जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ नेशनल अवार्ड जीतने वाली फिल्म ‘भूलन द मेज’ रिलीज हो चुकी है। ये पहली फिल्म है जो छत्तीसगढ़ के अलावा देश के कई सिनेमघर में रिलीज किया गया है। पूरे छत्तीसगढ़ में इस फिल्म की चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों और विधायकों के साथ सिनेमा हॉल में फिल्म देखने के बाद उन्होंने फिल्म को राज्य में टैक्स फ्री कर दिया है।
टैक्स फ्री हुई ‘भूलन द मेज’
फिल्म के डायरेक्टर मनोज वर्मा की टीम ने कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फिल्म देखने के लिए आमंत्रित किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को फिल्म देखने पहुंचे। फिल्म के कई सीन ने हॉल में दर्शकों को ठहाके लगाने के लिए मजबूर कर दिया। मुख्यमंत्री ने भी पूरी फिल्म देखी। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बहुत दिनों बाद इतनी शानदार फिल्म देखने को मिली है।
यह छत्तीसगढ़ के ग्राम्य जीवन पर आधारित है। इसमें छत्तीसगढ़ के लोगों की सरलता सहजता दिखाई गई है। एक दूसरे को सहयोग करने की जो भावना फिल्म में दिखाई गई है। छत्तीसगढ़ के लोगों की मूल भावना है। फिल्म का निर्देशन और फिल्मांकन बहुत अच्छा है। सभी कलाकारों के अभिनय की प्रशंसा करता हूं और इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की घोषणा करता हूं।
सीएम ने फिल्म निर्देश और टीम से की मुलाकात
मुख्यमंत्री इस मौके पर फिल्म के निर्देशक मनोज वर्मा से और लेखक संजीव बख्शी से भी उन्होंने मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि भूलन कांदा के माध्यम से छत्तीसगढ़िया लोगों के मूल स्वभाव का सिनेमा में जिस तरह दिखाया गया है। वह काबिलेतारीफ है।
छत्तीसगढ़ की सुंदर संस्कृति का जो फिल्मांकन हुआ है वो बहुत अच्छा हुआ है। लोक गीतों को जो जगह दी गई है औऱ छत्तीसगढ़ के गांवों को जिस तरह सिनेमा में उकेरा गया है उससे पता चलता है कि हमारे गांव कितने सुंदर हैं। किस तरह से सामूहिक रूप से गांव में निर्णय होता है और लोग एक दूसरे के साथ हर परिस्थिति में खड़े रहते हैं।
नेशनल फिल्म अवार्ड से हुआ सम्मानित
गौरतलब है कि ‘भूलन द मेज’ फिल्म छत्तीसगढ़ की ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित है और संजीव बख्शी के उपन्यास भूलन कांदा पर बनी है. इसे 67वें नेशनल फिल्म अवार्ड से सम्मानित किया गया है और छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इसे एक करोड़ रूपए की राशि से पुरस्कृत किया है।