Monday, July 14, 2025
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अनुमति का ‘महाखेल’ और खनन का स्याह कारोबार

  • अफसरों की भूमिका पर सवाल, जिम्मेदारों पर क्या कसेगा शिकंजा?

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: खनन माफिया के सामने खनन अधिकारी नतमस्तक हैं। मिट्टी खनन की दो मीटर की खुदाई की अनुमति का ‘महाखेल’ जनपद में चल रहा हैं। इस खेल में खनन विभाग के अधिकारी संलिप्तता स्पष्ट हैं। मिट्टी खनन की घर बनाने के लिए अनुमति ली जाती हैं, लेकिन अवैध कालोनियों में मिट्टी का भराव शहर में किया जा रहा हैं। करीब 200 अवैध कॉलोनी प्राधिकरण ने शहर में चिन्हित की हैं, इन सभी में मिट्टी का चार-चार मीटर भराव हुआ हैं। आखिर व्यवसायिक मिट्टी खुदाई की अनुमति जनपद में ली नहीं गई, फिर अवैध कॉलोनियों में मिट्टी का भराव कहां से किया जा रहा हैं?

दरअसल, मिट्टी खनन के स्याह कारोबार में सफेदपोश लोग भी शामिल हैं, जिसके चलते इसमें कार्रवाई नहीं की जाती हैं। मिट्टी खनन का स्याह कारोबार रात के अंधेरे में तो व्यापक स्तर पर चल ही रहा हैं, लेकिन दिन के उजाले में भी कुछ दबंग लोग मिट्Þटी खनन कर रहे हैं। ‘जनवाणी’ टीम ने मिट्टी खनन का ‘स्टिंग’सैनी गांव में स्थित देव प्रिया पेपर मिल के पास किया, जहां पर 15 फीट गहराई खेत में मिट्टी की खुदाई कर दी गई हैं। यहां पर प्रमोद यादव के डंपरों में मिट्टी लादी जा रही थी। पन्द्रह फीट गहराई खुदाई कर दी गई हैं।

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छानबीन करने के बाद पता चला कि प्रमोद यादव ने दो मीटर खुदाई करने की अनुमति खनन अधिकारी से ले रखी हैं। अनुमति दो मीटर की और खुदाई मौके पर 15 फीट गहरी कर दी गई हैं। इस पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए, मगर खनन अधिकारी नरेन्द्र कुमार की इन पर खास मेहरबानी हैं, जिसके चलते इन पर नियम लागू नहीं होते हैं। जो डंपर मिट्टी की ढुलाई कर रहे हैं, उन सभी पर प्रमोद यादव लिखा था। इस तरह से मिट्टी खनन का बड़ा खेल जनपद में चल रहा हैं। 160 ठेकेदार हैं, जो मिट्टी खनन के धंधे में लगे हैं।

इन सभी को व्यवसायिक अनुमति लेनी चाहिए, लेकिन बड़ा खेल ये चल रहा है कि किसान के नाम पर मकान का निर्माण करने के नाम पर दो मीटर गहराई की खुदाई करने की अनुमति ले ली जाती हैं, फिर खुदाई 10 से 15 फीट गहराई तक की खुदाई खनन माफिया कर रहे हैं। एक मामला पबला का सामने आया हैं, जिसमें अधिवक्ता रामपाल सिंह ने एक एफआईआर दर्ज करायी हैं, जिसमें किसान उदयवीर सिंह पुत्र राम सिंह निवासी मीवा (मवाना) की बिना अनुमति के उसे खेत से मिट्टी का व्यापक खनन कर दिया।

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ये मिट्टी का खनन आठ बीघा जमीन में किया गया। उदयवीर सिंह जब खेत पर पहुंचे तो तब मिट्टी खनन का पता चला। अब इस मामले में अधिवक्ता रामपाल सिंह ने खेत से मिट्टी चोरी करने का मुकदमा दर्ज कराया हैं। इस मामले में खनन अधिकारी भी पूरी तरह से फंस गए हैं। अधिवक्ता रामपालसिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इसकी शिकायत भेजी है कि खनन अधिकारी नरेन्द्र सिंह माफियाओं से मिलकर मेरठ में व्यापक स्तर पर मिट्टी खनन करा रहे हैं। बिना जांच पड़ताल किये ही अनुमति दे दी जाती हैं, फिर ये मिट्टी किस मकान के निर्माण में प्रयोग में ली गई, इसकी भी जांच होनी चाहिए। कोई नया मकान बना ही नहीं। अवैध कॉलोनियों में ये मिट्टी पहुंची हैं।

‘साले साहब’ करते हैं खनन माफियाओं से वसूली

ये तस्वीर मिट्टी खनन में कितना बड़ा घालमेल और भ्रष्टाचार चल रहा हैं, इसका खुलासा कर रही हैं। इन तस्वीरों को ‘जनवाणी’ फोटो जर्नलिस्ट ने अपने कैमरे में कैद कर ली। ये तस्वीर है खनन अधिकारी नरेन्द्र कुमार के साले की। इनका नाम प्रमोद कुमार है, जो मथुरा का रहने वाला हैं, लेकिन वर्तमान में अपने जीजा के लिए खनन माफियाओं से वसूली करने के अभियान में पूरा दिन लगे रहते हैं। इनका एक सूत्रीय यही काम हैं। खनन अधिकारी अपने आॅफिस में बैठे रहते है, लेकिन उनके साले साहब प्रदीप कुमार ही सौदेबाजी करते रहते हैं।

भ्रष्टाचार किस स्तर का चल रहा हैं, उसी से अंदाजा लगाया जा सकता हैं। पहले तो खनन अधिकारी ने अपने साले साहब को किसकी अनुमति से अपने साथ लगा रखा हैं। यही नहीं, दो पुलिस कर्मी भी साले साहब के साथ भेज दिये जाते हैं। तब चलता है पूरा खेल। इसमें खनन अधिकारी और पुलिस कर्मी भी ये भूल गए कि आखिर वो कर क्या रहे हैं? मिट्टी खनन के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बागपत और कई जनपदों में खनन अधिकारी को सस्पेंड कर चुके हैं। इसके बाद भी जनपद में खनन अधिकारी की तैनाती पा रहे नरेन्द्र कुमार को किसी का कोई भय नहीं हैं।

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लग्जरी प्राइवेट गाड़ियों से नरेन्द्र कुमार चलते हैं। उनके साथ पांच प्राइवेट व्यक्ति साथ-साथ चलते हैं। ये प्राइवेट व्यक्ति किसकी अनुमति से खनन अधिकारी ने रखे हैं, ये भी कोई नहीं बता पा रहा हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टोलरेंस की नीति पर चलने की अफसरों को नसीहत दे रहे हैं, लेकिन खनन अधिकारी पर जीरो टोलरेंस की नीति लागू नहीं होती। उनको किसी तरह का भय नहीं हैं, तभी तो वसूली करने के लिए अपने साले को मैदान में उतार रखा हैं। उनकी कई तस्वीर और वीडियो ‘जनवाणी’ के पास सुरक्षित हैं।

क्षेत्रों में नहीं रुक रहा अवैध खनन

मोदीपुरम: अवैध खनन का धंधा लगातार जारी है। क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन के विरोध में जहां किसान एकजुट है।
वहीं, कई किसानों के संगठन भी अधिकारियों के समक्ष अवैध खनन कर रहे ठेकेदार और कंपनी के विरोध में ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी अभी तक क्षेत्र में अवैध खनन नहीं रुक रहा है। इस अवैध खनन में जहां खनन अधिकारी की संलिप्त पाई जा रही है। वहीं, आलाधिकारी भी इसकी रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।

शिकायतों के बाद भी आखिर खनन माफिया पर क्यों कारवाई नहीं हो रही है। यह प्रश्न किसानों के लिए गले की फांस बना हुआ है। किसान लवकुश, हिटलर, दीपक आदि में बहचौला से लेकर सलारपुर गांव में पीएनसी कंपनी के ठेकेदार प्रमोद यादव द्वारा किए जा रहे खनन के विरोध में बुधवार को एसएसपी के समक्ष प्रार्थना पत्र दिया और ठेकेदार पर फर्जी एवं झूठे मुकदमे इंचौली थाने पर लिखवाकर उसमें किसानों को लिप्त किए जाने की शिकायत की है।

हालांकि एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने इस प्रकरण में सीओ सदर देहात को जांच करने के आदेश दिए हैं। उधर, किसानों का कहना है कि अगर क्षेत्र में खनन नहीं रुक तो वह विरोध प्रदर्शन करेंगे। उधर, जब इस बाबत खनन अधिकारी नरेंद्र कुमार से बात करनी चाहिए तो उनका मोबाइल स्विच आॅफ मिला।

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