकी संगठन के तौर पर तैयार किया जा
रहा है।

खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू एंड कश्मीर (यूएलएफजेएंडके), मुजाहिदीन गज़ावत-उल-हिंद, जम्मू फ्रीडम फाइटर्स और कश्मीर टाइगर्स समेत PAAF जैसे उग्रवादी संगठन पीओके और इस्लामाबाद से मिलने वाली शह पर समानांतर अपने दूसरे नए उग्रवादी संगठन भी तैयार कर रहे थे, जो अमरनाथ यात्रा के दौरान बड़ी वारदात करने की तैयारी में थे। जांच एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर छापेमारी हुई और उसके बाद इनके मंसूबों को नाकामयाब कर दिया गया।

साजिश का बड़ा भंडाफोड़…

खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दरअसल मई के अंतिम सप्ताह में आईएसआई की ओर से इस्लामाबाद में मुशाल मलिक को घाटी में अस्थिरता फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर माहौल बनाने के लिए कहा गया। इसके साथ ही पीओके में आतंकी संगठनों के आकाओं को घाटी के हाइब्रिड मॉडल स्लीपर सेल को आईईडी और तमाम अन्य घातक हथियार उपलब्ध करवाने की तैयारी करने लगे।

सूत्र के मुताबिक इस पूरे मामले की घाटी के कुछ अलगाववादी नेता और आतंकियों के बीच में लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से कई तरह के संदेशों का आदान-प्रदान भी हुआ। खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस दौरान मुशाल ने घाटी में स्लीपर सेल को सोशल मीडिया के माध्यम से भारत के विरोध में माहौल बनाने के लिए प्रेरित किया।

अमरनाथ यात्रा में बाधा डालने की साजिश…

छापेमारी के दौरान जांच एजेंसियों को दस्तावेज और सबूत हाथ लगे हैं। इस दौरान जो डिजिटल, डाटा और सोशल मीडिया के आईपी एड्रेसेज को जांच एजेंसियों ने एक्सप्लोर कर अपने कब्जे में लिया है। उससे जी-20 के दौरान फैलाई जाने वाली साजिश के भी सबूत मिले हैं।

जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान की शह पर पीओके के आतंकी संगठन और इस्लामाबाद में बैठे कुछ अलगाववादी नेताओं के कम्युनिकेशन को डिकोड किया गया है।

इस दौरान पता चला है कि घाटी में माहौल खराब करने की साजिश के लिए जी-20 और अमरनाथ यात्रा को चुना गया था। हालांकि खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट के आधार पर आतंकियों की साजिश को नाकाम कर दिया गया है।

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