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जनवाणी ब्यूरो |
हरिद्वार: मानव जीवन परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ नियामत है। अनेक जन्म-जन्मान्तर के संचित कर्मो के फलस्वरूप श्रेष्ठतम मानव जीवन प्राप्त होता है। निराकार परमात्मा के साकार स्वरूप को मानव मात्र को देखने से अनुभव किया जा सकता है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय हरिद्वार की माता लालदेई यज्ञशाला मे शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के पर्याय मे आयोजित यज्ञ के अवसर पर यज्ञ के ब्रहमा प्रो0 मनुदेव बंधु ने कहा है कि जीवन मे मध्य मार्ग सदैव श्रेष्ठ होता है।
पंच तत्वों से बना संसार तीन गुण सतोगुण रजोगुण तथा तमोगुण से संचालित होता है। रजोगुण की प्रधानता उत्तेजना, विचार, इच्छाएं बढाती है। बहुत कुछ करने की इच्छा तथा अधिक खुशी एवं उदासी भी इस अवस्था से मिलती है। यह गुण जीवन को सर्वाधिक प्रभावित करता है।
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि व्यक्ति को श्रेष्ठ एवं मर्यादित कार्यो से दिन की शुरूआत करनी चाहिए] जो विचारो मे सकारात्मकता एवं आत्म चिन्तन का मार्ग प्रशस्त करती है। इस अवसर पर प्रो0 सत्यदेव निगमालंकार] प्रभारी शारीरिक शिक्षा एवं खेल डॉ0 अजय मलिक] डॉ0 प्रणवीर सिंह] डॉ0 विक्रम सिंह सहित अनेक संकायों के छात्र उपस्थित रहे।
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