Friday, August 15, 2025
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अबके दुर्लभ संयोग, सजना के लिए सजेंगी सुहागिनें

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जनवाणी संवाददाता |

सहारनपुर: आज कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इसी दिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रख कर रात को चंद्र दर्शन कर अर्घ्य देने के बाद ही अपना व्रत तोड़ती हैं।

महानगर के आचार्य शुभम कौशिक के अनुसार इस साल करवा चौथ व्रत पर बड़ा शुभ संयोग बन रहा है। यह संयोग पांच साल बाद बन रहा है। आचार्य शुभम कौशिक ने बताया कि इस बार करवा चौथ का चांद रोहिणी नक्षत्र में निकलेगा। पौराणिक मान्यता है कि इस नक्षत्र में व्रत रखना अत्यंत फलदायी होता है।

हिंदू मान्यताओं में सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। महिलाएं इस दिन पानी का भी सेवन नहीं करती हैं। रात्रि में चंद्र दर्शन करने के बाद चांद को अर्ध्य देने के बाद ही महिलाएं अपना व्रत तोड़ती है।

करवा चौथ के दिन रोहिणी नक्षत्र के साथ ही रविवार को भी संयोग बन रहा है। इस दिन ना सिर्फ महिलाएं बल्कि सूर्य की उपसाना के लिए कोई भी व्रत रख सकता है। यह संयोग पूरे पांच साल बाद आया है। चूंकि चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की जन्मतिथि मानी जाती है। इसलिए इस दिन व्रत रखने वालों के सभी विघ्न भगवान गणेश हर लेते है क्योंकि उन्हें विघ्न हरता भी कहा गया है।

आचार्य कोशिक ने बताया कि इस दिन कुंवारी युवतियां भी करवा चौथ के दिन व्रत रखकर विवाह में आ रही बाधाओं को दूर कर सकती है। आचार्य कौशिक ने बताया कि करवा चौथ के दिन चंद्र दर्शन करने का अपना ही महत्व है। मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है।

इसके साथ ही चंद्रमा आयु, यश और समृद्धि का भी प्रतीक है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, चंद्रमा को भगवान ब्रह्मा का रूप माना जाता है और चांद को लंबी आयु का वरदान मिला हुआ है। चांद में सुंदरता, शीतलता, प्रेम, प्रसिद्धि और लंबी आयु जैसे गुण पाए जाते हैं। यहीं कारण है कि सभी महिलाएं चंद्र दर्शन कर अपना व्रत खोलती है।

व्रत करते समय इन बातों का रखे ध्यान:

करवाचौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को छोटी परंतु महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि इस दिन सफेद चीजों का दान नहीं करना चाहिए। साथ ही सुई-धागा, कढ़ाई-सिलाई आदि से भी बचना चाहिए। किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। भूरे और काले रंग के कपड़ों को नहीं पहनना चाहिए। दिन में सोना नहीं चाहिए। इस दिन गेहूं अथवा चावल के दानें हाथ में लेकर कथा सुननी चाहिए।

शुभ मुहूर्त:

24 अक्टूबर रविवार को सुबह 3 बजकर 1 मिनट से चतुर्थी तिथि आंरभ होगी। जो अगले दिन यानि 25 अक्टूबर को सुबह 5:43 तक रहेगी। इस दौरान करवा चौथ का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 43 मिनट से 6 बजकर 59 मिनट तक रहेगा।

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