Friday, July 5, 2024
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HomeUttar Pradesh NewsMeerutइस साल कम रही गन्ने की मिठास, रिकवरी घटकर 9.65 हुई

इस साल कम रही गन्ने की मिठास, रिकवरी घटकर 9.65 हुई

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  • अब तक हो चुकी 645.66 लाख कुंतल गन्ने की पेराई
  • 62.31 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मेरठ परिक्षेत्र की 16 चीनी मिलों के जरिये इस वर्ष के बेसिक सट्टा 1778 लाख कुंतल के सापेक्ष करीब सवा दो महीने की अवधि में 645.66 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की जा चुकी है। जो कुल सट्टे का लगभग 27.5 प्रतिशत होता है। हालांकि इस वर्ष गन्ने की मिठास थोड़ी कम रही है,

और गत वर्ष के 10.57 के मुकाबले इस बार केवल 9.65 की रिकवरी रही है। उप गन्ना आयुक्त राजेश मिश्र ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मेरठ परिक्षेत्र की समस्त16 चीनी मिलों के पास उपलब्ध कुल सट्टा के सापेक्ष वर्तमान में 16 के जरिये सी हैवी में 349.19 और मिथाइल के लिए बी हैवी में 296.47 लाख गन्ने की पेराई अब तक हो चुकी है। वर्तमान पेराई सत्र में अब तक चीनी का उत्पादन 62.31 लाख कुंतल हो चुका है।

भुगतान में मवाना, नगलामल और दौराला ने मारी बाजी

उप गन्ना आयुक्त राजेश मिश्र ने बताया कि दौराला मिल ने 31 दिसंबर तक खरीदे गए गन्ने की कीमत के रूप में 240 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। जबकि नंगलामल मिल ने दो जनवरी के गन्ने का 112 करोड़ और मवाना मिल ने तीन जनवरी तक खरीदे गए गन्ने का मूल्य 227 करोड़ रुपये भुगतान कर दिया है। जबकि सकौती मिल ने 24 दिसम्बर तक खरीदे गए गन्ने का 28 करोड़ रुपये भुगतान कर दिया है।

वहीं जिला गन्ना अधिकारी डा. दुष्यंत कुमार ने बताया कि किनौनी मिल की चीनी बिक्री का काम तेज हुआ है, जिसके चलते मिल ने बेची गई चीनी की धनराशि किसानों के बकाया गन्ना भुगतान के रूप में प्रेषित कर दिया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में किनौनी मिल की ओर 58 करोड़ रुपये बकाया हैं, जिनके 20 जनवरी तक किसानों को दिए जाने की संभावना है।

बसें और सफर कम होने के बावजूद एक करोड़ की आय बढ़ी

मेरठ: कोहरे और ठंड के प्रकोप के बीच रोडवेज बसों के सुचारू संचालन की निगरानी के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम की अवधि 21 जनवरी तक बढ़ा दी गई है। इस बीच एक से 15 जनवरी के मध्य बीते वर्ष के मुकाबले 32 बसें और 85 हजार किमी की यात्रा कम होने के बावजूद एक करोड़ रुपये की अधिक आय अर्जित की गई है। आरएम केके शर्मा ने बताया कि इस वर्ष सर्दी के मौसम को देखते हुए रात्रिकालीन सेवा में चलने वाली 106 बसों में से 80 को रि-शैड्यूल किया गया। इसका लाभ यह हुआ कि रात के समय खाली या कम यात्रियों को लेकर चलने वाली बसों की स्थिति में सुधार हुआ।

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बहुत सी बसों को दिन में चलाने से यात्री मिले। जहां पिछले साल एक जनवरी से 15 जनवरी तक मेरठ परिक्षेत्र में 676 बसें 29.5 लाख किमी चलाकर 16.63 लाख यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाया गया, वहीं इस वर्ष पहले पखवाड़े में 644 बसों के जरिये 28.65 लाख किमी यानि 85 हजार किमी कम यात्रा करने के और 18.87 यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के बावजूद एक करोड़ रुपये अधिक की आय अर्जित की गई। क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि बीती 20 दिसंबर से एक कंट्रोल रूम स्थापित करते हुए कोहरे और ठंड के दौरान बसों के सुचारू संचालन के संबंध में हर घंटे रिपोर्ट लेने की व्यवस्था की गई। पहले इसकी अवधि 15 जनवरी तक रखी गई थी, लेकिन मौसम में अपेक्षित परिवर्तन न आने के कारण इसे 21 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है।

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