Tuesday, July 9, 2024
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परिजनों की पथरा गई इंतजार में आंखें

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  • 10 घंटे सर्च के बाद एनडीआरएफ ने खड़े किये हाथ
  • बंदरों के चीखने से पता चला था गाड़ी के गिरने का

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: केदारनाथ से लौट रहे शास्त्रीनगर के चार युवकों का तीन दिन बाद भी पता नहीं चला। बहाव तेज और भंवर होने के कारण एनडीआरएफ ने 10 घंटे तक लगातार सर्च आपरेशन करने के बाद हाथ खड़े कर दिये। गाड़ी और चारों युवकों का कहीं पता नहीं चल पा रहा है। अब युवकों के परिजनों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।

उत्तराखंड में नई टिहरी के मुनि की रेती से दो किमी पहले कोड़ियाला क्षेत्र में शास्त्रीनगर के चार युवकों पंकज शर्मा, हर्ष बैंसला, नितिन और गुलबीर केदारनाथ की यात्रा से लौट रहे थे। जब वे लोग कोड़ियाला के पास पहुंचे तो उनकी कार अनियंत्रित होकर 400 मीटर नीचे खाई में गिर कर गंगा में समा गई। तभी से चारों युवकों का पता नहीं चल रहा है।

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चारों युवकों के घर वाले पथराई आंखों से गंगा के किनारे उम्मीदों की किरण तलाश रहे हैं। गुरुवार को एनडीआरएफ ने बड़ी क्रेन मंगाकर जंजीर बांधकर गाड़ी की संभावना तलाशी थी, लेकिन वो उम्मीद भी नाकाफी साबित हुई। शाम चार बजे के करीब तेज बारिश शुरू होने और गंगा के बहाव में तेजी आने से एनडीआरएफ ने सर्च आपरेशन बंद कर दिया। युवकों के घर वाले बेहद दुखी और निराश है।

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उनकी समझ में नहीं आ रहा करें तो आखिर क्या करें। अब एक युवक के परिजनों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मदद की गुहार लगाई है। वहीं, शास्त्रीनगर स्थित इन युवकों के घरों में लोगों का आना जाना लगा हुआ है और घर के लोग पूजा पाठ में लगे हुए हैं।

नितिन के घर वाले हताश

नितिन 10 दिन पहले ही केदारनाथ से लौटकर आया था। उसके भाई की की पत्नी शिवानी के दिल्ली स्थित रिश्तेदारी में कोई कार्यक्रम था और उसको वहां जाने के लिये घर वालों ने कहा था। नितिन ने घर वालों की बात नहीं मानी और जिद करके केदारनाथ चला गया। अब उसके घर वाले दोबारा केदारनाथ जाने को लेकर बेहद दु:खी है। वहीं, पंकज शर्मा ने अपने बड़े भाई की कार ली और कहा कि थोड़ी देर में आ रहे हैं। वो घर वालों को बिना बताये केदारनाथ चला गया था।

बंदरों का शोर से पता चला

पुलिस को चाय वाले ने बताया कि सुबह छह बजे के करीब अचानक बंदरों के चीखने की आवाजें आने लगी। उस वक्त गाड़ी खाई में गिर चुकी थी। जब उसने खाई में देखा उस वक्त गाड़ी गंगा में 90 फीसदी डूब चुकी थी। उसने पुलिस को फोन करके सूचना दी थी।

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