- लंपी प्रकोप: प्राइवेट पशु चिकित्सक काट रहे चांदी, गोवंशों की हो रही मौत
- सरकारी पशु चिकित्सकों के रवैये को देख ग्रामीणों में आक्रोश
- कागजों में सिमटकर रह गया वैक्सीनेशन अभियान
जनवाणी संवाददाता |
मवाना: लंपी डिजीज से ग्रस्त गोवंश समय से इलाज नहीं मिलने से दम तोड़ रहे हैं। नगर एवं देहात क्षेत्र में पशुपालकों में सरकारी पशु चिकित्सकों के रवैये को देख कभी भी आक्रोश फूट सकता है। वहीं, दूसरी ओर प्राइवेट झोलाछाप पशु चिकित्सक गांव में पहुंचकर लंपी डिजीज से ग्रस्त गोवंश को इलाज कर चांदी काटने से पीछे नहीं है। दिन प्रतिदिन गांवों में पशुपालकों के गोवंशों को समय से इलाज नहीं मिलने पर दम तोड़ रहे हैं।
सरकार गोवंशों में फैल रही लंपी डिजीज को लेकर जहां सख्ती कर रही है तो वही सरकार के अभियान को पशु विभाग के दावे धरातल पर खोखले साबित हो गये हैं। कागजों में ही लंपी डिजीज से ग्रसित गोवंशों का इलाज के साथ वैक्सीनेशन अभियान सिमट कर रह गया है। ग्रामीणों की माने तो गोवंशों में शुरू हुई लंपी डिजीज से आये दिन गोवंश मौत का शिकार बन रहे हैं।
मवाना तहसील क्षेत्र के गांवों में मौजूद पशुपालकों के माथे पर चिंता की लकीर उभर कर सामने आने लगी है। लंपी डिजीज से ग्रसित गोवंश को इलाज मिलना संभव नहीं हो पा रहा है। आये दिन गोवंश मौत का शिकार बन रहे हैं। पशु विभाग के दावे धरातल पर खोखले साबित हो गये हैं। इक्का-दुक्का गावों में टीम पहुंचकर वैक्सीनेशन कर कागजों में ही खानापूर्ति कर रही है, लेकिन इसके बाद भी गोवंशों को बचाया नहीं जा रहा है।
गोवंशों में लंपी डिजीज लगातार बढ़ती देख ग्रामीणों को प्राइवेट झोलाछाप पशु चिकित्सकों का सराहा लेना पड़ रहा है। जिसके चलते प्राइवेट पशु चिकित्सक ग्रामीणों की जेब को ढीली करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना करने के बाद भी सरकारी पशु चिकित्सक मौके पर जाना तक गवारा नहीं समझ रहे हैं। तहसील क्षेत्र के गांव खेड़ी मनिहार, निलोहा, सैदीपुर, मीवा मटोरा, मवाना खुर्द, राफन, भैंसा आदि गांवों में दर्जनभर से अधिक गोवंश लंपी डिजीज से ग्रस्त चल रहे हैं तो वहीं कई गोवंशों की भी मौत का शिकार बन चुके हैं।
पशु विभाग के अधिकारियों के दावे धरातल पर खोखले साबित हो गये हैं और वैक्सीनेशन अभियान भी कागजों में सिमट कर रह गया है। पशु चिकित्सक डा. इन्द्रजीत कुमार ने बताया कि उनके क्षेत्र में पशुपालकों से जानकारी लेकर लंपी डिजीज से ग्रसित गोवंश को इलाज दिलाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पशु चिकित्सकों की लापरवाही के चलते गोवंशों को समय से इलाज नहीं मिलने पर उनकी जान जा रही है। चिकित्सकों के रवैये को देख ग्रामीणों में आक्रोश पनप गया है। चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द वैक्सीनेशन अभियान नहीं चलाया गया तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
गोशाला की जगह फुटपाथ बना सहारा
गोवंशों में लंपी डिजीज लगातार बढ़ रही है, लेकिन नगरपालिका से लेकर ग्राम पंचायतों में बनी गोशाला शोपीस बनकर रह गई है। सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को अधिकारी से लेकर आने वाली जनता भले ही फुटपाथ पर बैठे देख रहे हैं, लेकिन इनको सुरक्षित गोशाला में नहीं भिजवा पा रहे हैं। सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं ने खुद को महफूज करने के लिए सड़क किनारे फुटपाथ को ही अपना सहारा बना लिया है।
लंपी डिजीज से ग्रस्त गोवंशों की हालत गंभीर
नगर एवं देहात क्षेत्र में पशुपालकों से मिली जानकारी के अनुसार लंपी डिजीज से ग्रस्त गोवंश को इलाज नहीं मिलने पर उनकी जान जा रही है। लंपी प्रकोप से ग्रस्त गोवंशों की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ने के बाद भी पशु चिकित्सक उनका इलाज नहीं कर पा रहे हैं।
वैक्सीनेशन के नाम पर खेल कर अभियान को कागजों तक सिमट कर रह गया है। जिसके चलते ग्रामीणों में आक्रोश पनपा नजर आ रहा है। इलाज नहीं मिलने पर गोवंशों की खाल गलने से जख्मी हालत हो गयी है। गांव क्षेत्र में गोवंशों में लंपी डिजीज देख पशुपालकों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर कर सामने आने लगी है।