Friday, July 5, 2024
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एसपी क्राइम और विनीत शारदा आपस में उलझे

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  • मतगणना स्थल पर गाड़ी ले जाने को लेकर हुआ जमकर हंगामा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मोदीपुरम स्थित मतगणना स्थल के भीतर प्रशासन की अनुमति के बगैर गाड़ी ले जाने को लेकर एसपी क्राइम और भाजपा नेता विनीत शारदा आपस में उलझ गए। पूरी घटना को लेकर एक वीडियो में सामने आया है। वीडियो में रुड़की रोड हाइवे पर पर कृषि विश्वविद्यालय के मोड पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के लोग खडेÞ हैं जो मतगणना स्थल के भीतर जाने वाली गाड़ियों की जांच कर रहे हैं। इसी दौरान वहां कुछ समर्थकों के साथ भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विनित अग्रवाल शारदा भी पहुंचते हैं।

उनकी गाड़ी पुलिस वाले रोक लेते हैं। शायद उनके पास गाड़ी भीतर ले जाने का पास नहीं था। भीतर जाने से रोके जाने से गाड़ी के रोके जाने पर विनित शारदा नाराजगी भरे अंदाज में गाड़ी से नीचे उतर आते हैं। उनके साथ चल रहे लोग भी नीचे आ जाते हैं। वह गाड़ी रोकने वाले दरोगा की ओर बढ़ते हैं वहां उनकी दरोगा व अन्य पुलिस वालों से जमकर कहासुनी होती है। कुछ दूरी पर एसपी क्राइम खडेÞ हैं। वीडियो देखने से लगता है कि बगैर पास के गाड़ी भीतर जाने की अनुमति दिए जाने संभवत मना कर दिया जाता है।

इस बात पर भाजपा नेता बुरी भड़क जाते हैं। वो कहते सुने जा रहे हैं कि उनकी सरकार है और उनकी सरकार आ भी रही है। वहां जमकर गरमा-गर्मी हो रही नजर आती है। इस दौरान चलकर एसपी क्राइम भी विनित शारदा के पास तक जा पहुंचते हैं। वहां दोनों के बीच खूब कहासुनी होती है। भाजपा नेता इस बात पर अडेÞ हैं कि वह गाड़ी भीतर लेकर आएंगे। वो यहां तक भी कहते सुने जा रहे हैं कि अब बात उनकी इज्जत पर आ गयी है, लेकिन पुलिस वाले गाड़ी का पास दिखाने की बात पर अडेÞ रहते हैं। भाजपा नेता से कहा जाता है कि वह चाहे तो मतगणना केंद्र के भीतर मौजूद जिले के अधिकारियों से बात कर लें।

भितरघात से मेरठ में सपा को मिली हार

पूरे प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद मेरठ में समाजवादी पार्टी को भितरघात ने बर्बाद कर दिया और उसको जीती हुई बाजी हारनी पड़ी। पार्टी प्रत्याशी के पति ने खुलकर बागियों पर कटाक्ष कसे तथा वक्त आने पर उनके नाम भी खोलने का ऐलान किया। समाजवादी पार्टी ने मेरठ सीट पर इस बार जितनी फजीहत कराई। उससे पूर्व इतना तमाशा कभी नहीं रहा। पहले इस सीट पर सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया गया, लेकिन फिर लगभग तीन सप्ताह बाद उनका टिकट काटकर सरधना विधायक अतुल प्रधान को टिकट दिया गया।

अतुल प्रधान ने नामांकन भी दाखिल कर दिया कि फिर नाटकीय घटनाक्रम में समाजवादी पार्टी ने ऐन नामांकन के अंतिम दिन पूर्व महापौर सुनीता वर्मा को टिकट देकर सभी को चौंका दिया। सुनीता वर्मा के टिकट को लेकर अतुल प्रधान ने बागी सुर अपनाये। उन्होंने बाकायदा अपने समर्थकों के साथ इस संबंध में पत्रकार वार्ता भी की। फिर अंदरखाने उनको समझाया गया और अतुल प्रधान ने बाहरी तौर पर तो सुनीता वर्मा के साथ होने का दावा किया, लेकिन अंदरूनी तौर पर वह इस टिकट वितरण से पार्टी नेतृत्व से खासे नाराज थे।

हालांकि सुनीता वर्मा के पति और पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने कई जन सभाओं में अतुल प्रधान को हमेशा आगे रखा। सुनीता वर्मा के समर्थन में मेरठ में हुई रैली में भी अतुल प्रधान की नाराजगी जगजाहिर हुई थी। तब अखिलेश यादव अपने हेलीकॉप्टर में अतुल प्रधान को अपने साथ अमरोहा की जनसभा में ले गये थे। ताकि नाराजगी और गिले-शिकवे दूर हों, लेकिन अंदरखाने कुछ न कुछ पकता ही रहा। और आखिरकार मजबूत स्थिति में होने के बावजूद समाजवादी पार्टी को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा।

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