Tuesday, July 9, 2024
- Advertisement -
HomeUttarakhand NewsRoorkeeजांच कमेटी की रिपोर्ट पर शासन को 15 मई तक लेना होगा...

जांच कमेटी की रिपोर्ट पर शासन को 15 मई तक लेना होगा फाइनल डिसीजन

- Advertisement -
  • शहरी विकास मंत्री के पास है मेयर गौरव गोयल संबंधी पत्रावली

  • भूखंड और पूर्व की ऑडिट रिपोर्ट पर भी शासन ने लिया है संज्ञान, कई अधिकारी भी जांच के दायरे में

  • आने वाले दिनों में रुड़की नगर निगम में बनी रहेगी गहमागहमी

जनवाणी संवाददाता |

रुड़की: आने वाले दिनों में नगर निगम में काफी गहमागहमी बनी रहेगी। मसलन, शहरवासियों की निगाह आने वाले दिनों पर रहेगी की शासन मेयर और यहां संबंधित भूखंडों को लेकर क्या निर्णय लेता है। मेयर गौरव गोयल के मामले में शासन को 15 मई तक फाइनल डिसीजन लेना है। इस संबंध में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि 15 मई को फाइनल डिसीजन हाई कोर्ट में दाखिल किया जाए।

हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख निर्धारित की है। वही 13 अप्रैल की सुनवाई के दौरान अपर सचिव दीपेंद्र चौधरी की ओर से हाई कोर्ट में जो शपथ पत्र दाखिल किया गया है। उसमें कहा गया है कि सीडीओ की अध्यक्षता में कराई गई जांच में पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार विभागीय मंत्री को है। पत्रावली कई दिन पहले शहरी विकास मंत्री को भेज दी गई है। अब यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो गई है कि रुड़की मेयर गौरव गोयल को राहत मिलती है या फिर उन पर कार्रवाई होती है। यह शासन के रुख पर निर्भर करेगा।

यदि सूत्रों की माने तो शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रुड़की मेयर गौरव गोयल से संबंधित पत्रावली पर न्याय विभाग से मौखिक तौर पर जानकारी ली है। उन्होंने कुछ कानूनविदों व शहरी विकास एक्ट के जानकारों से भी इस संबंध में वातार्लाप की है। उनके द्वारा पूरे मामले की अपने स्तर से समीक्षा की जा रही है। शिकायतकर्ता कौन है और शिकायत करने के पीछे उसकी मंशा क्या रही है जो आरोप लगे हैं।

उनकी सत्यता भी शहरी विकास मंत्री के द्वारा अपने स्तर से मालूम की गई है। मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी की ओर से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट का भी शहरी विकास मंत्री के द्वारा अध्ययन किया जा रहा है। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस बीच विभिन्न स्तरों से यह जानने की भी कोशिश की है कि बीटी गंज (सुभाष गंज ) के बेशकीमती भूखंड की नियमानुसार स्थिति क्या है।

जिनको लेकर विवाद इस स्तर तक पहुंचा है। उन्होंने निदेशक शहरी विकास नवनीत पांडे को भी बेशकीमती भूखंडों के नवीनीकरण संबंधी जो प्रस्ताव पारित हुआ है । उसकी बारीकी से छानबीन करने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि इसीलिए नगर निगम रुड़की के अधिकारियों को बार-बार निदेशालय शहरी विकास देहरादून बुलाया जा रहा है । विशेषकर बेशकीमती भूखंडों संबंधी पत्रावली में उठ रहे तमाम सवालों पर ही नगर निगम के अधिकारियों से सवाल-जवाब हो रहे हैं । इसमें डीजीसी की रिपोर्ट का विशेष रुप से संज्ञान लिया जा रहा है।

जिसमें कहा गया है कि जब भूखंड आवंटित हुए तो उसमें दो बड़े भूखंडों के नवीनीकरण का कोई प्रावधान नहीं है। डीजीसी की रिपोर्ट में जो आवंटन संबंधी आदेश में जो कटिंग होना बताया गया है। उसको निदेशालय में बड़ी ही गंभीरता से लिया जा रहा है । जानकारी ऐसी मिल रही है कि इस मामले में निदेशालय की ओर से नगर निगम को संबंधित लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए भी कहा जा सकता है। क्योंकि निदेशालय के अधिकारियों को आशंका है कि अन्य भूखंडों के आवंटन प्रक्रिया में भी प्राविधान में कटिंग होना पाई जा सकती है। संबंधित भूखंड के किराए की रसीद नवीनीकरण संबंधी प्रस्ताव पारित होने से काफी समय पहले जमा करा लेने को लेकर भी निदेशालय का रुख कड़ा सख्त है ।

इस पर भी निदेशालय सख्त कदम उठा सकता है। बहरहाल अब देखना है कि अगले दिनों में नगर निगम की राजनीति में क्या उथल पुथल होती है। मेयर गौरव गोयल के संबंध में प्रस्तुत की गई सीडीओ की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी की रिपोर्ट पर शहरी विकास मंत्री के द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है।

भूखंडों के आवंटन संबंधी कागजों में हुई फोर्जरी को लेकर निदेशालय क्या कार्रवाई करता है। इसको लेकर पूरे शहर वासियों की निगाह अगले दिनों पर रहेगी। क्योंकि जो पूर्व के वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट सामने आ रही है। उसमें नगर निगम में पूर्व में तैनात रहे अधिकारियों की नीयत पर भी सवाल उठ रहे हैं। शहरी विकास मंत्री के संज्ञान में यह मामला भी आ चुका है ।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments