- एसटीएफ ने इमरान को कोर्ट में किया पेश, न्यायिक अभिरक्षा में भेजा
- गिरफ्तार इमरान के माध्यम से नकली नोट सप्लाई करता था नफीस
- इमरान के दो भाई और एक अन्य भी एसटीएफ को चकमा देकर भागे
मुख्य संवाददाता |
मेरठ/शामली: नकली करेंसी के मामले में एसटीएफ की मेरठ यूनिट को भले ही इमरान के रूप में सफलता मिली हो, लेकिन असली सरगना नफीस समेत चार उसको चकमा देकर फरार होने में सफल हो गए। इनमें 6 लाख, 8 हजार, 300 नकली रुपयों के साथ गिरफ्तार इमरान के दो भाई और एक अन्य शालिम हैं। एसटीएफ इनकी सरगर्मी से तलाश कर रही है। साथ ही, गिरफ्तार इमरान को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसको न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
एसटीएफ की मेरठ यूनिट के निरीक्षक प्रशांत कपिल की अगुवाई में शामली कोतवाली पुलिस की सहयोग से शामली शहर के मोहल्ला नौकुआं, बर्फखाने वाली गली, रसीदियां मजिस्द के पास एक दो मंजिला मकान पर बुधवार को छापा मारकर इमरान नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इमरान से 6 लाख, 8 हजार, 300 रुपये के नकली नोट बरामद किए गए थे। इनमें 100 व 50 के नोट शामली थे।
साथ ही, इमरान के कब्जे से एसटीएफ ने ओपो कंपनी का मोबाइल फोन भी बरामद किया था। एसटीएफ की ये बड़ी कार्रवाई है। एसटीएफ की दो निरीक्षक प्रशांत कपिल व रविंद्र कुमार समेत सात सदस्यीय टीम ने इमरान से शामली कोतवाली में देर रात तक गहन पूछताछ की। इमरान ने जो राज उगले उससे तो यही साफ हुआ कि वह तो सिर्फ नकली नोट सप्लाई करने के लिए मोहरा भर है।
जबकि असली सरगना कस्बा कांधला के मोहल्ला खैल निवासी नफीस पुत्र मुदा है। अब यह तो नफीस की गिरफ्तारी के बाद ही साफ हो पाएगा कि नकली करेंसी आखिर कहां छापी जा रही है या फिर नफीस के ऊपर भी गिरोह में कोई और बड़ा सरगना बैठा है। बृहस्पतिवार को एसटीएफ मेरठ यूनिट ने नकली करेंसी के साथ गुरुवार को इमरान को आईपीसी की धारा-154, 489ए, 489बी, 489सी तथा 120बी के तहत अदालत में पेश किया। जहां उसको न्यायायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।