जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: शिवपुराण के सृष्टि प्रकरण में जब ब्रह्मा जी मानस सृष्टि का निर्माण कर विरक्त हो गए तो भगवान शिव ने उनके सम्मुख नरनारीस्वरूप का दर्शन दिया तभी ब्रह्मा जी ने मिथुन सृष्टि का निर्माण किया वर्तमान सृष्टि भगवान शिव के इसी नरनारीस्वरूप की अभिव्यक्ति है।
उक्त विचार खाटू श्याम श्री महाकाल अखाड़े के महामंडलेश्वर संजीव शंकर जी महाराज ने शुक्रताल स्थित अर्धनारीश्वर धाम में अर्धनारीश्वर मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रकट किये। प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य पूजन आचार्य पंडित शरद शर्मा के सानिध्य में विद्वान ब्राह्मणों द्वारा दुर्गा सप्तशती के पाठ में पंचाक्षर मंत्र के साथ विधि पूर्वक संपन्न कराया गया। इसके मुख्य यजमान गंगासागर सपरिवार उपस्थित रहे और प्राण प्रतिष्ठा के बाद भंडारे का भी आयोजन किया गया।
भंडारे में मुख्य रूप से महामंडलेश्वर पंडित संजीव शंकर, पवन धीमान, रीनू धीमान, गंगा सागर, नूपुर अग्रवाल, प्रणव कुमार, ओम कुमार, मिथलेश गोयल, कृष्ण कांत गोयल, शरद गोयल, मुकेश अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, सत्यपाल गुप्ता, राजीव अग्रवाल, रुपम अग्रवाल, पद्मा मित्तल, वीना मित्तल, प्रखर मित्तल, विमला सहरावत, आदेश गर्ग, अर्चना गोयल, पंडित शरद शर्मा, पंडित आर्यमान शर्मा, पंडित अरुण शर्मा, पंडित बृजमोहन शर्मा आदि उपस्थित रहे।