- कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने समारोह में प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनार्इं
- कृषकों की समस्याओं का हो रहा समाधान: कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख
- मेरठ, मुरादाबाद व सहारनपुर मंडल की मंडल स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज यहां कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रदेश की योगी सरकार पूरी तरह से सजग है। अब खरीफ के साथ-साथ दूसरी फसलों का भी वाजिब दाम दिया जा रहा है। कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने भी किसानों की समस्याओं का तत्काल समाधान होने का दावा किया। कृषि मंत्री शुक्रवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस प्रेक्षागृह में मेरठ, मुरादाबाद व सहारनपुर मंडल की मंडल स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि सरकार द्वारा कृषकों को समय से उन्नत बीज, उर्वरक एवं विद्युत आपूर्ति कर फसलों की उत्पादकता एवं कृषकों की आय बढ़ाने के लिए कृत संकल्पित है। कृषकों का नलकूप बिजली बिल शून्य किया गया है। 60 प्रतिशत अनुदान पर सोलर सिंचाई पम्प उपलब्ध कराये जा रहे हैं। प्रदेश में 7000 कुंतल ढैंचा बीज एवं जिंक सल्फेट अनुदान पर उपलब्ध कराये गये हैं। देश में 4.5 लाख कृषकों दहलन एवं तिलहन के बीज मिनीकीट नि:शुल्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि सरकार मंडलीय, जनपदीय तथा विकास खंड स्तर पर गोष्ठी आयोजित कर कृषकों तक तकनीकी ज्ञान तथा उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास कर रही है। कृषक भाई समय से बुवाई, लाइन से बुवाई, बीजोंपचार, भूमि समतलीकरण कर फसलों की उत्पादकता में वृद्वि कर सकते हैं। प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश द्वारा 600 लाख टन अनाज का उत्पादन किया जाता है जो देश के कुल उत्पादन में गेहूं का 38 एवं चावल का 15 प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश द्वारा 1000 टन सब्जी एवं फल का उत्पादन भी किया जाता है। विद्युत वितरण निगम के अध्यक्ष आशीष गोयल ने कृषकों को सुचारू विद्युत आपूर्ति के लिए कराये जा रहे कार्यों से अवगत कराया गया। विद्युत नलकूपों का एक अप्रैल 2023 से शून्य बिल प्राप्त करने के लिए सभी कृषकों से विद्युत विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराने की अपेक्षा की गई। आयुक्त मेरठ मंडल सेल्वा कुमारी जे एवं आयुक्त सहारनपुर मंडल सहारनपुर डॉ. हृषिकेश भास्कर यशोद ने खरीफ की फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए जनपदों द्वारा कृषि निवेशों की व्यवस्था के विषय में विस्तृत जानकारी उपालब्ध करायी गई।
गोष्ठी मे कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों डा. आदेश कुमार, डा. संदीप चौधरी एवं डा. जितेन्द्र आर्य द्वारा खरीफ में उगाई जाने वाली दलहनी, तिलहनी एवं गन्ने की फसल के साथ सहफसली एवं प्राकृतिक खेती के मुख्य बिंदुओं की जानकारी कृषकों को दी गई। तीनों मंडलों के विभिन्न जनपदों से आये कृषकों धर्मेन्द्र मलिक मुजफ्फरनगर श्यौदान सिंह व गजेन्द्र सिंह, महबूब अली शामली, दिगम्बर सिंह, शरद कुमार बिजनौर, गुरुवचन सिंह अमरोहा, पवन कुमार हापुड़ आदि कृषकों द्वारा कृषि से सम्बन्धित जनपद की समस्याएं रखीं।
पदमश्री पुरस्कार प्राप्त भारत भूषण त्यागी बुलन्दशहर एवं सेठपाल सिंह सहारनपुर द्वारा भी अपने अनुभव कृषकों के समक्ष साझा किये गये। गोष्ठी का संचालन डा. अमरनाथ मिश्रा संयुक्त कृषि निदेशक मेरठ मंडल मेरठ एवं राजीव सिंह जिला कृषि अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। डीएम दीपक मीणा द्वारा गोष्ठी का समापन किया गया। गोष्ठी में सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारी भी मौजूद रहे।
भुगतान न मिलने पर किसानों ने किया हंगामा
गोष्ठी में अन्य अतिथियों से पहले कृषि मंत्री अपना व्याख्यान देने लगे। क्योंकि कृषि मंत्री को किसी दूसरे कार्यक्रम में भी जाना था। कृषि मंत्री जब प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का बखान कर रहे थे। उसी समय हापुड़ के किसानों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया। इन किसानों का कहना था कि ब्रजनाथपुर और सिंभावली शुगर मिलों ने उनका कई सालोें के पैसों का भुगतान नहीं किया है। इस दौरान डीएम दीपक मीणा व सीडीओ नूपुर गोयल किसानों को समझाते रहे कि उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए यहां प्रदेश स्तर के अधिकारी मौजूद हैं। कृषि मंत्री ने किसान को माइक देकर समस्या सुनी तथा मंच से ही आश्वासन दिया।
युवा किसानों को करें जागरूक: सूर्यप्रताप शाही
मोदीपुरम: सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि में उत्तर प्रदेश का पहला एक जनपद एक उत्पाद व कृषक उत्पादक संगठन उत्पाद प्रकोष्ठ का लोकार्पण कृषि, शिक्षा व अनुसंधान मंत्री सूर्यप्रताप शाही, राज्यमंत्री कृषि, कृषि शिक्षा व अनुसंधान बलदेव सिंह औलख, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. मनोज सिंह व कुलपति डॉ. केके सिंह ने किया। कुलपति डॉ. केके सिंह ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि प्रदेश का पहला कृषि विवि बन गया है, जहां इस तरह के म्यूजियम की शुरुआत की गई।
प्रकोष्ठ में विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र के 18 जिलों के एक जनपद एक उत्पाद व कृषक उत्पादक संगठनों के उत्पाद को प्रदर्शित किया गया। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विश्वविद्यालय के इस प्रयास की सराहना की। कहा कि इस तरह के प्रकोष्ठ की स्थापना करने वाला यह प्रदेश का प्रथम विश्वविद्यालय हैं। कृषि राज्यमंत्री बदलदेव सिंह औलख ने इस प्रकोष्ठ के माध्यम से युवाओं, किसानों को जागरूक करने का आह्वान किया। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. मनोज सिंह ने विश्वविद्यालय के इस प्रयास को सराहा। डॉ. केके सिंह ने अतिथियों को इस प्रकोष्ठ के महत्व के विषय में जानकारी दी। डॉ. पीके सिंह ने 18 जिलों के उत्पादों के विषय में सभी को विस्तार से जानकारी दी।
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अधिष्ठाता, निदेशकों के साथ बैठक की और नैक की तैयारियों की समीक्षा की। कुलपति डॉ. केके सिंह ने समस्त सात नैक क्राईटेरिया के विषय में मंत्री सूर्य प्रताप शाही को विस्तार से जानकारी दी। मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अधिक कार्य करने की प्रेरणा दी। कृषि उत्पादन आयुक्त ने खेती में मशीनीकरण के प्रयोग की प्राथमिकता पर बल दिया और विश्वविद्यालय को इस कार्यक्षेत्र में अधिक कार्य करने को लेकर निर्देशित किया। इस दौरान अतिथियों ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का भ्रमण भी किया। इस दौरान वित्त नियंत्रक लक्ष्मी, डॉ. सतेन्द्र कुमार, डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. केजी यादव, डॉ. पीके सिंह, डॉ. एसके लोधी, डॉ. एसके त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।