- दर्जनो गौवंश को एक माह में मिलता है एक बोरी चोकर
- अधिकारियों को खुश करने के लिए कभी कभार होता है इंतजाम
जनवाणी संवाददाता |
भोपा : गोशालाएं प्रदेश की सरकारी प्रमुख योजनाओं में शामिल हैं। मगर क्षेत्र की कुछ गौशाला का बुरा हाल है। हाथी के दांत खाने के कुछ दिखाने के कुछ की तर्ज पर मात्र अधिकारियों को खुश करने के नाम पर गोवंश को अच्छा राशन उपलब्ध कराया जाता है|
गोशालाओं में पल रहे पशुओं के खाने के लिए न तो ढंग का हरा चारा है और न हीं भूसा। पशुओं को ठीक से इलाज भी नहीं मिल पाता है। हालात यह है कि गोशालाओं में दर्जनों गौवंश के लिए एक माह में एक बोरी चोकर उपलब्ध कराया जाता है जिसके कारण गोवंश की दुर्दशा हो रही है गोवंश की दुर्दशा पर न जिला प्रशासन ध्यान दे रहा और न ग्राम प्रधान।
मामला भोपा थाना क्षेत्र के गांव बेलडा की गौशाला का है गौशाला में इस समय लगभग एक दर्जन गोवंश मौजूद है गोवंश के लिए नहीं ढंग का चारा उपलब्ध है नहीं उनके लिए अच्छा राशन उपलब्ध कराया जाता है एक वायरल वीडियो में गौशाला का संचालन कर रहे व्यक्ति ने बताया कि गौशाला में 12 पशुओं के लिए एक माह में मात्र एक बोरी चोकर उपलब्ध कराया जाता है |
जब अधिकारी गोशाला का निरीक्षण करने आते हैं तभी गोशाला में खल चोकर की व्यवस्था की जाती है बीमार पशुओं को इलाज भी समय पर नहीं मिल पाता गोवंशो को खाने में जो चारा दिया जा रहा है वह बहुत ही घटिया स्तर का है जिसमें गन्ने की सूखी पत्तियों को काटकर चारे में मिलाकर खाने के लिए दिया जा रहा है
कुपोषण के कारण दम तोड़ रहे गौवंश
थानाक्षेत्र के बेलडा में बीते वर्ष मई माह में गौशाला में पशुओं का रखरखाव शुरू किया गया था उस समय गौशाला में आधा दर्जन पशु रखे गए थे वर्तमान में गौशाला में एक दर्जन पशु उपस्थित हैं जिनमे से सही आहार ना मिल पाने के कारण एक गोवंश बहुत ही कमजोर नजर आया जो अपने आप खड़े होने की स्थिति में भी नहीं है ग्राम प्रधान व सचिव के अनुसार अब तक चार पशु जिनमें से एक गाय एक बछड़ा काल के ग्रास में समा चुके हैं
चारा काटने की मशीन भी उपलब्ध नही
गौशाला में चारा काटने की मशीन भी उपलब्ध नही है और ना ही हरे चारे की व्यवस्था है ग्राम प्रधान के अनुसार वह पशुओं के लिए घर पर चारा काटकर गौशाला में भिजवाते हैं ।
ग्रामीणों के अनुसार सरकार द्वारा आवारा गोवंश के लिए ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधान की देखरेख गौशालाओं का निर्माण कराया गया है उसके बावजूद गांव में खुलेआम आवारा पशु घूम रहे हैं जो उनके खेतों में जाकर फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हैं।
वर्जन
ग्राम प्रधान ने बताया कि पंचायत निधि के खाते से पैसा नहीं निकल पा रहा है जिसके कारण पशुओं को उचित आहार नहीं मिल पा रहा है
वर्जन
ग्राम सचिव कुलदीप कुमार ने बताया कि पंचायत निधि खाते में लेनदेन की कुछ समस्या है जिसे ठीक कराया जा रहा है बैंक द्वारा इस संबंध में अपने हेड ऑफिस लेटर जारी किया गया है