Friday, July 5, 2024
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जिजीविषा की कहानियां

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Ravivani 31


SUDHANSHU GUPTअमेरिकी लेखक जैक लण्डन का कहना था, सबसे खूबसूरत कहानियां मलबे से शुरू होती हैं। मार्क ट्वेन के बाद लण्डन सबसे रूमानी लेखक था। उस समय सबसे ज्यादा पारिश्रमिक लेने वाला लेखक जैक लण्डन ही था। लेनिन अपनी मृत्यु से दो दिन पहले अपनी पत्नी क्रुप्सकाया से लण्डन की कहानी जिÞन्दगी से प्यार सुन रहे थे। यह भी दिलचस्प है कि भगत सिंह फांसी को कोठरी में जिन साहित्यकारों की कृतियां पढ़ रहे थे उनमें मैक्सिम गोर्की के साथ जैक लण्डन का उपन्यास ‘आयरन हील’ भी था। बावजूद इसके जैक लण्डन यह जानते थे कि कचरा साहित्य साहित्य विश्व के सारे अच्छे साहित्य को ढांप सकता है, बीसवीं सदी में दुनिया के सभी लेखकों ने यह देखा और महसूस किया। लेकिन अच्छे साहित्य को ढांपने की सारी कोशिशों को दरकिनार करते हुए राजकमल प्रकाशन ने विश्व क्लासिक श्रृंखला के तहत दुनिया के महानतम लेखकों का अनुवाद हिन्दी पाठकों को उपलब्ध कराया। जैक लण्डन का कहानी संग्रह ‘जिÞन्दगी से प्यार और अन्य कहानियां’ भी इसी का हिस्सा है। इसका अनुवाद किया है सत्यम और रामकृष्ण पाण्डेय ने। इस संग्रह में कुल छह कहानियां हैं।

1876 में पैदा हुए जैक के अनुभव का दायरा चकित कर देने वाला है। उन्होंने मजदूर, फैक्टरी श्रमिक, सैन फ्रांसिस समुद्र खाड़ी में दुस्युता, कैलिफोर्निया के मत्स्य गश्तीदल के सदस्य, नाविक, रेल मार्ग मजदूर के अलावा जैक ने और भी बहुत से काम किए। 1914 में हुई मैक्सिकन क्रान्ति को उन्होंने एक अखबार के लिए कवर किया। अपनी यात्राओं के दौरान वह समाजवाद से प्रभावित हुए। उनके समाजवादी नुक्कड़ भाषणों के कारण उन्हें समाजवादी पुत्र भी कहा जाता है। इतना ही नहीं, वह समाजवादी पार्टी से अनेक बार मेयर का चुनाव लड़े और असफल रहे। इतनी उहापोह और नाटकीयता के बावजूद जैक लण्डन की कहानियों कहीं कोई नाटकीयता नहीं है। इन कहानियों में युद्ध है, युद्ध की छायाएं हैं, प्रकृति है, पहाड़ हैं, बर्फ है, चालीस या पचास डिग्री से कम तापमान है, मछलियां हैं, कुत्ता है और इन सबके बीच है जीने की प्रबल इच्छा। ‘जिÞन्दगी से प्यार’ और ‘आग’ दोनों एक ही मिजाज की कहानियां हैं। इनमें नायक किसी यात्रा पर निकला है। ‘जिÞन्दगी से प्यार’ का नायक नदी के ऊंचे किनारे से उतरकर आगे बढ़ रहा है। रास्ते में कई बार ऐसे अवसर आते हैं जब उसे लगता है कि वह मर जाएगा। लेकिन वह जीने की इच्छा को मरने नहीं देता। कमजोर होते होते वह रेंगते हुए बीमार इंसान में बदल जाता है। वह झिलमिलाते समुद्र में नाव का सफेद पाल देखता है। वह बेहोश हो जाता है, जब उसकी आंख खुलती है तो वह स्वयं को जहाज पर पाता है। जहाज में कुछ वैज्ञानिक थे जो उसे निरंतर खाने के लिए दे रहे थे। वैज्ञानिक देखते हैं कि वह दी गई बिस्कुटों को अपने बिस्तरे में छिपा रहा है। यानी उसे अभी भी शंका है कि बिस्कुट खत्म हो गई तो वह क्या करेगा। वह संभावित संकट से बचाव के उपाय कर रहा था। यह कहानी जीवन, जिजीविषा और घोर संकटों की स्थिति में मनुष्य के व्यहार में आए बदलावों को भी रेखांकित करती है।

‘आग’ कहानी भी भयंकर ठंड में जीवन खोजती दिखाई देती है। नायक किसी यात्रा पर है। ठंड से खुद को बचाने के लिए बैल को मारकर उसकी खाल में छिप जाता है। वह हार नहीं मानता और उस शिविर की दिशा में चल पड़ता है, जिसे वह जानता था, जहां भोजनदाता और अग्निदाता थे। इन दोनों ही कहानियों में जैक लण्डन एक ओर मनुष्य और प्रकृति के आपसी संघर्ष को दिखाते हैं, वही दूसरी ओर भीषण प्रकृति से जिन्दगी की हिफाजत के लिए इनसान की लड़ाई में वह सामाजिक संघर्ष में जूझ रहे नर्क की जिन्दगी बितानेवाले लोगों की जिजीविषा और युयुत्सा का रूपक तलाशते और रूपक गढ़ते दिखाई देते हैं।

‘चिनागो’ कहानी में यह दिखाया गया है कि शासक के लिए न्याय का क्या अर्थ होता। ताहिती में एक बागान में एक श्रमिक की हत्या का मुकदमा चल रहा है। अदालत में आरोपित सुनवाई को इसलिए नहीं समझ सकते क्योंकि उन्हें फ्रांसीसी नहीं आती। फैसला होता है। एक को फांसी की सजा दी जाती और अन्य को कुछ साल कैद। लेकिन जिस व्यक्ति को फांसी दी जाती है, उसकी जगह दूसरे का नाम लिखा जाता है। यह कहानी न्यायप्रणाली पर भी जबरदस्त कटाक्ष है। इस कहानी को पढ़कर काफ्का का उपन्यास ट्रायल याद आ जाता है।

जैक लण्डन अपनी कहानियों की जमीन नहीं छोड़ते। ‘मेक्सिकन’ उनकी एक यादगार कहानी है। एक युवक क्रांतिकारियों के दल में शामिल हो जाता है। शुरू में वह झाड़ू पोचे और फुटकरा टाइपिंग का काम करने लगता। एक दिन उसे पता चलता है कि क्रांति को अंजाम देने के लिए उसके दल को काफी पैसे की जरूरत है। वह अपने साथियों को भरोसा दिलाता है कि वह पैसे लेकर आएगा। इसके लिए वह रिंग में एक ऐसे बॉक्सर से लड़ना मंजूर कर लेता है कि जिसका रिंग में बहुत नाम है। आयोजक उसे कहते हैं कि वह थोड़ी बहुत मार खा लेगा तो उसे काफी पैसा मिल जाएगा। लेकिन रिंग में पहुंचकर उसकी आँखों के सामने अमेरिका द्वारा मेक्सिको में की गई सारी हिंसा किसी फिल्म की तरह घूमने लगती है। वह विपक्षी मुक्केबाज को धूल चटा देता है।

कहानी बस यही है, लेकिन इससे आगे कहानी और हो भी क्या सकती है। जैक लण्डन इस कहानी में दिखाते हैं क्रांतियां संगठनों द्वारा ही नहीं की जाती बल्कि युवा के जज्बे से की जाती है।

जैक लण्डन मनुष्यता और उत्पीड़ित लोगों के पक्ष में हमेशा रहे। यह बात उनकी कहानियों में भी दिखाई पड़ती है। ‘किसी आदमी को मारना’ इसी पक्ष को उजागर करती है। एक युवा अकेली महिला के यहां एक ‘लुटेरा’ पिस्तौल लेकर आ जाता है। महिला भयभीत नहीं होती बल्कि सहज रूप से उससे बातें करती। वह उसे एक मेज पर बिठाती है और ड्रिंक सर्व करती है। महिला के पूछने पर लुटेरा बताता है कि एक बार आपके पिता ने मुझे गच्चा दिया था। मेरी स्थिति इस समय बहुत खराब है। मुझे अपने एक दोस्त की मदद करनी है। महिला कहती है, घर में चोरी से घुसना चोरी ही है। तुम अदालत में इस बात से अपना बचाव नहीं कर पाओगे। लुटेरा कहता है, मैं जानता हूं, जो सही है, वह हमेशा कानूनी नहीं होता। महिला छल से उसकी बंदूक छीन लेती है, लेकिन लुटेरा कहता है कि किसी आदमी को मारना आसान नहीं होता। यह कहकर वह वहां से चला जाता है।


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