- सालों से क्षतिग्रस्त हालत में सरधना बिनौली मार्ग, मार्ग की बद से बदतर हुई हालत
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: नगर का मुख्य और सबसे व्यस्त सरधना-बिनौली मार्ग यहां के लोगों के लिए अभिशाप बना हुआ है। यह मार्ग सालों से क्षतिग्रस्त हालत में है। सड़क पर गड्ढों की जगह गड्ढों में सड़क ढूंढनी पड़ती है। वर्तमान में हालात बद से बदतर हो गए हैं। यहां रोजाना हादसे हो रहे हैं। लगातार शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक किसी की नींद नहीं टूट रही है। कहने को नेताओं को सरधना से वोट तो चाहिए, लेकिन विकास कराने के नाम पर सब गायब हो जाते हैं। जब मुख्य मार्ग ही नहीं बन पा रहा है तो आगे उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है। लोक निर्माण विभाग द्वारा भी हर साल पेंचवर्क के नाम पर बड़ा खेल किया जा रहा है।
बिनौली से सरधना और फिर दौराला जाने वाला मार्ग कस्बे का सबसे व्यस्त और मुख्य मार्ग है। इस मार्ग से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। मगर यह मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हालत में पहुंच चुका है। ऐसा कुछ महीनों में नहीं हुआ है। सालों से मार्ग ही हालत खराब है। एक दो बार पेंचवर्क के नाम पर खानापूर्ति की गई, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ।
वर्तमान में मार्ग पर जगह जगह गहरे गड्ढे हो गए हैं। जिनकी चपेट में आकर राहगीर हादसे का शिकार हो रहे हैं। नगर के लोग लगातार इस मार्ग के निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। तहसील से लेकर जिला और शासन स्तर तक शिकायत करने के बाद भी केवल मायूसी हाथ लगी। कहने को यह कस्बा प्राचीन कस्बा है।
हर एक नेता को सरधना से बड़ी संख्या में वोट चाहिए होती हैं। वोट के बदले विकास कराने के दावे भी नेता करते हैं। मगर चुनाव के बाद सब गायब हो जाते हैं। यही कारण है कि सरधना खुद को अनाथ सा महसूस करता है। अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से महज एक सड़क का निर्माण नहीं कराया जा रहा है तो आगे उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है। फिल्हाल इस मार्ग का दंश नगर ही नहीं आसपास क्षेत्र के लोग भी झेल रहे हैं।
वोट सबको चाहिए, काम नहीं कराएंगे
सरधना एक प्राचीन कस्बा है। मगर यहां के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि यहां का सबसे मुख्य मार्ग तक क्षतिग्रस्त हालत में है। लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा, नेता यहां वोट मांगने आते हैं और विकास कराने का वादा भी करते हैं। मगर चुनाव के बाद सब गायब हो जाते हैं। अन्य खास सौगात तो दूर सबसे जरूरी सड़क तक नहंी बनवाई जा रही है किसी से।
चार लेन सड़क की सख्त जरूरत
सरधना बिनौली मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हालत में है। अधिक ट्रैफिक के चलते यहां रोजाना भीषण जाम लगा रहता है। उस पर क्षतिग्रस्त सड़क परेशानी और बढ़ा देती है। क्षेत्र की जरूरत और ट्रैफिक का हाल देखते हुए इस मार्ग को फोर लेन बनाने के साथ बीच में डिवाइडर की जरूरत है। ताकि मार्ग पर जाम की समस्या से निजात मिल सके। चौड़ीकरण के साथ नगर के मुख्य चौराहे का सौंदर्यीकरण होना भी बेहद जरूरी है। मगर अफसोस किसी को इसकी चिंता नहीं है।
कई बार हो चुका पेंचवर्क
लोक निर्माण विभाग पेंचवर्क के नाम पर बड़ा खेल करता है। सड़क की मरम्मत के नाम पर मोटा पैसा सरकारी खजाने से निकाला जाता है। मगर मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। गड्ढों में उलटा सीधा माल भरकर छोड़ दिया जाता है। जिसका नतीजा यह होता है कि पेंचवर्क होने के साथ साथ फिर से गड्ढे उधड़ने लगते हैं। मगर उसको कोई देखने वाला नहीं है। कोई इस खेल से पर्दा उठाने वाला नहीं है।