जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जनाब! लापरवाही की इंतहा देखिए…वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर किसी से बात करना खतरनाक होता है। एक कॉल उठाना जीवन का काल बन सकता है। सड़क पर अधिकतर हादसे यातायात नियमों को तोड़ने की वजह से होते हैं। इसमें सबसे बड़ी वजह मोबाइल का इस्तेमाल भी है। कई वाहन सवारों ने इसे आदत में शामिल कर लिया है और इस प्रवृत्ति से दूसरे के लिए खतरा खड़ा कर रहे हैं। सबसे अधिक मोबाइल का प्रयोग युवक-युवतियां करते हैं। ट्रैफिक पुलिस व संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के प्रवर्तन विभाग की कार्रवाई का इन पर कोई असर नहीं पड़ता है। मोबाइल पर बात करते समय वाहन चलाने वाले की एकाग्रता भंग हो जाती है।
दिमाग के न्यूरॉन्स कम एक्टिव हो जाते हैं, जिससे सामने आने वाले खतरे को भाप नहीं पाते हैं। यही स्थिति पीछे से आने वाले वाहनों के साथ भी रहती है। हॉर्न भी नहीं सुनाई देता मोबाइल के प्रयोग से हॉर्न और दूसरी आवाज सुनाई नहीं पड़ती है। हेड फोन और ब्लू टूथ भी नुकसानदायक है। कुछ दोपहिया वाहन चालक हेलमेट के अंदर मोबाइल रखकर बाइक या स्कूटी चलाते है, यह भी गलत है। चार पहिया वाहन या फिर बाइक चलाते हुए म्यूजिक का लुत्फ उठाना भी खतरे से कम नहीं है। तेज आवाज में गाना ध्यान भंग करता है। वाहन चलाते समय धूम्रपान की लत भी आपको अस्पताल पहुंचा सकती है। सिगरेट या गुटखे में मौजूद नशीले तत्व से सिर चकरा सकता है। हल्की बेहोशी भी आ सकती है। सड़क पर वाहन चलाते समय दूसरे वाहन चालक से यारी निभाना भी जिंदगी के लिए भारी हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक वाहन सड़क किनारे खड़ा करके आराम से बातें हो सकती हैं। अक्सर साथ चलते हुए बाइक के हैंडल फंसने से दो पहिया वाहन चालक गिर जाते हैं।