Thursday, June 12, 2025
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Amarnath Yatra: इस तारीख से खुलेंगे बाबा बर्फानी के द्वार, अमरनाथ यात्रा का जानें पौराणिक महत्व

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म के सबसे पवित्र और रहस्यमयी तीर्थस्थलों में से एक श्री अमरनाथ धाम की वार्षिक यात्रा के लिए तिथियों की घोषणा कर दी गई है। अमरनाथ यात्रा 2025 इस वर्ष 3 जुलाई से आरंभ होकर 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा (रक्षाबंधन) के पावन अवसर तक चलेगी। यह यात्रा कुल 38 दिनों की होगी। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु हर वर्ष इस यात्रा का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। अमरनाथ की गुफा में स्वयंभू हिम शिवलिंग के दर्शन को अद्भुत चमत्कार और गहन श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। यह तीर्थयात्रा न केवल एक शारीरिक तपस्या है, बल्कि एक गहन आध्यात्मिक अनुभव भी है।

अमरनाथ यात्रा का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमरनाथ गुफा वह स्थान है जहां भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। इसी दौरान कबूतर के एक जोड़े ने यह कथा सुन ली और वे अमर हो गए। यही कारण है कि आज भी इस गुफा में भक्तों को कबूतरों का जोड़ा दिखाई देता है।

श्रावण मास और शिव योग

यह यात्रा मुख्य रूप से श्रावण मास में संपन्न होती है, जो भगवान शिव को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रावण मास में शिव की पूजा और यात्रा करने से कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है, विशेषकर शनि, राहु और केतु जैसे ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है। शिव योग, जो कई ज्योतिषीय संयोजनों से बनता है, इस यात्रा के दौरान विशेष रूप से सक्रिय होता है, जिससे किए गए धार्मिक कार्य कई गुना फलदायी होते हैं।

कर्मों का शोधन

बता दें कि अमरनाथ यात्रा का मार्ग अत्यंत दुर्गम है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दुर्गम यात्रा को पूरा करना व्यक्ति के पूर्व और वर्तमान के कर्मों का शोधन करता है। ज्योतिष में, कर्मों का संबंध शनि ग्रह से होता है। यह यात्रा शनि के अशुभ प्रभाव को कम करके व्यक्ति को कर्मफल के सकारात्मक परिणाम दिलाने में सहायक होती है।

मोक्ष की प्राप्ति

यह माना जाता है कि अमरनाथ गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता का रहस्य सुनाया था। इस पवित्र स्थल के दर्शन से व्यक्ति जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति पाकर मोक्ष की ओर अग्रसर होता है। ज्योतिषीय दृष्टि से, यह आध्यात्मिक उन्नति और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है, जो व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक ले जाता है।

मनोकामना पूर्ति

भक्तगण अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए बाबा बर्फानी के दर्शन करते हैं। मान्यता है कि यहां मांगी गई हर इच्छा पूर्ण होती है। गुफा के अंदर प्राकृतिक रूप से बर्फ से बनने वाला शिवलिंग किसी चमत्कार से कम नहीं है। यह प्रकृति और दिव्य शक्ति के अद्भुत संगम का प्रतीक है, जो भक्तों में गहन आस्था जगाता है।

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