- बुलेट सीज होने पर आत्मदाह के प्रयास का मामला
जनवाणी संवाददाता
मेरठ: पटाखे वाली आवाज निकालने वाली बुलेट को सीज कर 16 हजार रुपये का चालान करने पर जिस युवक ने मां-बाप के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था। उसे पुलिस ने मां-बाप के साथ जेल भेज दिया। मां को बुधवार को जमानत मिल गई, लेकिन बाप-बेटे अभी जेल में ही है।
मॉडीफाइड बुलेट का चालान कटने से नाराज गंगानगर के लालपार्क निवासी रोहित, उसके पिता अशोक और मां मुनेश ने सुबह एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव के कार्यालय में जमकर हंगामा कर ड्रामा किया था। मौजूद स्टाफ पर तमाम तरह के आरोप लगाते हुए चालान निरस्त करने की मांग भी की थी।
उस वक्त आफिस में एसपी ट्रैफिक के न होने पर पूरा परिवार कमिश्नरी चौराहे पर आ गया। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से भिड़ने लगा। थोड़ी देर में युवक रोहित ने प्लॉस्टिक की बोतल निकाली और अपने ऊपर छिड़क कर आग लगाने का प्रयास किया।
पुलिस इस मामले में पहले तीनों लोगों के खिलाफ शांतिभंग की आशंका में चालान करना चाह रही थी, लेकिन एसएसपी प्रभाकर चौधरी और एसपी सिटी विनीत भटनागर ने मामले में सख्ती दिखाते हुए गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तारी दिखाई थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया था।
अदालत ने तीनों को जेल भेज दिया था। बुधवार को मां मुनेश को अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया। जबकि रोहित और पिता जेल में है।
सुधर नहीं रहे युवा
मॉडीफाइड बुलेट पर चलना युवाओं का शौक बनता जा रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर ऐसी बाइकों के खिलाफ अभियान चल रहा है। ट्रैफिक पुलिस ने अब तक 50 के करीब बुलेट के खिलाफ कार्रवाई की है। हैरानी की बात यह है कि जब इनकी बुलेट सीज की गई तो युवाओं ने चालान जमा करने में देरी नहीं की।
गंगानगर के युवक रोहित की बुलेट को भी इसी कारण से सीज किया गया था। पुलिस ने जब इस मामले में रोहित के मां-बाप से बात की थी तब उन्होंने भी बेटे की गलती नहीं बताई थी। यही कारण रहा कि बेटे की गलती की सजा मां-बाप को भुगतनी पड़ी।