Home Uttarakhand News Haridwar वर्दी वाले का मानवीय रूप, रोजाना भरता है भूखे बंदरों के पेट

वर्दी वाले का मानवीय रूप, रोजाना भरता है भूखे बंदरों के पेट

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हरिद्वार में बंदरों को केले खिलता सिपाही मुकेश डिमरी।

जनवाणी ब्यूरो |

हरिद्वार: कोरोना काल मे सब कुछ बंद हो जाने के बाद आबादी पर निर्भर जंगली बंदरो के सामने बड़ा पेट भरने का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। लेकिन हरिद्वार कोतवाली में तैनात एक पुलिसकर्मी इन भूखे बंदरो के लिए देवदूत बनकर सामने आया है।

इस कॉन्स्टेबल का नाम है मुकेश डिमरी जो रोजाना सैकड़ों बंदरो का पेट भरने का काम करता है। दरअसल तीर्थ नगरी होने के कारण धर्म नगरी हरिद्वार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और हरिद्वार का अधिकतर क्षेत्र जंगल से जुड़ा है। जंगलों में रहने वाले बंदरो को ये श्रद्धालु कुछ न कुछ खाने को देते है। या फिर कहे सनातन धर्म मे बंदरों को खाना खिलाना शुभ माना गया है।

इसी के चलते ये बंदर मनुष्यों पर निर्भर हो गए है। तरह तरह का खाना मिलने के कारण ये ज्यादातर मंदिरों और आबादी वाले इलाकों में रहते है। लेकिन जब से कोरोना का लगा है तो कभी लॉक डाउन तो कभी कोविड कर्फ्यू के कारण श्रद्धालुओं का हरिद्वार आना बंद हो गया है। मंदिर हो या बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन सब जगह वीरान पड़ी है। और इसी के चलते यह बंदर भुखमरी की कगार पर हैं।

ऐसे मुश्किल समय में हरिद्वार कोतवाली में तैनात मुकेश डिमरी रोजाना इन बंदरों के पेट भरने का काम कर रहे हैं। मुकेश डिमरी अपने निजी खर्च पर बंदरों के लिए चने केले इत्यादि खाने का सामान रोजाना खरीदते हैं और बंदरों को बड़े शौक से खिलाते हैं। सोशल मीडिया पर मुकेश डिमरी की ये फोटो और वीडियो जमकर वायरल हो रही है। वीडियो देखा जा सकता है कि कैसे बंदरो के बीच मे वो उन्हें खाना खिला रहे है और उन्हें बंदरो से किसी प्रकार कोई भय भी नही है।

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