Monday, July 8, 2024
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मई माह में पारा पहुंचा 43 डिग्री के पार

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  • सीजन का सबसे गर्म दिन रहा शुक्रवार
  • इस बार गर्मी करेगी परेशान सेहत को भी होगी दिक्कत

जनवाणी संवाददाता |

मोदीपुरम: मई के महीने में अब तक की सबसे अधिक गर्मी का प्रकोप शुक्रवार को देखने को मिला। इस प्रचंड गर्मी का असर दिन निकलते ही शुरू हो गया और दिन भर सूरज की तपिश के साथ इस गर्मी ने लोगों को हलकान कर दिया। दिन का पारा 43 डिग्री पर पहुंच गया। सीजन का यह दिन अब तक का सबसे अधिक गर्म दिन रहा है। अगर पिछले 10 वर्षों का रिकार्ड मौसम विभाग का देखा जाए तो उससे साफ जाहिर होता है कि मई के महीने में अब तक 43 डिग्री पर तापमान पहली बार इस सीजन में पहुंचा है।

क्योंकि इस बार पहले ही विशेषज्ञ जाहिर कर चुके हैं कि गर्मी अधिक पड़ेगी और लोग गर्मी की चपेट में आने से बीमारी का भी शिकार होंगे। यह संकेत साफ तौर पर दिखाई भी देने लगे हैं। शुक्रवार को दिन का अधिकतम तापमान 43.0 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 23.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 51 एवं न्यूनतम आर्द्रता 25 प्रतिशत दर्ज की गई। कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही के अनुसार मई माह में ही पारा 45 डिग्री के आसपास पहुंचने की संभावना है। इस बार गर्मी का रुख अन्य वर्षों के मुकाबले अधिक देखने को मिलेगा।

पश्चिमी विक्षोभ के बदलाव से बढ़ रही गर्मी

पश्चिमी विक्षोभ के बदलाव के कारण गर्मी का असर बढ़ रहा है। हालांकि जून के प्रथम सप्ताह में मानसून आने की संभावना व्यक्त की जा रही है, लेकिन पहले मानसून केरल में आएगा। इसके बाद मानसून का असर यहां देखने को मिलेगा। मई के महीने में जिस तरह से गर्मी का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। उसी तरह जून के महीने में इस बार गर्मी अच्छी खासी रहेगी और गर्मी बढ़ने के कारण लोगों का जीना दुभर हो जाएगा। इसलिए इस बार गर्मी के मौसम में बेहद सावधानी बरतनी होगी।

प्रचंड गर्मी से बाजार, हाइवे सुनसान

शुक्रवार को अधिक गर्मी पड़ने के कारण बाजार हाइवे सुनसान हो गए। गर्मी की तपिश के कारण लोगों ने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है। क्योंकि गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में सुबह के समय ही घर से बाहर निकल रहे हैं। दोपहर के समय तो लोगों ने अब घरों से निकलना ही बंद कर दिया है। इसलिए सिर्फ सावधानी बरत कर ही लोग घर से बाहर निकले।

अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई से क्यों डर रहा प्रदूषण विभाग?

गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में प्रदूषण में भी अच्छा खासा इजाफा देखने को मिल रहा है। प्रदूषण विभाग की नाक के नीचे लगातार प्रदूषण हो रहा है, लेकिन विभाग के अधिकारी मौन साधे हुए हैं। महानगर में आज तक विभाग द्वारा ऐसे किसी भी अस्पताल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। जिससे अस्पताल संचालकों पर इसका असर देखने को मिला हो। अगर हम महानगर की बात करे तो यहां लगभग 1200 के करीब अस्पताल और लैब एवं क्लीनिक है। यहां से निकलने वाले कूड़ा-करकट जोकि मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खराब होता है और घरेलू कू ड़ा-करकट में नहीं डाला जा सकता है। उसे घरेलू कू ड़े-करकट में डाल दिया जाता है।

जिससे प्रदूषण का प्रकोप और बढ़ रहा है। ऐसे में सांस लेने में भी दिक्कत हो जाएगी। खास कर दमा एवं सांस के रोगियों के लिए यह प्रदूषण बेहद खतरनाक होता है। ऐसे में प्रदूषण विभाग पर अंगुली उठनी लाजिमी है। क्योकि विभाग द्वारा आज तक महानगर मे किसी भी अस्पताल के विरुद्ध विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रदूषण विभाग के रिकार्ड में देखा जाए तो उसमें सिर्फ और सिर्फ नोटिस भेजने की बात तो प्रकाश में आई है, लेकिन आज तक नोटिस भी शायद विभाग द्वारा भेजा गया हो। हालांकि प्रदूषण अधिकारी भुवनप्रकाश यादव का दावा है कि प्रदूषण विभाग द्वारा लगातार मॉनिटीरिंग की जा रही है। ऐसे अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

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