जनवाणी ब्यूरो |
बनारस: साहित्यिक मंच ‘कला-मंथन’ कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद के रचना संसार का उत्सव मनाया। इसके अंतर्गत मुंशी जी की बहुत सारी रचनाएं ऑनलाइन पढ़ी गयीं और श्रोताओं को पढ़ने के लिए प्रेरित किया गया।
मुंशीजी ने समाज के यथार्थ को अपनी रचनाओं में जीवंत कर दिया था। उनकी रचनाओं में समाज में व्याप्त कुरीतियों, सामाजिक अन्याय, मानवीय संवेदनाओं का सजीव चित्रण है।
साथ ही उन्होंने नारी समाज में नई चेतना का प्रसार किया था। स्त्री के प्रति होने वाले अन्याय के विरुद्ध आवाज़ मुखर की थी। हिंदी साहित्य को उनके इस योगदान के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए “कलामंथन” के मंच पर “रचना संसार” के अंतर्गत कहानी पाठ किया गया।
कार्यक्रम के पीछे सोच यह थी कि मुंशी जी की उन कहानियों का वाचन हो, जो बहुधा लोगो द्वारा पढ़ी नहीं
गयी हैं।
इसी क्रम में सती, स्त्री-पुरुष और मोटेराम शास्त्री जैसी कहानियों से लोगो का परिचय कराया गया। ‘रचना-संसार’ श्रृंखला में सामाजिक सरोकार से संबंधित कहानियां सद्गति, मैकू, जुर्माना, दूसरी शादी, दो भाई, होली का उपहार, महातीर्थ, आधार आदि बेहतरीन कहानियां पढ़ी गईं।
मंच पर नीता भल्ला, मोनिका कपूर, प्रियंका चौहान, प्रियंका गहलोत, शिवानी राणा, हरप्रीत कौर, अपर्णा प्रधान, मौसमी आर्य, सुषमा तिवारी, पल्लवी राज,जिगना मेहता ने कहानियों का ऑनलाइन प्रभावशाली पाठ किया।
कार्यक्रम की संकल्पना कला मंथन के क्रिएटिव डायरेक्टर बासब चंदना ने की। संयोजन मंच की संस्थापिका सरिता निर्झरा और कम्युनिटी मैनेजर अंशु श्रीवास्तव का था।
इन कहानियों को ‘कला मंथन’ के फेसबुक पेज पर भी सुना जा सकता है।