Saturday, June 7, 2025
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Ramadan 2025: आज से हुई रमजान के महीने की शुरूआत, जानिए इस पाक माह का महत्व और सहरी इफ्तार का समय

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज रविवार से रमजान के पवित्र महीने की शुरूआत हो चुकी है। मुस्लिम धर्म में रमजान के महीने को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पाक महीना बेहद खास होता है। इन तीस दिनों में इंसान अल्लाह की इबादत करता है और अपने गुनाहों की माफी मांगता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान साल का नौवां महीना होता है। रमजान के दिनों में लोग हर दिन रोजा रखते हैं और आखिरी दिन खुदा का शुक्रिया करते हुई ईद-उल-फितर का त्योहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

दरअसल इस साल 28 फरवरी को चांद नजर नहीं आया था, ऐसे में इस्लाम के जानकारों और धर्मगुरुओं के मुताबिक 28 फरवरी शाबान 1446 हिजरी को रमजान का चांद दिखाई न देने के कारण रमजान का पहला दिन 02 मार्च 2025 को होगा और पहला रोजा इस दिन रखा जाएगा। आपको बता दें शब-ए-बारात के 14वें दिन रमजान का पवित्र महीना शुरू हो जाता है। दरअसल भारत में रमजान का महीना किस दिन से शुरू होगा यह मक्का में चांद के दिखाई देने पर निर्भर होता है। जिस दिन सऊदी अरब में चांद दिखाई देता है उसके अगले दिन भारत में पहला रोजा रखा जाता है और रमजान का पवित्र महीना शुरू हो जाता है।

क्यों रखते हैं रमजान पर रोजा?

रमजान के महीने में इबादत का विशेष महत्व है। रमजान के दौरान रोजे रखने के साथ पांचों वक्त की नमाज और तरावीह की विशेष नमाज का महत्व है। रमजान का पाक महीना रोजा रखने के साथ साथ आत्मसंयम, इबादत और जरूरतमंदों की मदद और सेवा करने का बेहतरीन मौका देता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार साल 610 में इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नौवें माह में मोहम्मद साहब को पवित्र कुरान शरीफ का ज्ञान प्राप्त हुआ था। तभी लेकर आज तक मुस्लिम धर्म के अनुयायी हर साल रमजान के पवित्र महीने में रोजा रखते हैं और अंत में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाते हैं।

इन नियमों से रखते है रोजा

रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा जरूर रखते हैं। रोजा रखने के लिए मुस्लिम धर्म के अनुयायी हर दिन सुबह सूर्योदय से पहले जिसे सहरी करते हैं। यानी सूर्योदय से पहले कुछ खाते हैं, फिर पूरे दिन कुछ भी नहीं खाते हैं और शाम को सूर्यास्त को इफ्तार करते हुए रोजा खोलते हैं। इस तरह से पूरे दिन रोजेदार बिना कुछ खाए-पिए रहते हैं।

रमजान के पूरे एक माह को 30 रोजे में बांटा जाता है और इसके तीन प्रमुख हिस्से होते हैं। पहले अशरा 10 दिन, दूसरा अशरा 10 दिन और तीसरा अशरा 10 दिन। पहला अशरा 10 दिन ‘रहमत’ का, दूसरा अशरा 10 दिन ‘बरकत’ का, तीसरा अशरा 10 दिन ‘मगफिरत’ का होता है।

देश के प्रमुख शहरों में सहरी और इफ्तार का समय

दिल्ली 2 मार्च

सहरी का समय- सुबह 05 बजकर 40 मिनट
इफ्तार का समय – शाम 06 बजकर 22 मिनट

लखनऊ 02 मार्च

सहरी का समय- सुबह 05 बजकर 11 मिनट
इफ्तार का समय – शाम 06 बजकर 09 मिनट

मुंबई 02 मार्च

सहरी का समय- सुबह 05 बजकर 44 मिनट
इफ्तार का समय – शाम 06 बजकर 45 मिनट

हैदराबाद 02 मार्च

सहरी का समय- सुबह 05 बजकर 22 मिनट
इफ्तार का समय – शाम 06 बजकर 23 मिनट

बेंगलुरु 02 मार्च

सहरी का समय- सुबह 05 बजकर 24 मिनट
इफ्तार का समय – शाम 06 बजकर 29 मिनट

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