जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: बिहार के दरभंगा में उस वक्त तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई जब जिला प्रशासन और कांग्रेस पार्टी के बीच एक कार्यक्रम के आयोजन को लेकर गतिरोध उत्पन्न हो गया। दरअसल, 15 मई को दरभंगा में कांग्रेस पार्टी द्वारा ‘शिक्षा न्याय संवाद‘ नामक एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है, जिसमें राहुल गांधी छात्रों के साथ संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम के लिए कांग्रेस पार्टी ने अंबेडकर कल्याण छात्रावास को चुना था, लेकिन जिला प्रशासन ने अभी तक इसकी अनुमति नहीं दी है।
जिला प्रशासन ने जताई आपत्ति
कांग्रेस पार्टी इस कार्यक्रम को अंबेडकर कल्याण छात्रावास में आयोजित करने पर अड़ी हुई है, जबकि जिला प्रशासन ने अपनी आपत्तियां जताई हैं। इस गतिरोध के कारण कार्यक्रम के आयोजन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कांग्रेस पार्टी का तर्क है कि यह कार्यक्रम छात्रों के हितों के लिए महत्वपूर्ण है और इसमें राहुल गांधी की भागीदारी से छात्रों को काफी लाभ होगा। दूसरी ओर, जिला प्रशासन अपनी सुरक्षा और प्रशासनिक चिंताओं के कारण अनुमति देने में आनाकानी कर रहा है।
जिला मजिस्ट्रेट ने दी ये चेतावनी
अनुमति नहीं मिलने के बाद पार्टी ने टाउन हॉल बुक कर लिया, लेकिन कांग्रेस ने फिर से अपना फैसला पलट दिया। जिला मजिस्ट्रेट ने चेतावनी दी कि अगर स्वीकृत स्थल के बाहर कार्यक्रम आयोजित किया गया तो कार्रवाई की जाएगी। बता दें, इस कार्यक्रम को लेकर राहुल गांधी छात्रों से संवाद साधने के लिए दरभंगा पहुंच रहे हैं। एक तरफ राहुल गांधी दिल्ली से दरभंगा के लिए रवाना हो गए, लेकिन दरभंगा में अलग ही पेंच फंस गया।
क्या बोले जिला मजिस्ट्रेट राजीव रौशन?
जिला मजिस्ट्रेट राजीव रौशन ने कहा, “मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस मामले में कोई मंत्री या कोई अन्य व्यक्ति शामिल नहीं है। देश भर में छात्र छात्रावासों में आमतौर पर ऐसे कार्यक्रमों की अनुमति नहीं दी जाती है, क्योंकि वे शैक्षणिक वातावरण और छात्र विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। यह सर्वविदित है और स्पष्ट रूप से बताया गया है कि छात्र छात्रावासों में कार्यक्रमों के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती है।
राष्ट्रीय सचिव शादाब अख्तर ने कही ये बात
एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव शादाब अख्तर ने कहा, “यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था। जैसा कि मैं बार-बार कह रहा हूं, यह छात्रों से मिलने का कार्यक्रम था, जिसमें संवाद सत्र शामिल था और चर्चा संविधान पर केंद्रित थी…
अब देखना यह है कि इस गतिरोध का समाधान कैसे निकाला जाता है और क्या राहुल गांधी का कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित हो पाता है या नहीं।